Aadiwasi Pratha: आदिवासियों को कहा जाता है कि वो इस दुनिया के प्राणी नहीं है। कुछ लोग उनके साथ ऐसा बर्ताव करते है जैसे वो दूसरे गृह से आए है । समाज से कटे कटे रहते है। दुनिया में क्या चल रहा है इसका भी शायद इनको भान नहीं रहता।
Aadiwasi Pratha: कुल मिला कर आप कह सकते है ये बहुत भोले–भाले लोग होते है। इनकी प्रथा भी और लोगों से अलग होती है। आपने देखा होगा कि एक सामान्य शादी में लोग दुल्हा–दुल्हन के सर पर हाथ रख कर आशिर्वाद देते है और उनके मंगलमय जीवन की कामना करते है।
आज तक आपने कई अजीबोगरीब शादी की परंपराओं के बारे में सुना और देखा होगा। लेकिन जो हम आपको बताने जा रहे हैं उसे जानकर आप दंग रह जाएंगे, क्योंकि यहां पर दुल्हन को आशीर्वाद देने का अजीब ही तरीका है।
Aadiwasi Pratha: हम बताने जा रहे है ऐसे आदिवासियों की कहानी जो कि केन्या के धने जंगलों के बीच रहती है।उनका रहना–सहना आम लोगों से अलग है और उनकी प्रथा भी अलग है। शादी से लेकर जीवन के अंतिम समय तक की प्रथा सामान्य लोगों से कुछ अलग ही है।
Aadiwasi Pratha: शादी के समय ये आदिवासी दुल्हन को आशिर्वाद भी कुछ अलग तरीके से देते है। जिसने भी इस शादी को देखा वो अचंभित रह गया। आप कहेंगे कि इसमें अजीब किया है तो, हम आपको बता दें कि हमारे यहाँ तो नाजो से पली बेटी को एक बाप जब विदा करता है, तो अपनी जान भी उसकी हथेली पर रख देना चाहता है और इनकी शादी में एक पिता ऐसी प्रथा को अंजाम देता है जिसने भी देखा वो अचंभित रह गया।
केन्या में आदिवासी समाज में एक पिता अपनी नाजो से पली बेटी की शादी में उसको थूककर आशिर्वाद देता है और साथ ही में बड़े–बूढ़े भी थूक कर ही आशिर्वाद देते है।
जब उनसे बात कि गई तो इस अजीबोगरीब प्रथा के बारे में तो उन्होंने बताया कि हमारी मसाई जनजाती की शादियों में थूक कर ही पिता अपनी बेटी को आशिर्वाद देता है। थूकने वाली परंपरा हमारे यहाँ सदियों से चली आ रही हैं और हमारे यहाँ इसको दुल्हन के लिए पिता का आशिर्वाद माना जाता है।
गौरतलब है कि इस जनजाति में जब बेटी की शादी होती है और लड़के के घर वालों को दहेज दिया जाता है, तो उसके बाद दुल्हन का सिर भी मुंडवाया दिया जाता है। इसके बाद दुल्हन अपने पिता के सामने घुटने टेकती है और घर के सभी बुजुर्गों का आशीर्वाद लेती है।
इस दौरान घर के बुजुर्ग दुल्हन के सिर पर और ब्रेस्ट पर थूकते हैं। कहते हैं कि ऐसा करना दुल्हन के लिए शुभ होता है। बता दें कि यह रिवाज सिर्फ नई नवेली दुल्हन नहीं बल्कि नवजात बच्चों के साथ भी किया जाता है।
मसाई समुदाय के लोगों का कहना है कि थूकना उनके यहां सम्मान की बात होती है। जब कोई मेहमान उनके यहां आता है तो वह भी इसी तरह से उनकी हथेली पर थूक कर उनका स्वागत करते हैं। इतना ही नहीं, शादी के दौरान लड़की के सिर और ब्रेस्ट पर थूकने के बाद जब लड़की ससुराल जाती है, तो लड़की को पीछे मुड़कर नहीं देखना होता है नहीं तो कहा जाता है कि दुल्हन पत्थर में बदल जाती है।
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