Written By- Kajal Chaudhary (Guest Writer)…
Special Diwali 2022: आज की दीवाली पैसे वालों की दीवाली रह गई है, पैसों से खरीदी गईं तमाम फुलझड़ियों की चकाचौंध में लोग अपनी असली संस्कृति को ही भूल गये। दीपावाली मनाने के सही मायने ही भूल गये। समाज साक्षर तो हुआ, लेकिन अपनी संस्कृति को दरकिनार कर दिया। ये बात में यूं ही नहीं बोल रही साहब, मैंने देखा है ऐसा।
Special Diwali 2022: कभी दौर वो भी था, जब लोग एक दूसरे को समान मानकर त्यौहारों पर समाज में एक गरीब परिवार के घर भी ऐसा ही माहौल बनाते थे जैसा सम्पन्न परिवारों में होता था। सभी एक-दूसरे के घर जाते थे दुख-दर्द को बांटते थे।
समाज को संगठित रखने का प्रयास करते थे। लेकिन समय गुजरता गया और लोगों की आत्मीयता खत्म होती चली गई। आज के दौर में समाज बिल्कुल बदल चुका है। बहरहाल! बात करेंगे शीर्षक में लिखी पक्तियों की।
Special Diwali 2022: एक दौर ऐसा भी था जब समाज का एक तबका जिसको कुम्हार बोलते हैं। जिनमें दीवाली का त्यौहार आते ही खुशी की लहर चल उठती थी, क्योंकि दीवाली पर दीये का कारोबार बढ़ जाता था। जिससे उनकी रोजी-रोटी चलती थी। लेकिन बदलते समय के दौर ने समाज ने अपने घरों में उजाला तो विदेशी लाइटों से कर लिया, लेकिन इस दीवाली के त्यौहार पर उन कुम्हारों के घरों में अंधेरा कर दिया।
Special Diwali 2022: मुझें दुख होता है, जब सनातनियों के सबसे बड़े त्यौहार समाज का एक टुकड़ा अपने घरों में उमंग का उजाला नहीं कर पाता। जिनका न सरकारों ने साथ दिया और न ही समाज सहारा बन पाया। हालांकि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने थोड़ा ध्यान दिया जो अयोध्या में मिट्टी के दीये जलाने का विश्व रिकार्ड बनाने का कार्य करेगी, उससे सम्पूर्ण कुम्हार समाज का तो नहीं लेकिन कुछ का तो भला होगा ही और दीवाली अच्छे से मन सकेगी।
Special Diwali 2022: मैं काजल चौधरी स्नातक की छात्रा हूँ, उम्र तो मेरी उतनी नहीं है, कि समाज का सम्पूर्ण ज्ञान हो। लेकिन इतनी जागरुक जरूर हूँ, कि बुरे भले का अच्छे से ज्ञान है। तो बस यही कहुंगी कि अपने लिए जिये तो क्या जिये, कभी अपनों के लिए भी जीओ। जिनके यहां त्यौहारों पर उमंग का उजाला नहीं होता।
वो भी अपने ही भाई-बहन और अपनी समाज का हिस्सा हैं। इसीलिए सभी को में खबर इंडिया के माध्यम अनुरोध करती हूं, कि ज्यादा नहीं तो हर एक हिंदू परिवार अपने घर में 21 मिट्टी के दीये जरूर जलायें, ताकि कुम्हार भाईयों के घरों में उमंग का उजाला हो सके।
Special Diwali 2022: ध्यान रहे ये सिर्फ कुम्हारों के लिए फायदे का सौदा नहीं आपका भी है, क्योंकि जब भगवान श्री राम अयोध्या लौटे थे, तो उनकी खुशी में जब किसी ने विदेशी फुलझडियां नहीं, बल्कि घी से भरे मिट्टी के दीये ही जलाये थे। इसीलिए अपनी संस्कृति की ओर लौंटे।
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