Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार आजकल कई मौर्चों पर लड़ रही है। चाहे वो आर्थिक बदहाली हो, बढ़ती महंगाई हो या राजनीतिक उथल-पुथल ही क्यों न हों। पाकिस्तान सरकार को समझ ही नहीं आ रहा है कि वो इन विपरीत परिस्थितियों से कैसे पार पाए। पाकिस्तान की आवाम बढ़ती महंगाई से त्रस्त है। पाकिस्तान के लोग आटा, दाल,दूध, दही के लिए भी मोहताज है। इसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते है कि पाकिस्तान की आवाम कितनी मुश्किलों में जी रही है।
आप इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते है कि आटे की सुरक्षा के लिए AK-47 लिए पाकिस्तानी पुलिस के सिपाही उस ट्राली की सुरक्षा में लगे हुए है। फिर भी पाकिस्तानी की आवाम अपनी जान की बाजी लगा कर भी आटे को लूट लेना चाहते है।
Pakistan Economic Crisis: पीएम शहबाज शरीफ को IMF (इंटरनेशनल मोनेटरी फंड) से बहुत उम्मीदें थी कि IMF उसकी डूबती नैया को सहारा देगा। लेकिन अब खबर ये है कि IMF ने पाकिस्तान को ठेंगा दिखाते हुए शरीफ सरकार को लोन (बेलआउट फंड) देने से मना कर दिया। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान और इंटरनेशनल मोनेटरी फंड के बीच बातचीत विफल रही है।
वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के वित्त सचिव का कहना है कि दिवालियापन को रोकने के लिए जल्द ही एक डील हो सकती है। पाकिस्तान सरकार की ये ही कोशिश है कि इस बैठक का मकसद नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए 1.1 अरब डॉलर का नया लोन उपलब्ध करवाना था।
Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान के निजी चैनल जियो न्यूज के मुताबिक, फाइनेंशियल सेक्रेटरी हमीद शेख ने कहा कि पहले से जरूरी कदमों पर आईएमएफ के साथ बातचीत हुई है। जल्द ही कुछ अहम फैसला लिया जाएगा। पाकिस्तान के सरकारी टीवी चैनल ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से कहा कि कुछ बिंदुओ पर अभी भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
AFP की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेशनल मोनेटरी फंड का प्रतिनिधि मंडल पिछले हफ्ते ही पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति जानने इस्लामाबाद पहुंचा था। इस बैठक में बेलआउट फंड को लेकर सहमति नहीं बन पाई है, क्योंकि पाकिस्तान ने पहले से ही आईएमएफ से बेलआउठ फंड ले चुका है और इसकी किस्त महीनों से रुकी हुई है। पाकिस्तान अपने मित्र देशों से मदद की मांग कर रहा है। चीन पहले से ही पाकिस्तान की सहायता देने की मांग को ठुकरा चुका है। UAE और साउदी अरब से ही उसको उम्मीद है कि वो उसको इस मुश्किल से बाहर निकालेगा।
गौरतलब है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार तेजी से गिर रहा है। अगर पाकिस्तान को कहीं से भी सहायता नहीं मिलती है तो पाकिस्तान की आवाम भूख से ही मर जाएगी। शहबाज शरीफ सरकार की ये ही कोशिश है कि कैसे भी किसी भी देश से सहायता ली जाए जिससे देश की आर्थिक स्थिति को संभालने और सभारने का मौका उनको मिल सके।
Written By- Mohit Singh
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