Uttarakhand UCC: समान नागरिक संहिता पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “समान नागरिक संहिता की लंबे समय से सबको प्रतीक्षा थी। बहुत जल्द सबकी प्रतीक्षा समाप्त हो रही है, कल हम इसे विधानसभा में पेश करेंगे और आगे इसपर चर्चा होगी
Uttarakhand UCC: “उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “…समान नागरिक संहिता की लंबे समय से सबको प्रतीक्षा थी… बहुत जल्द सबकी प्रतीक्षा समाप्त हो रही है, कल हम इसे विधानसभा में पेश करेंगे और आगे इसपर चर्चा होगी। मेरा अन्य दलों के साथियों से भी अनुरोध है… इस चर्चा में सकारात्मक रूप से भाग लें…”
Uttarakhand UCC: समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक का उद्देश्य नागरिक कानूनों में एकरूपता लाना है। यानी प्रत्येक नागरिक के लिए एक समान कानून होना।समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा।
अनुच्छेद 44 राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का हिस्सा है। यह राज्य से सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता के लिए प्रयास करने का आग्रह करता है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।
Uttarakhand UCC: समान नागरिक संहिता विभिन्न पर्सनल लॉज़ के अंतर्गत महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव और उत्पीड़न को दूर करके लैंगिक न्याय एवं समानता सुनिश्चित करेगी। यह विवाह, तलाक़, उत्तराधिकार, गोद लेने, भरण-पोषण आदि मामलों में महिलाओं को समान अधिकार और दर्जा प्रदान करेगी।
भारतीय राज्य गोवा गोवा नागरिक संहिता का पालन करता है। यह नागरिक कानूनों का एक समूह है, मूल रूप से पुर्तगाली नागरिक संहिता, जो 1961 में राज्य के भारतीय विलय के बाद भी लागू किया जा रहा है।
Uttarakhand UCC: यूनिफॉर्म सिविल कोड में सभी वर्ग के लोगों को लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए रजिस्ट्रेशन को जरूरी किया जाएगा। लिव- इन रिलेशनशिप में रहने वालों को अपनी जानकारी देना अनिवार्य होगा। ऐसे रिश्तों में रहने वाले लोगों को अपने माता- पिता को भी जानकारी देनी होगी। लिव- इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए पुलिस में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। वहीं, यूसीसी लागू होने के बाद विवाह रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया जा सकता है। हर शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए गांव- कस्बे में सुविधा दी जाएगी। बिना रजिस्ट्रेशन विवाह अमान्य माने जाएंगे। बिना रजिस्ट्रेशन विवाहित जोड़ों को सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
Uttarakhand UCC: विधानसभा चुनाव 2022 के बाद सीएम धामी ने यूसीसी लागू करने के लिए जस्टिस देसाई की अध्यक्षता में समिति बनाई थी। ड्राफ्ट तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री ने समिति का तीन बार कार्यकाल बढ़ाया। इस दौरान समिति ने ऑनलाइन और ऑफलाइन आधार पर जनता से यूसीसी को लेकर सुझाव आमंत्रित किए। ड्राफ्ट कमिटी ने उप समिति बनाकर उन्हें समाज के विशिष्ट लोगों, समाजसेवियों, धार्मिक नेताओं, संतों और जागरूक नागरिकों के साथ चर्चा की और सुझाव लिए। कमिटी ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का दौरान किया। ओपन बैठकें में लोगों से सुझाव लिए। कमिटी को करीब ढाई लाख सुझाव प्राप्त हुए। करीब 30 अलग- अलग बैठकों में उसे कई महत्वपूर्ण सुझाव मिले। समिति ने केंद्रीय विधि आयोग के साथ भी यूसीसी पर चर्चा की। इस मैराथन कवायद के बाद समिति ने ड्राफ्ट तैयार किया है।
जस्टिस रंजना देसाई वाली ड्राफ्ट कमिटी शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। तीन फरवरी को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार यूसीसी की ड्राफ्ट रिपोर्ट पर चर्चा होगी। इस विधेयक को मंजूरी देगी। इसके बाद 5 फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान यूसीसी विधेयक को सदन पटल पर रखा जाएगा। छह फरवरी को इसे सदन में लाए जाने की संभावना है। सदन से पारित होने के बाद इसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह अधिनियम बन जाएगा। सियासी गलियारों में यूसीसी का ड्राफ्ट राष्ट्रपति को भेजे जाने को लेकर भी चर्चा चल रही है।
Written By: Swati singh
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