Iran Hijab Protest: ईरान का नाम सुनते ही मुस्लिम कट्टरपंथ का ख्याल दिमाग में अपने आप ही जाता है। हाल ही में इस देश में हिजाब को लेकर जमकर विरोध हो रहा है। लेकिन, जो भी इसके विरोध में अपनी अवाज उठा रहा तो वहां की कट्टरपंथी सरकार उन्हें सख्त से सख्त सजा दे रही है।
वहीं सरकार विरोधी प्रदर्शनों के सिलसिले में ईरान में मारे गए एक 23 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी मृत्यु से पहले आखिरी इच्छा जताते हुए है कहा कि “कोई भी उसका शोक न मनाए और न ही उसकी कब्र पर कुरान पढ़ें।”
Iran Hijab Protest: ईरान सरकार ने मजीदरेजा रहनवर्ड पर गंभीर आरोप लगाते हुए अदालत में दलील दी थी कि आरोपी को सख्त से सख्त सजा सुनाई जाए। मजीदरेजा पर आरोप है कि इसने सुरक्षाबलों के दो सदस्यों की चाकू मारकर हत्या की और चार अन्य लोगों को घायल कर दिया था जिसके बाद अदालत ने उसको मौत की सजा सुनाई।
इस दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया जिसमें रहनवर्ड को अपनी अंतिम इच्छा व्यक्त करते हुए दिखाया गया है। इसमें आंखों पर पट्टी बांधे और दो नकाबपोश गार्डों से घिरे रहनेवर्ड कैमरे से बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं।और वह बोलता है कि मैं चाहता हूं कि मेरी मौत के बाद कोई भी कुरान न पढ़े। मैं नहीं चाहता है कि कोई मेरी मौत पर दुखी हो। कोई भी किसी भी तरह की दुआ न करे। सभी लोग मेरी मौत का जश्न मनाएं, गानें बजाएं, खुश रहें।
Iran Hijab Protest: सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने महीनों से शासन को हिला कर रख दिया है। ईरान विरोध को “दंगे” कहता है और कहता है कि उन्हें इसके विदेशी दुश्मनों द्वारा प्रोत्साहित किया गया है।महिलाओं के लिए इस्लामी गणराज्य के सख्त ड्रेस कोड का कथित रूप से उल्लंघन करने के आरोप में पुलिस द्वारा गिरफ्तार कुर्द-ईरानी 22 वर्षीय महसा अमिनी की हिरासत में मौत के चार महीने पहले विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था।
आपको बता दें कि ईरान में हिजाब को लेकर पुरजोर विरोध हो रहा है और अब ईरान में पहली बार हिजाब का विरोध करने वाले शख्स को रिवोल्यूशनरी कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के उल्लंघन के आरोप में 5 लोगों को 5 से 10 साल की सजा भी सुनाई गई।
गौरतलब है कि न्यायपालिका की मिजान ऑनलाइन वेबसाइट की तो उसने बताया कि महसा अमिनी की मौत के बाद राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों के बीच ईरान ने रविवार को पहली मौत की सजा सुनाई थी।
Iran Hijab Protest: रिपोर्ट में बताया गया था कि आरोपी को एक सरकारी इमारत में आग लगाने, सार्वजनिक व्यवस्था को भंग करने, राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ अपराध करने की साजिश और ईरान के सबसे गंभीर कानून के तहत उसे मौत की सजा सुनाई गई थी।
बता दें कि ईरान की न्यायपालिका ने बासिज सुरक्षा बल के जवान की हत्या में 11 लोगों पर आरोप निर्धारित किए हैं। इन लोगों पर महसा अमीनी की सरकारी सुरक्षा बलों के हाथों मौत के बाद देश भर में बीते नौ सप्ताह से जारी आंदोलन में भाग लेने और अशांति फैलाने का आरोप है। यह जानकारी सरकार नियंत्रित समाचार एजेंसी इरना ने दी।
Iran Hijab Protest: इरना ने कहा था कि दोषी ठहराए गए 11 लोगों में 10 पुरुष और एक महिला है। इनके खिलाफ यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो उन्हें मृत्युदंड तक दिया जा सकता है। उल्लेखनीय है महसा अमीनी को हिजाब न पहनने के आरोप में धार्मिक नियमों का पालन कराने वाली पुलिस ने हिरासत में लिया था। हिरासत में पिटाई से उसकी मौत हो गई थी। उसके बाद ईरान में उग्र आंदोलन छिड़ गया है।
Iran Hijab Protest: आपको बता दें कि ईरान में हिजाब विवाद की शुरूआत 16 सितंबर को हो गई थी। जब 22 साल की लड़की महसा अमिनी की हिजाब ठीक ढंग से न पहनने पर ‘मॉरेलिटी पुलिस’ ने बड़ी बेरहमी से मार दिया था। उसके बाद एक और महसा जैसी मासूम लड़की जिसका नाम हदीस नजफी भी इन कट्टरपंथियों की भेट चढ़ गई। ईरान में अब तक हिजाब विवाद में 300 से ज्यादा की मौत के साथ ही 14 हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और बात करें घायलों कि तो हिजाब विरोध के दौरान हजारों की संख्या में लोग घायल हो चुके है।
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