रक्षा मंत्रालय: मोदी सरकार 2.0 के आखिरी आम बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भले ही युवाओं को रोजगार देने की बात कही गई हो या फिर मोदी द्वारा इसे राष्ट्र हित में एक मजबूत कदम साबित किया हो, लेकिन बजट को सुनने के बाद बेरोजगार युवाओं ने मोदी से रोजगार देने की गुहार लगाई है। इतना ही नहीं रक्षा मंत्रालय के अधीन लंबित भर्ती के परीक्षा परिणाम को घोषित करने की भी मांग की है।
जानकारी के मुताबिक रक्षा मंत्रालय के अधीन मिलिट्री इंजीनियर सर्विस विभाग द्वारा बेरक सुरवाइजर और ड्राफ्टमैन के 572 पद के लिए मार्च 2021 में नोटिफिकेशन जारी किया गया था। इसके बाद मार्च से लेकर नवंबर 2021 तक परीक्षा और दस्तावेज सत्यापन का कार्य पूरा करा लिया गया, लेकिन आज तक 1600 बच्चों की फाइनल मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गई। युवाओं का आरोप है कि विभाग ने अधिकारी मैरिट लिस्ट को दबाकर बैठे हुए हैं और लगातार रक्षा मंत्री को गुमराह करके फाइनल मैरिट लिस्ट को बिना कारण बताए रोेके हुए हैं।
रक्षा मंत्रालय: पीड़ित युवा कई बार प्रधानमंत्री पोर्टल, राष्ट्रपति पोर्टल, रक्षा मंत्रालय को लेटर लिखकर यहां तक कि युवाओं ने सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाकर कई बार फाइनल मैरिट लिस्ट जारी करने की मांग की है, लेकिन इसके बाद भी आज तक पीड़ित युवाओं की कोई सुनवाई नहीं हो सकी है।
पीड़ित युवाओं ने राहुल गांधी, जयंत चौधरी, चिराग पासवान, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, संतोष गंगवार सहित कई बड़े नेताओं के माध्यम से भर्ती विभाग से फाइनल मैरिट लिस्ट जारी करने की मांग की है, लेकिन विभागीय अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।
All India(MES) Barrack & Stores Cadre Association के जनरल सेकेट्री आशीष कुमार नामदेव ने खबर इंडिया से बात करते हुए कहा कि हमने कई बार पीड़ित छात्रों को लेकर विभागीय अधिकारियों और रक्षा मंत्री से मुलाकात कर जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने की मांग की है, लेकिन इसके बाद भी न तो परीक्षा परिणाम सामने आए और न ही कोसी अधिकारी ने ठोस जवाब देना उचित समझा। वहीं नाम देव ने बताया कि वहीं तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी उक्त रिक्त पदों को भर्ती करने की बात कही थी।
रक्षा मंत्रालय: पीड़ित युवा जिला बुलंदशहर निवासी प्रेम कुमार कहते हैं कि पिछले करीब 14 महीने से हम परीक्षा परिणाम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ये इंतजार और कितना लंबा होगा ये नहीं कहा जा सकता। एकतरफ मोदी सरकार लगातार युवाओं को रोजगार देने की बात कह रही है दूसरी और विभागीय अधिकारी सरकार की छवि को खराब करने में लगे हुए हैं। हमें मोदी सरकार पर पूरा भरोसा है कि वह युवाओं के हित में कार्य करेगी।
वाराणसी निवासी पीड़ित छात्रा आकांक्षा गुप्ता कहती हैं कि मैंने लंबे समय परीक्षा की तैयारी करके परीक्षा दी। दस्तावेजों का सत्यापन कराया, लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी फाइनल मैरिट लिस्ट का इंतजार है। इस तरह के हालात देखकर लगता है कि मोदी सरकार रोजगार देने के नाम पर युवाओं को बेवकूफ ही बना रही है। कोई यह बताने वाला नहीं है कि परिणाम क्यों रोका गया है। हम आज हाथ पर हाथ रखकर घर बैठे हुए हैं और रोजगार मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
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