मेरी कलम से

Bhagat Singh: राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है, मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आज़ाद है

Bhagat Singh: इस कहानी में एक ऐसे महान क्रांतिकारी के बारे में बतायेंगे, जिसे पढ़ रौंगटे खड़े हो जायेंगे। एक ऐसा बालक जिसकी उम्र महज 12 वर्ष रही हो और देश के दुश्मनों को मिटाने का जज्बा रखता हो। भांगावाला से बने उसी भगत सिंह की कहानी जिसने देश के लिए मात्र 23 वर्ष की उम्र में खुशी से फांसी का फंदा चूम लिया हो।

जलियांवाला हत्याकांड ने बना दिया क्रांतिकारी

भगत सिंह की उम्र महज 12 वर्ष रही होगी, जब 13 अप्रैल 1919, पंजाब में स्वर्ण मंदिर के समीप जलियांवाला बाग नामक स्थान पर बैसाखी के दिन ब्रिटिश ऑफिसर जनरल डायर ने अंधाधुंध गोलियां चलवा कर हजारों लोगों की हत्या तथा अनेक लोगों को घायल कर दिया था। इस घटना का भगत सिंह पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा एवं यही घटना ही भारत में ब्रिटिश सरकार के अंत की शुरुआत का कारण बनी।

भगत सिंह की शांत ज्वालामुखी को सक्रिय किसने किया?

भगत सिंह का संबंध देशभक्त परिवार से था, वह शूरवीरों की कहानियां सुन कर बड़े हुए थे। साथ ही विद्यालय में उनका संपर्क लाला लाजपतराय तथा अंबा प्रसाद जैसे क्रांतिवीरों से हुआ। उनकी संगति में अब भगत सिंह के अंदर की शांत ज्वालामुखी सक्रिय अवस्था में आ रही थी और इन सब के मध्य 1920 में हो रहे गांधी जी के सविनय अवज्ञा आंदोलन ने भगत सिंह में देशभक्ति के जोश को चरम पर पहुँचा दिया था।

करतार सिंह सराभा से प्रभावित

भगत सिंह नौ साल के थे, तो उन्हें करतार सिंह सराभा की शहादत के बारे में पता चला। करतार सिंह सराभा ने भी देश की स्वतंत्रता के लिए हंसकर फांसी का फंदा चूमा। भगत सिंह पर सराभा के बलिदान का बहुत असर हुआ। भगत सिंह ने किसी अख़बार से करतार सिंह सराभा की एक तस्वीर काट ली, जिसे वह हर समय अपने पास रखते थे।

लाला लाजपत राय के मृत्यु का बदला

साइमन कमीशन के भारत आने के वजह से पूरे देश में विरोध प्रदर्शन प्रारंभ हो चुका था। 30 अक्टूबर 1928 के दिन एक दुखद घटना घटित हुई जिसमें लाला लाजपत राय के नेतृत्व में साइमन कमीशन के खिलाफ विरोध कर रहें युवाओं तथा लाला लाजपत राय की लाठी से पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।

Bhagat Singh:  लाला लाजपत राय अपने अंतिम समय में भाषण में कहा था- “मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक चोट ब्रिटिश साम्राज्य के कफ़न की कील बनेगी” और ऐसा ही हुआ। इस दुर्घटना से भगत सिंह को इतना आहात पहुंचा की उन्होंने चद्रशेखर आज़ाद, राजगुरु, सुखदेव व अन्य क्रांतिकारियों के साथ मिलकर लाला लाजपत राय के मृत्यु के ठीक एक महिने बाद ब्रिटिश पुलिस ऑफिसर सांडर्स को गोली से उड़ा दिया।

देशभक्ति की भावना उनके दिलों में समाई हुई थी और तभी भगत सिंह ने कहा था…..

