Pm Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हुए हैं। पीएम मोदी ने आज केवड़िया में आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लौहपुरुष के नाम से विख्यात सरदार वल्लभभाई पटेल की 148वीं जयंती पर गुजरात में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें याद किया।
Pm Modi: इस अवसर पर पीएम मोदी ने एकता की शपथ लेते हुए देशवासियों को भी राष्ट्रीय एकता, अखंडता और सुरक्षा की शपथ दिलाई। दरअसल, सरदार पटेल आजादी के बाद भारत के एकीकरण में अहम भूमिका निभाई थी। इसलिए जन्मदिन को राष्ट्र राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
Pm Modi: इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, “सरदार पटेल की जयंती पर हम उनकी अदम्य भावना, दूरदर्शी राजनेता और असाधारण समर्पण को याद करते हैं, जिसके साथ उन्होंने हमारे देश की नियति को आकार दिया। राष्ट्रीय एकता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता हमारा मार्गदर्शन करती रहती है। हम उनकी सेवा के सदैव ऋणी रहेंगे।”
Pm Modi: पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले 25 साल भारत के लिए इस शताब्दी के सबसे महत्वपूर्ण 25 साल हैं इन 25 वर्षों में हमें समृद्ध बनना है विकसित बनना है। उन्होंने कहा कि आज ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है जो भारत पा नहीं सकता, ऐसा कोई संकल्प नहीं है जो हम भारतवासी सिद्ध ना कर सकें, बीते 9 वर्षों में मैंने देखा है कि जब सबका प्रयास होता है तो असंभव कुछ नहीं रह जाता ।
Pm Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘संकल्प से सिद्धि का एक बहुत बड़ा उदाहरण हमारा ये एकता नगर भी है। आज एकता नगर की पहचान Global Green City के तौर पर हो रही है। यही वो शहर है जहां से दुनिया भर के देशों का ध्यान खींचने वाले Mission Life की शुरुआत हुई थी। यहां रिवर राफ्टिंग, एकता क्रूज, एकता मॉल, एकता नर्सरी, आरोग्य वन और जंगल सफारी आदि पर्यटकों को बहुत आकर्षित कर रहे हैं’ आज ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है, जो भारत पा न सके।
ऐसा कोई संकल्प नहीं है, जो हम भारतवासी मिलकर सिद्ध न कर सकें। बीते 9 वर्षों में देश ने देखा है कि जब सबका प्रयास होता है, तो कुछ भी असंभव नहीं रह जाता। किसने सोचा था कि कश्मीर कभी आर्टिकल 370 से मुक्त भी हो सकता है! लेकिन आज कश्मीर और देश के बीच आर्टिकल 370 की वो दिवार गिर चुकी है।
पीएम मोदी ने कहा, ‘देश की एकता के रास्ते में, हमारी विकास यात्रा में सबसे बड़ी रुकावट है- तुष्टिकरण की राजनीति। भारत के बीते कई दशक साक्षी हैं कि तुष्टिकरण करने वालों को आतंकवाद, उसकी भयानकता, विकरालता कभी दिखाई नहीं देती। तुष्टिकरण करने वालों को मानवता के दुश्मनों के साथ खड़े होने में संकोच नहीं हो रहा है।
वो आतंकी गतिविधियों की जांच में कोताही करते हैं, वो देशविरोधी तत्वों पर सख्ती करने से बचते हैं। तुष्टिकरण की ये सोच इतनी खतरनाक है कि वो आतंकियों को बचाने के लिए अदालत तक पहुंच जाती है। ऐसी सोच से किसी समाज या देश का भला नहीं हो सकता।
Written By: Poline Barnard
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