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Yasin Malik Verdict: यासीन मलिक की गिरफ्तारी पर बौखलाया पूरा पाकिस्तान, इमरान खान ने मोदी सरकार को बताया फांसावादी

Yasin Malik Verdict: जेकेएलफ नेता यासीन मलिक की गिरफ्तारी पर पूरा पाकिस्तान तिलमिलाया है। पाकिस्तान के राजनेताओं में बौखलाए हुए नजर आ रहें हैं। और लोगों ने बयानबाजी करनी शुरू कर दी है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मोदी सरकार को फांसीवादी सरकार तक बता दिया।

बता दें कि गत 19 मई को यासीन मलिक ने अपने ऊपर लगे आरोपो को कबूला था। 25 मई बुद्धवार को यासीन मलिक को एनआईए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई और उस पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया। बीते गुरुवार को कोर्ट ने उसे टेरर फंडिंग में उसे दोषी ठहराया था, और एनआईए की मांग थी कि उसे फांसी की सजा दी जाए।

गौरतलब है कि यासीन मलिक का कहना था कि क्या सबूत है कि मैंने आतंकियों का समर्थन किया है। लेकिन यासीन मलिक की उम्रकैद की सजा के बाद सबसे ज्यादा बौखलाहट पाकिस्तानियों में ही नजर आ रही हैं।

Yasin Malik Verdict: पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट करते हुए भारत की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं कश्मीरी नेता यासीन मलिक के खिलाफ मोदी सरकार की फांसीवादी नीति की कड़ी निंदा करता हूं. इसमें यासीन को अवैध रूप से जेल में रखने से लेकर फर्जी आरोपों में उन्हें सजा देना शामिल है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत अधिकृत कश्मीर में हिंदुत्व फासीवादी मोदी सरकार के राज्य पोषित आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

Yasin Malik Verdict: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मलिक के समर्थन में ट्वीट करते हुए लिखा कि दुनिया को भारत के जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक कैदियों के साथ भारत सरकार के दुर्व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए। JKLF प्रमुख यासीन मलिक को फर्जी आतंकवाद के आरोपों में दोषी ठहराना और भारत में मानवाधिकार के हनन की आलोचना करने वाली आवाजों को चुप कराने का निरर्थक प्रयास है। मोदी सरकार को इसके लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए।

उन्होंने दूसरा ट्वीट भी किया और कहा कि आज का दिन भारतीय लोकतंत्र और उसकी न्याय प्रणाली के लिए एक काला दिन है। भारत यासीन मलिक को शारीरिक रूप से कैद कर सकता है लेकिन वह कभी भी उस स्वतंत्रता के विचार को कैद नहीं कर सकता जिसका वह प्रतीक है। बहादुर स्वतंत्रता सेनानी के लिए आजीवन कारावास कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार को नई गति प्रदान करेगा।

अब बात अगर पाकिस्तान के विदेश मंत्री कि बिलावल भुट्टो जरदारी की करें तो उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि भारत ने यासीन मलिक को झूठे आरोपों में फंसाया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं मनगढ़ंत आरोपों में यासीन मलिक को भारतीय अदालत द्वारा गलत तरीके से दोषी ठहराए जाने की कड़ी निंदा करता हूं. यासीन मलिक भारत अधिकृत जम्मू-कश्मीर के हुर्रियत नेताओं के बीच प्रमुख आवाज हैं. दशकों से भारत द्वारा उनका उत्पीड़न किया जा रहा है और उनके दृढ़ संकल्प को इस तरह से नहीं हिलाया जा सकता।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सांसद नाज बलोच ने अपने एक ट्वीट में लिखा, ‘संयुक्त राष्ट्र को फासीवादी मोदी सरकार के द्वारा मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए. कश्मीर के वीर सपूत यासीन मलिक को झूठे आरोप में सजा देना मानवता के खिलाफ अपराध है। आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए उनका शांतिपूर्ण संघर्ष प्रेरणादायी है।

इमरान खान सरकार में सूचना मंत्री रहे चौधरी फवाद हुसैन ने मलिक को अपना हीरो बताते हुए ट्वीट किया था, ‘पीटीआई यासीन मलिक की सजा की कड़ी निंदा करती है। पाकिस्तान के लोग हर स्वतंत्रता सेनानी के साथ खड़े हैं और यासीन मलिक हमेशा हमारे हीरो रहेंगे।

पीटीआई नेता शिरीन मजारी ने ट्वीट किया, ‘फासीवादी मोदी सरकार यासीन मलिक को हमेशा से प्रताड़ित करती रही है और इस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की खामोशी खतरनाक है। ऐसा लगता है कि भारत और इजरायल का राज्य पोषित आतंकवाद पश्चिमी देशों को स्वीकार्य है।

शर्मनाक!

