Neymar: भारत में जब आजादी का जश्न मन रहा था, तब ब्राजील के स्टार फुटबॉलर नेमार ने अपनी नई पहचान बना ली। अभी तक फ्रांस के पेरिस सेंट-जर्मेन (PSG)क्लब के लिए खेलने वाले नेमार ने सऊदी अरब के अल-हिलाल क्लब से हाथ मिला लिया है। 15 अगस्त को इसकी आधिकारिक घोषणा की गई और नेमार के साथ क्लब ने 2 साल के समझौते का ऐलान किया।इस डील के लिए अल-हिलाल ने नेमार को 98 मिलियन डॉलर प्रति साल की रकम दी है, दो साल के समझौते में नेमार करीब 1500 करोड़ रुपये कमा रहे होंगे।
Neymar: 31 साल के नेमार फिलहाल फ्रांस के क्लब पेरिस सेंट जर्मेन के खिलाड़ी हैं और क्लब ने उन्हें लीग-1 के पहले मैच में लॉरेंट के खिलाफ टीम में नहीं चुना था। पीएसजी को इस मैच में जीत नहीं मिली और मुकाबला 0-0 की बराबरी पर रहा।
Neymar: अल हिलाल की टीम शनिवार (12 अगस्त) को अरब क्लब चैंपियंस कप के फाइनल में अल नस्र के खिलाफ हार गई थी। अल नस्त्र की टीम के कप्तान पुर्तगाल के महान खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो हैं। रोनाल्डो ने सऊदी अरब में अपना पहला खिताब जीता है। अगर नेमार अल हिलाल के साथ करार को पूरा करते हैं। तो वह रोनाल्डो के खिलाफ खेलेंगे।
Neymar: 37 साल की उम्र में रोनाल्डो के लिए ये डील कितनी अहम है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। कि वह सपरिवार रियाद में शिफ्ट हो गए। खुद सऊदी ने कई नियमों में रोनाल्डो के लिए ढील बरती है और उन्हें अपने साथ जोड़े रखा है। नेमार, रोनाल्डो के अलावा करीम बेंजामा, एंगोलो कांते, एवर बानेगा और रायद बोउदेबाउज़ जैसे स्टार प्लेयर्स भी अलग-अलग सऊदी अरब के क्लब से जुड़े हैं, इन सभी को करीब यूरोप के पुराने क्लबों से तीन गुना सैलरी मिली है।
Neymar: दूसरी ओर, स्टार फुटबॉल किलियन एम्बाप्पे को पीएसजी ने मुख्य टीम में शामिल कर लिया है। लीग-1 के दूसरे मैच में टॉलूसे के खिलाफ उन्हें खेलने का मौका मिल सकता है। वह लॉरेंट के खिलाफ पहले मैच के लिए नहीं चुने गए थे। पीएसजी एम्बाप्पे के साथ अनुबंध की स्थिति को भी सुलझाने की कोशिश कर रहा है। अब ऐसा लग रहा है कि एम्बाप्पे क्लब के साथ अपने करार को बढ़ा सकते हैं।
Neymar: सऊदी अरब अपनी लीग को बढ़ावा देने और खुद को फुटबॉल के नक्शे पर स्थापित करने के लिए पैसों की बरसात कर रहा है। और उसका मकसद बड़े प्लेयर्स को साथ लाना है, इसी कड़ी में अलग-अलग देशों, फेमस यूरोपीय क्लबों के खिलाड़ियों को साथ जोड़ा जा रहा है।
Neymar: सऊदी अरब का मूल फोकस खुद को फुटबॉल की दुनिया में काबिज करने का है, अभी सऊदी प्रोफेशनल लीग के अधिकतर क्लब चैम्पियंस लीग या ला लीगा जैसे टूर्नामेंट में नहीं भिड़ते हैं और ना ही उनका उन क्लब की टीमों से ज्यादा मुकाबला होता है।
Neymar: इसका भी एक अहम कारण है. सऊदी अरब की नज़र 2030 या उससे आगे के फुटबॉल वर्ल्ड कप पर है। वह इस वर्ल्ड कप की दावेदारी करना चाहता है, कतर के बाद इस इलाके का यह दूसरा देश होगा। जो इस तरह वर्ल्ड कप की मेजबानी के लिए आगे बढ़ रहा है। यही वजह है कि खुद को फुटबॉल की दुनिया में ट्रेंड में लाने, फैन्स के बीच पॉपुलर बनाने के लिए और खिलाड़ियों के बीच भरोसा पैदा करने के लिए सऊदी अरब ने अभी से ही काम शुरू कर दिया है।
Neymar: कई बड़े सऊदी अरब के फुटबॉल क्लब में इन्वेस्टमेंट हुआ है, अल-नसीर, अल-इत्तिहाद, अल-हिलाल और अल-अहली इन्हीं क्लबों में शामिल हैं और यही वो क्लब हैं जो बड़े खिलाड़ियों को साइन कर रहे हैं।
Written By: Vineet Attri
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