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ISRO: चंद्रयान-3 वाली योजना चुराना चाहता था अमेरिका, ISRO चीफ ने किया बड़ा खुलासा

ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला के विशेषज्ञ चाहते हैं कि भारत चंद्रयान-3 से जुड़ी अपनी टेक्नोलॉजी को अमेरिका के साथ साझा करे। तमिलनाडु के रामेश्वरम में डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित कर रहे ISRO प्रमुख ने कहा कि समय बदल गया है और भारत बेहतरीन उपकरण और रॉकेट बनाने में सक्षम है।

ISRO: सोमनाथ ने छात्रों से आगे कहा कि अब हम आप लोगों से कह रहे हैं कि आओ और रॉकेट, उपग्रह बनाएं और हमारे देश को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में और अधिक शक्तिशाली बनाएं। यह केवल इसरो ही नहीं है, हर कोई अंतरिक्ष में ऐसा कर सकता है। चेन्नई में एक कंपनी इसे बना रही है। रॉकेटों को अग्निकुल कहा जाता है और दूसरे को हैदराबाद में स्काईरूट कहा जाता है। भारत में, आज कम से कम पाँच कंपनियाँ रॉकेट और उपग्रह बना रही हैं।

ISRO: आयोजन स्थल पर उपस्थित युवा दर्शकों से कलाम की विचारधारा का पालन करने की अपील करते हुए, सोमनाथ ने कहा कि सबसे शक्तिशाली उपकरण सपने देखना है और कलाम सर ने आपसे कहा था कि आपको जागते समय सपने देखना चाहिए, रात में नहीं। क्या किसी के पास ऐसे सपने हैं? क्या कोई चंद्रमा पर जाना चाहता है? जब हमने चंद्रमा पर चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान उतारा, तो मैंने पीएम मोदी को बताया कि भारत चंद्रमा पर है। और उन्होंने पूछा कि आप किसी भारतीय को चंद्रमा पर कब भेजने जा रहे हैं? चंद्रमा। तो, यहां बैठे आप में से कुछ लोग यह काम करेंगे। आप में से कुछ लोग रॉकेट डिजाइन करेंगे जो चंद्रमा पर जाएगा।

अमेरिकी विशेषज्ञों ने वैज्ञानिक उपकरणों को  उच्च तकनीक वाला बताया

ISRO: सोमनाथ के मुताबिक, नासा-JPL के विशेषज्ञ चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग से पहले भारत आए थे। ISRO अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि अमेरिकी अंतरिक्ष विशेषज्ञों ने एक बात यह भी कही कि वैज्ञानिक उपकरणों को देखो, वे बहुत सस्ते हैं। इन्हें बनाना बहुत आसान है और ये उच्च तकनीक वाले हैं। आपने इन्हें कैसे बनाया? उनके मुताबिक अमेरिकी अंतरिक्ष विशेषज्ञों ने यह भी पूछा कि आप इसे अमेरिका को क्यों नहीं बेचते है।

न्यूजबाइट्स प्लस

ISRO: चंद्रयान-3 को 14 जुलाई 2023 को लॉन्च किया गया था। 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 की चांद की सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग हुई। सफल लैंडिंग के बाद रूस, अमेरिका और चीन के बाद चांद की सतह पर पहुंचने की उपलब्धि हासिल करने वाला यह दुनिया का चौथा देश बन गया। चंद्रयान-3 ने अपने सभी उद्देश्यों को पूरा कर लिया और इसने चांद की सतह पर सल्फर की भी खोज की।

Written By: Swati Singh 

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Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।

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