Rajasthan: सीएम अशोक गहलोत राजनिति के काफी मंझे हुए खिलाड़ी हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में बड़े-बड़े नेताओं को पल भर में धूल चटा दी है, लेकिन लंबे समय से वो राष्ट्रवादियों और विपक्ष के निशाने पर चल रहे हैं। उनके ऊपर पर वक्त-वक्त पर मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप लगते रहते हैं। वो और उनकी सरकार ऐसे फैसले लेती है कि लगता है कि वो किसी भारत के अंतर्गत आने वाले राज्य की सरकार न होकर पाकिस्तान में स्थित किसी राज्य की सरकार है।
सोशल मीडिया पर विपिन खन्ना के ट्वीट के हवाले से एक खबर आयी है राजस्थान से जिसने भी सुनी और देखी उसके होश उड़ गए। साहब राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग ने एक ऐसा फैसला लिया जिसकी वजह से गहलोत सरकार पर इस्लामीकरण करने का आरोप लग रहा है। ये राजस्थान में ग्रामीण ओलम्पिक की क्रिकेट और कबड्डी टीम का selection देखिए ! चौंकिए मत ये राजस्थान में होने वाले खेल की टीम है #पाकिस्तान की नहीं !
इस लिस्ट को आप देखेंगे तो आपको लगेगा कि शायद राजस्थान में केवल विशेष संप्रदाय के लोग ही ज्यादा काबिल हैं। शिक्षा विभाग की लिस्ट में हमने एक नहीं, दो नहीं साहब कई बार खिलाड़़ियों की लिस्ट देखी कि शायद कोई एक ऐसा भी खिलाड़ी मिल जाए, जिसका किसी और धर्म से संबंध हो, लेकिन हमको निराशा ही हाथ लगी और हमें क्या जिसनें भी इस लिस्ट को देखा उसको काफी अचरज हुआ और गुस्सा भी आया।
राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक का आयोजन राजस्थान सरकार द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर 29 अगस्त से एक सितंबर, ब्लॉक स्तर पर 12 सितंबर से 15 सितंबर, जिला स्तर पर 22 सितंबर से 25 सितंबर और राज्य स्तर पर 2 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक होगा। यह आयोजन खेल विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं स्थानीय प्रशासन के समन्वय से किया जा रहा है।
बता दें कि ग्रामीण ओलंपिक का नाम कांग्रेस नेता राजीव गांधी के नाम पर रखने को लेकर चल रहा है विवाद पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नसीहत देते हुए कहा कि खेलों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। और साथ ही उन्होंने आगे कहा कि हम खेल भावना के साथ खेलों का आयोजन करना चाहते हैं और ये राजनीति का विषय नहीं हैं।लेकिन वो खुद इस्लामिकरण करते हुए नजर आ रहे है?
ऐसा पहले बार नहीं हुआ कि गहलोत सरकार पर इस्लामीकरण का आरोप लगा हो आपको याद दिला दें कि सीएम गहलोत पर अक्सर तुष्टीकरण की नीति का समर्थन करने का आरोप लगता ही रहता है।
आपको बता दें कि तारीख थी 23 अप्रैल जब गहलोत सरकार ने 300 साल पुराने शिवालय पर बुलडोजर चलवाकर उसे जमींदोज कर दिया। तब लोगों ने कहा था कि क्या गहलोत औरंगजेब बन गए है? कहा तो ये भी जा रहा था कि हिंदूओं की भावनाओं को तार–तार करने के मकसद से ही गहलोत सरकार नें शिव मंदिर को बुलडोजर से तुड़वाया था।
हद तो तब हो गई जब प्राचीन मंदिर में हिंदुओं की आस्था के केंद्र में रहने वाले देवों के देव महादेव के शिवलिंग को ड्रील मशीन की सहायता से उखाड़ दिया गया।देश के हिंदुओं का साथ ही राजस्थान के हिंदुओं की भावना इस खबर से काफी आहत हुई थी। यही कारण है कि राजस्थान की जनता उस वक्त पूरे प्रदेश में गहलोत सरकार का जमकर विरोध कर रही है। इतना ही नहीं इस विरोध का परिणाम आने वाले चुनावों में कांग्रेस और गहलोत सरकार को भुगतना पड़ सकता है।
बीजेपी के विधायक दिलावर ने गहलोत को निकम्मा हिंदू तक कह दिया और साथ ही ये भी कहा था कि ये कैसा हिंदू हैं जो मंदिरों को बुलडोजर से तुड़वा रहा हैं। उसको तो ये सब करने में शर्म भी नहीं आई। बड़ा ही बेशर्म आदमी है गहलोत… इससे पहले भी गहलोत सरकार ने हिंदुओं की भावनाओं को ठेष पहुंचाते हुए। राजस्थान के सलासर में राम दरवार को भी बुलडोजर से तुड़वा दिया था।
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