जयंत चौधरी: इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लग सकता है क्योंकि आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी बीजेपी के संपर्क में हैं। बागपत के छपरौली में होने वाली सभा भी आरएलडी ने कैंसिल कर दी है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि, बीजेपी ने छोटे चौधरी के सामने कठिन शर्त रखी है।
जयंत चौधरी: आपको बता दें कि वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री के साथ जयंत चौधरी की सोमवार देर रात मीटिंग हुई है। बीजेपी की तरफ से आरएलडी के विलय की शर्त रखी गई है। वहीं जयंत चौधरी ने 7 सीटों की मांग की है। हालांकि, अभी फॉर्मूला फाइनल नहीं हुआ है। जल्दी ही अगली मीटिंग होगी जिसमें विलय या गठबंधन पर फाइनल बातचीत होगी।
जयंत चौधरी: आरएलडी नेताओं ने बताया है कि 7 सीटों की डिमांड बीजेपी के सामने रखी गई है। 4 से 5 सीटों के बीच बात लगभग तय हो गई है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने ये 4 लोकसभा सीटें राष्ट्रीय लोकदल को ऑफर की हैं। इनमें कैराना, मथुरा, बागपत और अमरोहा के नाम शामिल हैं।
अब केवल आरएलडी मुखिया की तरफ से घोषणा का इंतजार है। वहीं सपा और INDIA गठबंधन का साथ छोड़ने को रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित जाखड़ ने बेबुनियाद बताया है।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “… जयंत चौधरी जी बहुत सुलझे हुए, वे राजनीति को समझते हैं, मुझे उम्मीद है कि किसानों की लड़ाई के लिए जो संघर्ष चल रहा है, वे उसे कमज़ोर नहीं होने देंगे।”
जयंत चौधरी: वहीं, सपा महासचिव शिवपाल यादव ने भी कहा है कि, “बीजेपी के लोग भ्रमित कर रहे हैं, हम जयंत चौधरी को जानते हैं वह INDIA गठबंधन के साथ मिलकर ही चुनाव लड़ेंगे और बीजेपी को हराएंगे।”
जयंत चौधरी की नाराजगी को लेकर ये कयास लगाए जा रहे हैं कि सीटों के प्रस्ताव को लेकर अखिलेश यादव से आरएलडी चीफ का मन खट्टा हो गया है। सूत्रों के अनुसार, दोनों दलों में सात सीटों पर बात हुई लेकिन सपा ने साथ ही ये शर्त सामने रख दी कि इनमें से चार सीटों पर रालोद के चुनाव चिह्न पर सपा के उम्मीदवार उतारे जाएंगे।
जयंत चौधरी: यूपी के समीकरण पर नजर डाल हुए आपको बता दें कि, पश्चिमी यूपी की सियासत में जाट समुदाय का दबदबा रहता है। यहां जाट वोट निर्णायक माने जाते हैं। रालोद के पारंपरिक वोटर्स जाट ही हैं। इसी लिए इसे जाट लैंड कहते है। यूपी के इस क्षेत्र में लोकसभा की 27 सीटें आती हैं। ऐसे में पश्चिमी यूपी पर सभी दलों की नजरें रहती हैं।
जयंत चौधरी: जानकार बता रहे हैं कि इस समय अयोध्या में राम मंदिर बन गया है राम भक्ति की लहर है और जाट समाज भी राम की भक्ति में डूबा है। यह बात जयंत चौधरी अच्छे से जानते हैं। वे यह भी जानते हैं कि जब सपा-बसपा और कांग्रेस के साथ गठबंधन में एक सीट नहीं जीत पाए तो इस बार सिर्फ सपा के साथ अलायंस में जीत की उम्मीद करना कितना ठीक रहेगा? और इससे पक्ष में किस हद तक परिणाम आ सकते हैं।
Written By: Vineet Attri
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