संस्कृति

Maa Durga Festival: क्यों मनाई जाती हैं नवरात्री, पढ़िए महत्व व मनाने की विधि

Maa Durga Festival: हिंदुओ का एक प्रमुख पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है “नौ रातें”। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि वर्ष में दो बार आती हैं। पहली माघ मास की शुक्ल पक्ष में और दूसरी आषाढ़ माघ की शुक्ल पक्ष में नवमी तक मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ रातों में तीन देवियों– महालक्ष्मी, महासरस्वती या सरस्वती और महाकाली के नौ स्वरूपों को पूजा होती है जिनके नाम और स्थान क्रमशः इस प्रकार हैं।

शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री

भारत के विभिन्न भागों में अलग ढंग से मनाई जाती हैं नवरात्रि

गुजरात में इस त्योहार को बड़े पैमाने से मनाया जाता है। नवरात्रि समारोह में डांडिया और गरबा खेल कर मनाया जाता है, जो कि पूरी रात भर चलता है। डांडिया का अनुभव बढ़ा ही असाधारण है। देवी के सम्मान में भक्ति प्रदर्शन के रूप में गरबा आरती से पहले किया जाता है।

Maa Durga Festival: डांडिया समारोह उसके बाद पश्चिम बंगाल के राज्य में बंगालियों के मुख्य त्योहारों में दुर्गा पूजा बंगाली कैलेंडर में सबसे अलंकृत रूप में उभरा है। इस अद्भुत उत्सव का जश्न नीचे दक्षिण, मैसूर के राजसी क्वार्टर को पूरे महीने प्रकाशित करके मनाया जाता है ।

नवरात्रियों का क्या है महत्व?

नवरात्रि उत्सव देवी अम्बा का प्रतिनिधित्व है। वसंत को शुरुआत और शरद ऋतु की शुरआत जलवायु और सूरज के प्रभावों का महत्वपूर्ण संगम माना जाता है। ये दो समय में मां दुर्गा की पूजा के लिए पवित्र अवसर माना जाता है। त्योहार की तिथियां चंद्र कैलेंडर के अनुसार निर्धारित होती है।नवरात्रि पर्व, मां दुर्गा की अवधारणा भक्ति और परमात्मा की शक्ति की पूजा का सबसे शुभ और अनोखी अवधि मानी जाती है।

यह पूजा वैदिक युग से पहले, प्रागैतिहासिक काल से चला आ रहा है। ऋषि के वैदिक युग के बाद से नवरात्रि के दौरान की भक्ति प्रथाओं में से मुख्य रूप गायत्री साधना का है।नवरात्रि में देवी के शक्ति पीठ का महत्व अलग–अलग है। लेकिन माता का स्वरूप एक ही है। तो कहीं पर चामुंडा रूप में पूजी जाती है।

Maa Durga Festival: लासपुर हिमाचल प्रदेश मे नैना देवी नाम से माता के मेले लगते है तो वही सहारनपुर में शकुंभरी देवी के नाम से माता का भारी मेला लगता है। लोक मान्यताओं के अनुसार लोगों का मानना है, कि नवरात्रि के दिन व्रत करने से माता प्रसन्न होती है, व्रत करने का प्रावधान हिंदू धर्म के धर्म ग्रंथो में नहीं है।

Written By–Swati Singh

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खबर इंडिया स्टाफ

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