 

पाकिस्तानी क्रीकेटर शाहिद अफरीदी ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि मानवाधिकार हनन के खिलाफ बोलने वालों को चुप कराने के भारत के निरंतर प्रयास निरर्थक हैं. यासीन मलिक के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप कश्मीर की आजादी के संघर्ष को रोक नहीं पाएंगे। संयुक्त राष्ट्र से आग्रह है कि वो कश्मीर के नेताओं के खिलाफ अनुचित और अवैध कार्रवाई पर ध्यान दे।

पाकिस्तान के जाने-माने पत्रकार हामिद मीर ने ट्विटर पर लिखा, ‘कश्मीरी नेता यासीन मलिक ने भारत की अदालत में कहा कि वो अपने ऊपर लगे आरोपों को चुनौती नहीं देंगे। कोर्ट उन्हें आतंकवादी घोषित करेगा। कोर्ट ने नेल्सन मंडेला के बारे में भी यही घोषित किया था लेकिन इतिहास ने कभी भी अदालत के फैसले को सही नहीं ठहराया।

भारत में उच्चायुक्त रह चुके पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित ने इस मामले को लेकर भारतीय कोर्ट पर सवाल खड़े किए हैं। पूर्व राजनयिक ने तो भारत की अदालत को ‘कंगारू’ ही करार दे दिया।

उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा, ‘शर्मनाक! मैं कहता हूं कि भारत की ‘कंगारू’ अदालत के द्वारा ये न्यायिक आतंकवाद निंदनीय है और मोदी के नेतृत्व में भारत के एक फासीवादी देश में बदलने और इस गंभीर खतरे को क्षेत्र में और आगे बढ़ने से पहले दुनिया को जागना चाहिए।

वहीं मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस के नेताओं की तरफ से यासीन मलिक के बारे में कोई ट्वीट आया क्या? यह सिद्ध करता है कि यासीन मलिक कांग्रेस का पोषित आतंकवादी था। कोर्ट ने उसे आतंकवादी सिद्ध किया है। यह साबित हो गया है कि कांग्रेस देश तोड़ने वालों के पीछे हैं।

वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने टेरर फंडिंग केस में यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा होने पर कहा है कि कोर्ट ने अपना काम किया है जो जैसा करता है वैसे भरता है।

आप को बता दें कि प्रतिबंधित जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को गत आज 2 मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। मलिक को कुल 9 मामलों में सजा सुनाई गई है, इनमें से एक मामले में सबसे कम 5 साल की सजा का ऐलान किया गया है तो वहीं दो मामलों में सबसे ज्यादा उम्रकैद की सजा मिली है, ये सभी सजा एक साथ चलेंगी कोर्ट ने मलिक पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

बता दें कि कोर्ट में यासीन ने जज से कहा किबुरहान वानी को मारने के एलान के बाद से ही मैं लगातार जेल में रहा तो मेरे ऊपर केस कैसे बनते हैंजिस पर कोर्ट ने कहा कि अब ये मौका नहीं है। वहीं यासीन से इस बात के जवाब में कहा कि मैं आपसे भीख नहीं मांगुंगा ओपको जो सजा देनी है दीजिए।गौरतलब है कि  एनआईए की विशेष अदालत ने यासीन मलिक के खिलाफ  यूएपीए  की धारा -16 आतंकवादी गतिविधियों में शमिल होना धारा-17 आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाना। धारा 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचना ), धारा-20(आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होना) और आईपीसी की धारा 120 बी यानी आपराधिक साजिश रचना, 124 ए यानी देशद्रोह समेत अन्य धाराओं में आरोप तय किए थे।    

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Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।

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