Happy Diwali: कहते है दीपावली खुशियों का त्योहार है लोग दिपावली के दिन नए-नए कपड़े पहनते है, 56 तरह के पकवान बनाते है। आस-पड़ोस में रहने वालों और अपनो का मूंह मीठा करवाते हैं। शाम को माँ लक्षमी जी की पूजा पूरे विधी-विधान से करते है। माँ से जीवन में धन वैभव रहे, शांति रहे और पूरे देश में अमन चैन रहे इसकी भी कामना करते है। लेकिन भूल जाते है तो उनको जो अपने घर वालो से दूर रहकर सरहद पर हाड़ कपा देने वाली ठंड को नजरअंदाज करते हुए वतन की रक्षा करते हैं। दुश्मन की नापात साजिशों को नेस्तनाबूद करने के लिए अपनी जान तक न्योछावर कर देते हैं। आइए उन शहीद सैनिकों के नाम पर दिया जलाए और उनको याद करते हुए नमन करें।
आओ झुककर सलाम करे उनको, जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,
खुशनसीब होते है वो लोग, जिनका खून वतन के काम आता है।
Happy Diwali: देश की रक्षा के लिए जिन वीर सैनिकों ने अपने प्राण न्यौछावर किए हैं, उनकी शहादत को कभी नहीं भुलाया जा सकता। संसार में सबसे कीमती होती है जिंदगी और हमारे सैनिक अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना देश की सीमाओं पर दुश्मन से लड़ते हैं। शहीद सैनिकों की कुर्बानी की ही देन है कि देश की सीमाएं सुरक्षित हैं।
Happy Diwali: देश के लिए मर मिटने वाले शहीदों को सम्मानित करना समस्त देशवासियों का कर्तव्य बनता है। देश के जवानों के कारण हम भारतवासी अपने-अपने घरों में अमन-चैन की जिन्दगी जीते हैं। आज देश की सीमाएं वीर सैनिकों की बदौलत ही सुरक्षित हैं। युद्ध ही नहीं आपदा और आतंरिक अशांति के दौरान भी सैनिकों की भूमिका किसी से छिपी नहीं है।
बहादुर सैनिकों के कारण ही आज देश के करोड़ों लोग खुली हवा में सांस ले रहे हैं। सैनिक हमारे देश के प्रहरी होते है, जब तक वे सीमा पर तैनात हैं। सीमा पर तैनात जवान परिवार से दूर रहकर दुर्गम परिस्थितियों में भी दुश्मनों से लोहा लेते हैं। राष्ट्र की सुरक्षा, अखंडता व एकता को बनाए रखने में सैनिक मुस्तैद रहते हैं, जिसके कारण ही देश की आम जनता सुख व शांति की नींद सोती है।
देश की रक्षा करते हुए हमारे जवान सैनिक बिना किसी चीज की परवाह किये आंधी-तूफान, गर्मी-सर्दी यहां तक शून्य से कई डिग्री नीचे के तापमान पर भी हमारी सुरक्षा के लिए सीमा पर खड़े रहकर दुश्मनों से हमारी रक्षा करते हैं।
Happy Diwali: देश के सैनिकों के कंधों पर देश व देशवाशियों की सुरक्षा का भार रहता है। सैनिक दिन रात सीमा पर कठिन परिस्थितियों में सुरक्षा करते हैं। जिसके बदौलत देश के लोग अमन चैन से जीवन व्यतीत करते है। देश के नागरिकों व आम जनता के बीच प्रेम स्नेह बनी रहे इसको लेकर कई बार सैनिक अपनी जान का बलिदान दिए हैं।
Happy Diwali: ‘शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशा होगा’… वतन पर जान लुटाने वालों के प्रति सम्मान में जगदंबा प्रसाद मिश्र ‘हितैषी’ जी द्वारा लिखी गई ये चंद पंक्तियों हर किसी को आज भी प्रभावित करती है ।
भारतीय सेना के सैनिकों ने कारगिल युद्ध में अद्धभुत वीरता का परिचय देते हुए विपरीत परिस्थितियों के बावजूद जीत हासिल की थी। 26 जुलाई 1999 का दिन भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। इसी दिन कारगिल चोटी को भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ कर मुक्त कराया था जिसमें 527 जांबाज सैनिकों को अपनी जान की आहुति देनी पड़ी थी। कारगिल युद्ध में भारतीय सेना के सैनिकों ने जिस जोश, जज्बा और जुनून से पाकिस्तानी सैनिकों व आतंकवादियों के छक्के छुड़ाये उसकी चर्चा आज भी बड़े ही गौरव के साथ की जाती है।