“सर फ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,

देखना है ज़ोर कितना बाजुए कातिल में है।”

असेंबली में बम फेंकना और फिर फांसी चढ़ जाना

भगत सिंह व बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल 1929 को ब्रिटिश सरकार के क्रूरता का बदला केंद्रीय असेम्बली पर बम फेंक कर लिया तथा गिरफ़्तारी के बाद गांधी जी समेत अन्य लोगों के अनेक आग्रह करने पर भी उन्होंने मांफी मांगने से इंकार कर दिया। 6 जून 1929 दिल्ली के सेशन जज लियोनॉर्ड मिडिल्टन के अदालत में भगत सिंह ने अपना ऐतिहासिक बयान दिया और उन्हें राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फांसी की सजा सुनाई गई। इस समय गांधी-इरविन समझौता हुआ था जिससे यह उम्मीद थी की और कैदियों के साथ-साथ भगत सिंह की फांसी की सज़ा मांफ कर दी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

Bhagat Singh:  23 मार्च 1931 को अंग्रेजों ने तीनों को फांसी दे दी। फांसी की खबर सुनकर पूरा शहर जेल के पास इकट्ठा हो गया। रात के अंधेरे में सरकार उन्हें फांसी देकर जेल के पिछले रास्ते से उनके शवों फ़िरोज़पुर ले गए। इकट्ठा ही उनकी चिता बना कर उन पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी और उनकी अधजली लाशों को सतलुज नदी में बहा दिया।

भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव

Bhagat Singh:  सरदार भगत सिंह की कुर्बानी ने पूरे भारत में ब्रिटिश विरोधी संघर्ष को और तेज़ कर दिया। इसने अन्य युवाओं को भी बलिदान देने के लिए प्रोत्साहित किया। अंततः अंग्रेज़ हार गए और 15 अगस्त, 1947 को भगत सिंह के नक्शेकदम पर चलने वाले योद्धाओं के सामने अपने घुटने टेक कर भारत देश को छोड़कर चले गए।

ये भी पढ़ें..

Fifa World Cup: कतर का शरिया कानून, सिंगल्स को सेक्स करते पाये जाने पर 7 साल की जेल

UP News: गाजियाबाद में धर्मांतरण का मामला, 9 साल के हिंदू बच्चे सोनू का किया जबरन खतना

Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।

Recent Posts

रायबरेली और अमेठी से कांग्रेस के उम्मीदवार घोषित, जानिए कौन देगा स्मृति ईरानी को टक्कर

नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट पर…

6 hours ago

IPL 2024: रोमांचक मुकाबले में हैदराबाद ने राजस्थान को 1 रन से हराया

IPL 2024:इंडियन प्रीमियर लीग 2024 का 50 वां मुकाबला सनराइजर्स हैदराबाद और राजस्थान रॉयल्स के…

7 hours ago

IPL 2024: कोलकाता और मुंबई के बीच खेला जाएगा रोमांचक मुकाबला, जानें हेड टू हेड आंकड़े और पिच का मिजाज?

इंडियन प्रीमियर लीग 2024 का 51 वां मुकाबला मुंबई इंडियंस और कोलकाता नाइट राइडर्स के…

7 hours ago

T-20 World Cup:T-20 वर्ल्ड कप के लिए माइकल वॉन ने चुनी टॉप 4 टीमें, इस टीम को नहीं दिया मौका फैंस भड़के

T-20 World Cup:इंग्‍लैंड के पूर्व बल्लेबाज और कप्‍तान माइकल वॉन ने आगामी T-20 वर्ल्‍ड कप…

1 day ago

IPL 2024:राजस्थान और हैदराबाद के बीच खेला जाएगा रोमांचक मैच जानें हेड टू हेड आंकड़े और पिच का मिजाज?

IPL 2024:इंडियन प्रीमियर लीग 2024 का 50 वां मुकाबला सनराइजर्स हैदराबाद और राजस्थान रॉयल्स के…

1 day ago

IPL 2024: पंजाब ने चेन्नई को 7 विकेट से रौंदा, जारी रखी प्ले ऑफ में पहुंचने की उम्मीद

IPL 2024: इंडियन प्रीमियर लीग 2024 का 49 वां मुकाबला चेन्नई सुपर किंग्स और पंजाब…

1 day ago