Manish Sisodia: दिल्ली शराब नीति मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला आया है। पिछले 8 महीनों से जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट भी राहत नहीं मिली है। सोमवार को सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया। बता दें कि मनीष सिसोदिया ने 1 मार्च को दिल्ली के डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दिया था।
Manish Sisodia: दिल्ली शराब नीति में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के चलते मनीष सिसोदिया को इसी साल 26 फरवरी को अरेस्ट किया गया था। जमानत याचिकाओं पर न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने सुनवाई की, मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अभी ट्रायल शुरू होने दीजिए, इसके तीन महीने बाद नई अर्जी दाखिल की जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में 338 करोड़ रुपये के मनी ट्रांसफर के संबंध में एक बार पहले भी कहा जा चुका है।
Manish Sisodia: इससे पहले सरकार की उत्पाद शुल्क नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले में हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि कि उनके खिलाफ आरोप ‘बहुत गंभीर प्रकृति के’ हैं।
Manish Sisodia: सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया था। सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलील में अदालत में कहा था कि सीधे तौर पर सिसोदिया से जुड़ा कोई सबूत नहीं है, और सभी कबूत दास्तावेज प्रकृति के हैं। इसलिए उन्हें सलाखों के पीछे रखने की कोई जरूत नहीं है। इस दौरान उन्होंने दलील दी थी कि उनके (सिसोदिया) के भागने का कोई खतरा नहीं है।
इस दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने अडिशनल सॉलिसिटर जनरल से सवाल किया था कि अगर रिश्वतखोरी के मामले में अपराध के संकेत नहीं है तो फिर पीएमएलए का केस साबित करना मुश्किल है। ईडी और सीबीआई के वकील से सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया था कि पूर्वानुमान के आधार पर आप चल नहीं सकते हैं।
सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने कहा था कि किसी शख्स को केवल इसलिए अनंत काल के लिए सलाखों के पीछे नहीं रखा जा सकता है कि ट्रायल कोर्ट में चार्ज पर सुनवाई नहीं शुरू हुई है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस खन्ना ने कहा था कि एक बार जब चार्जशीट दाखिल हो जाए तो फिर आप इस तरह से किसी को जेल में नहीं रख सकते हैं। किसी को अनिश्चित समय के लिए जेल में सलाखों के पीछे नहीं रखा जा सकता है।
Manish Sisodia: दरअसल, दिल्ली शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया फरवरी से ही जेल में हैं। 17 अक्टूबर को जब उनकी जमानत पर सुनवाई हुई, तो अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। सिसोदिया पर दिल्ली शराब नीति में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है। पिछली सुनवाई में सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और घोटाले से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
फिर भी उन्हें आरोपी बनाया गया है. दिल्ली शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार होने वाले सिसोदिया इकलौते नेता नहीं हैं। हाल ही में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था। उनके तार भी ईडी ने इस घोटाले से जोड़े थे. संजय सिंह भी अभी हिरासत में ही हैं। आम आदमी पार्टी ने अपने नेताओं पर लगे आरोपों को सिरे नकारा है।
Written By : Poline Barnard
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