Delhi Ordinance Bill: संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से चल रहा है और ये सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान केंद्र सरकार कई अहम बिलों को पास करवाने के लिए सदन में लाएगी। और इस बीच ये भी खबर आयी है कि दिल्ली में सेवाओं पर विवादास्पद अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक को भी सूचीबद्ध किया गया है। बता दें कि दिल्ली में सर्विस औप पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच लगातार तनातनी चल रही है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल इस विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचे थे। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में निर्णय सुनाया था। अब दिल्ली अध्यादेश को लेकर एक बड़ा अपडेट आ रहा है की आने वाले सोमवार यानी (31 जुलाई ) को दिल्ली अध्यादेश बिल को संसद में पेश किया जाएगा। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलबार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस बिल को मंजूरी दे दी गई है। इसीलिए देश भर की नज़र इस अध्यादेश पर बनी हुई है
Delhi Ordinance Bill: वहीं इस अध्यादेश को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का बीपी बढ़ रहा है। वो सभी विपक्ष दलों से इस अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांग रहे है। वैसे बहुत विपक्षी दल इस अध्यादेश के खिलाफ है। अब देखना ये होगा की ये अध्यादेश पास होता है या फिर नहीं।
Delhi Ordinance Bill: मई महीने में ही 19 तारीख को केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आई। इसका नाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अध्यादेश 2023 है। अध्यादेश के तहत अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर आखिरी फैसले का अधिकार एक बार फिर उपराज्यपाल के पास होगा। अब इस अध्यादेश को संसद में पास कराना होगा जिसके बाद यह कानून बनेगा।
Delhi Ordinance Bill: इसी साल मई महीने में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली के झगड़े पर एक फैसला सुनाया था। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया था कि “दिल्ली की ब्यूरोक्रेसी पर दिल्ली सरकार का कंट्रोल रहेगा और ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार भी उसी के पास रहेगा। वहीं केंद्र के पास पुलिस और जमीन के मामले इस फैसले के बाद केंद्र की ओर से अध्यादेश लाया गया।”
Delhi Ordinance Bill: विपक्षी दलों की पहली बैठक के बाद AAP ने कहा था कि दिल्ली में लाए गए केंद्र के अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस का समर्थन मिलने के बाद ही विपक्षी दलों की अगली बैठक में हिस्सा लेगी दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने आम आदमी पार्टी का काफी विरोध किया और समर्थन न देने की बात कही लेकिन आलाकमान ने समर्थन की घोषणा कर दी जिसके बाद केजरीवाल बेंगलुरु विपक्षी दलों की मीटिंग में पहुंचे अब इस मामले में दोनों दल एक हैं।
Delhi Ordinance Bill: सबकी नजर राज्यसभा के गणित पर है कि वहां क्या होगा 245 सीटों में से 7 सीटें जल्द खाली होंगी और 24 जुलाई के बाद राज्यसभा की संख्या 238 हो जाएगी उस हिसाब से बहुमत का आंकड़ा 120 होगा बीजेपी को पांच मनोनीत और दो निर्दलीय सांसदों का समर्थन मिलना तय है। इनको जोड़कर आंकड़ा सरकार के पक्ष 112 तक पहुंच जाएगा। हालांकि अब भी बहुमत से दूर केंद्र को बीएसपी, जेडीएस और टीडीपी के एक-एक सांसदों का भी समर्थन मिलने की उम्मीद है। बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस के 9-9 सदस्य हैं और इनकी स्थिति स्पष्ट नहीं है। यानी मुकाबला दिलचस्प होगा।
Delhi Ordinance Bill: दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल दिल्ली के लिए अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी पार्टियों से सहयोग मांग रहे हैं। हाल के दिनों में केजरीवाल सीएम नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, सीपीएम के नेता डी राजा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और सुप्रिया सुले समेत तमाम दलों के नेताओं से मुलाकात की थी।
Delhi Ordinance Bill: असल में केजरीवाल सरकार केंद्र के लाए इस अध्यादेश को राज्यसभा से पास नहीं होने देना चाहती। इसके लिए वह सभी विपक्षी पार्टियों से इसके खिलाफ समर्थन मांग रही है जिससे ये पास न हो सके। आम आदमी पार्टी जानती है कि केंद्र के लिए अध्यादेश को लोकसभा से पास कराना आसान है लेकिन राज्यसभा से पास कराने के लिए उसके पास बहुमत की कमी है।
Written By- vineet Attri.
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