Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में पार्टी नेताओं का सामूहिक उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव जीतने के लिए एकजुट होकर काम करना है और सरकार का नेतृत्व कौन करेगा, इस पर आलाकमान विधायकों से बातचीत के बाद फैसला करेगा। पायलट की टिप्पणी से कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि वह मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहते हैं लेकिन यह पद उन्हें छोड़ नहीं रहा है और शायद छोड़ेगा भी नहीं।
Rajasthan Politics: उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस अलाकमान का जो भी फैसला होगा वह सबको स्वीकार होगा। यहां कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान गहलोत के बयान के बारे में पूछे गए सवाल पर पायलट ने कहा कि इस पर प्रतिक्रिया देने की क्या जरूरत है? उन्होंने जो कहा होगा वो दशकों के अनुभव के आधार पर कहा होगा। हमारा सामूहिक उद्देश्य एकजुट होकर चुनाव लड़ना है और कांग्रेस जीतेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में परिपाटी है। पार्टी की जीत के बाद नेतृत्व विधायकों से बात करेगा और जो भी निर्णय लिया जाएगा वह सभी को स्वीकार्य होगा।
Rajasthan Politics: मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने इंटरव्यू के दौरान मुख्यमंत्री पद की दावेदारी जताई है। इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि राजस्थान में 3 दशकों से जो पुराना रिवाज चल रहा है। वह इस बार बदलेगा। राजस्थान में अब तक एक बार कांग्रेस तो दूसरी बार बीजेपी की सरकार बनी है। लेकिन हमने अच्छा काम किया है। इस कारण यह रिवाज टूटेगा और हमारी सरकार फिर से रिपीट होगी। गहलोत ने कहा कि हमने अच्छी योजनाओं से गवर्नेंस का मॉडल बनाया है।
Rajasthan Politics: सीएम गहलोत ने आगे कहा कि मैंने जानबूझकर ये कहा है कि ये पद मुझे नहीं छोड़ रहा। इसका मतलब ये नहीं कि मैं मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहता या नहीं बनूंगा। क्योंकि पार्टी जीतेगी तभी तो बन पाएंगे न। पार्टी तभी जीतेगी जब मालूम पड़े कि हमें किसको वोट देना है और किसके लिए देना है। अगर मैंने काम किया है और लोग ये कह रहे कि सीएम ने अच्छा काम किया है इसलिए वोट दे रहे हम लोग वो स्पेस मैं खत्म क्यों करूंगा।
Rajasthan Politics: पायलट के साथ मतभेद के सवाल पर गहलोत बोले- सचिन पायलट हमारा नौजवान साथी है। उनको केंद्रीय मंत्री बनवाने में मेरी भूमिका थी। मैंने ही सिफारिश की थी। जब मैं सीएम बन गया था तब मैंने ही उनकी सिफारिश की थी। उस वक्त उनकी मेरे से बात हुई । उन्हें मालूम है कि उनकी मैंने सिफारिश की। जब मैं केंद्रीय मंत्री बनाने के लिए उसकी सिफारिश कर सकता हूं तो कैसे मानूं कि उसके प्रति मेरा स्नेह नहीं है। उनके पिताजी हमारे साथ थे राजेश पायलट।
हम साथ-साथ पार्लियामेंट में घुसे हैं। जब मैं एमपी बना उनके पिताजी के साथ तब ये बच्चे थे तब से मैं इन्हें जानता हूं। डिफरेंसेज हो गए किसी कारण से मान लीजिए तो भूलो और माफ करो। यहां सभी लोग साथ मिलकर चल रहे हैं।
Written By: Swati Singh
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