Uttarakhand News: उत्तराखंड के जोशीमठ में हालात बिगड़ते चले जा रहे हैं। भू-धंसाव के चलते तमाम घरों और होटलों में दरारें पड़ गई हैं। प्रशासन ने असुरक्षित जोन घोषित किए हैं। ऐसे में दो घर और इमारतें सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, उन्हें जमींनदोज करने का काम 10 जनवरी, मंगलवार से शुरू हो रहा हैं।
राज्य सरकार ने जोशीमठ को तीन जोन में बांटने का फैसला किया है। ये जोन होंगे- डेंजर, बफर और सेफ जोन। ऐसे जोन में ऐसे मकान होंगे जो ज्यादा जर्जर हैं और रहने लायक नहीं हैं। ऐसे मकानों को मैन्युअली गिराया जाएगा, जबकि सेफ जोन में वैसे घर होंगे जिनमें हल्की दरारें हैं और जिसके टूटने की आशंका बेहद कम है। बफर जोन में वो मकान होंगे, जिनमें हल्की दरारें हैं, लेकिन दरारों के बढ़ने का खतरा है।
Uttarakhand News: बताया जा रहा है कि दरार पड़ने के चलते होटल लगातार पीछे की ओर झुकते जा रहे हैं। इसलिए सबसे पहले होटल मलारी इन और माउंट व्यू को ढहाया जाएगा। दोनों 5-6 मंजिला होटल हैं। इन होटलों को खाली करा दिया है। साथ ही प्रशासन की ओर से अनाउंसमेंट किया जा रहा है कि लोग होटलों से दूर हो जाएं।
वहीं दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट ने जोशीमठ मामले पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट 16 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- लोकतंत्र के जरिए चुने गए संस्थान है, जो इस मामले को देख रहे हैं। अब मामला हमारे पास लाना जरूरी नहीं।
होटल मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने कहा, “अगर लोगों के भले के लिए इमारत गिराई जानी है तो मैं सरकार के साथ हूं। फिर चाहे जरा सी ही दरार ही क्यों न आई हो। लेकिन मुझे नोटिस तो दिया जाना था। होटल का मूल्यांकन करते।
वहीं स्थानीय निवासियों ने आशियानों को तोड़े जाने पर भावुक नजर आए और उन्होंने अपने दुख को बयां करते हुए बिंदू ने कहा कि “हमारा 60 साल का आशियाना एक पल में खत्म हो गया। हमें नहीं पता कि हम कहां जाएंगे। हमें सरकार से कुछ भी मदद नहीं मिली। वह (सरकारी अधिकारी) आए और लाल निशान लगाया और (घर) खाली करने के लिए कह दिया।”
जोशीमठ भू-धंसाव मामले पर पीड़ित व्यक्ति मनीष ने कहा कि “हमारा बचपन यहीं बीता है। हमको अचानक घर खाली करने के लिए बोल रहे हैं। शासन-प्रशासन को परवाह नहीं है, वह(अधिकारी) हमारे पास आए और घर खाली करने के लिए बोले। हमारे परिवार में 7-8 लोग हैं। हमने पहले भी कई बार इसके बारे में सरकार को बताया था।”
बता दे कि जोशीमठ लैंडस्लाइड के लिए राज्य की पावर प्रोड्यूसर कंपनी NTPC के एक हाइड्रो प्रोजेक्ट को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। लोगों का कहना है कि NTPC के हाइड्रो प्रोजेक्टके लिए सुरंग खोदी गई, जिस वजह से शहर धंस रहा हैं। हालांकि NTPC इन सब बातों को खारिज कर दिया हैं।
इस दौरान चमोली के डीएम हिमांशु खुराना का कहना हैं कि ‘हमने असुरक्षित जोन घोषित किए हैं। वहां से लोगों को निकालने का सिलसिला जारी है, ज्यादातर लोगों को निकाल लिया गया हैं। सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की की टीम यहां आ रही है। उनके दिशानिर्देश पर असुरक्षित घरों को ध्वस्त किया जाएगा।’
फिलहाल रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट उत्तराखंड के जोशीमठ मौके पर मौजूद है और जोशीमठ की स्थिति को लेकर आर्मी बेस में प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा की गई।
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