Happy Diwali: भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में हुई भीषण जंग में 2862 भारतीय सैनिकों को अपनी शहादत देनी पड़ी थी। भारतीय सेना के जवानों के हौसलों के आगे पाकिस्तान के सेना बौनी हो गयी थी। 1965 की भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ जंग में अकेले दम पर दुश्मन के कई टैंकों को ध्वस्त कर असाधारण बहादुरी का परिचय देने वाले देश के रणवांकुरों में ‘परमवीर चक्र’ अब्दुल हमीद का नाम भी पूरे सम्मान से लिया जाता है।
प्रत्येक भारतीय को अपने सैनिकों के शौर्य पराक्रम पर गौरव की अनुभूति होना चाहिए । साहित्यकार माखनलाल चतुर्वेदी जी की देश-प्रेम से ओत-प्रोत उनकी प्रसिद्ध कविता “पुष्प की अभिलाषा “की सुन्दर पंक्तियाँ का सैनिकों के शौर्य पराक्रम के संदर्भ में मैं उल्लेख कर रहा हूँ :
चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं, प्रेमी-माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ,
चाह नहीं, सम्राटों के शव पर हे हरि, डाला जाऊँ,
चाह नहीं, देवों के सिर पर चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ।
मुझे तोड़ लेना वनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक,
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने, जिस पथ जावें वीर अनेक
मेरा मानना है कि आज अगर आप और हम सभी भारतवासी अपने त्योहार प्रसन्नता पूर्वक मनाते हैं तो इसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ देश के जांबाज सैनिकों को ही जाता है जो कि विपरीत मौसम और परिस्थितियों के बावजूद सीमा की सुरक्षा करते हैं।
हर भारतीय शहीद सैनिकों का कर्जदार है इसलिए हमारा भी फर्ज बनता है कि इन शहीदों को याद करें और उनके परिवारों को भी इन खुशियों में साथ शामिल करें। हर त्योहार पर ना सही पर कम से कम दिवाली के त्योहार पर तो शहीदों को याद किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्हीं की बदौलत हम चैन की सांस ले रहे हैं।
देशभर में शहीद के लिए ‘एक दिया शहीदों के नाम’ कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। दीपावली की दीपमालाओं में एक दीया देशवासियों की सुरक्षा में लगे सजग प्रहरियों के नाम भी जलाया जाये। एक दीया उनके लिए भी हो जो सुरक्षा करते-करते शहीद हो गये।
हर व्यक्ति को आगे बढ़कर शहीदों का सम्मान करना चाहिए। शहीदों का सम्मान प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है, क्योंकि सैनिकों की बदौलत ही हम अपने घरों में ईद, होली, दशहरा और दीपावली मना पाते हैं।
Happy Diwali: आइए इस दिवाली हम शहीद सैनिकों के नाम एक दीपक जलाएं, जिन्होंने ने देश की आन, बान और शान के लिए अपने जान तक की बाजी लगा दी। शहीद सैनिकों के सम्मान में एक दीपक आप कहीं भी जैसे किसी शहीद स्मारक, किसी शहीद की प्रतिमा पर अथवा किसी सार्वजनिक स्थल पर जलाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अवश्य अर्पित करें ।
आइए इस दीपावली के मौके पर हम अपने देश के अमर शहीदों को याद कर उन परिवारों के साथ खड़े हों, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सपूत खोया है। देशवासियों को अमर शहीद सैनिकों की याद में इस दिवाली पर एक दीया अवश्य जलाना चाहिए, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके।
Yudhveer Singh Lamba (Guest Writter)
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