‘Veer Bal Diwas’ Live Update: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में ‘वीर बाल दिवस’ के मौके पर आयोजित ऐतिहासिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। पीएम मोदी करीब तीन सौ बाल कीर्तनियों की ओर से प्रस्तुत शब्द कीर्तन में भी शामिल हुए।
पीएमओ ने एक बयान में कहा कि पीएम मोदी लगभग 300 बाल कीर्तनियों द्वारा किए जाने वाले “शब्द कीर्तन” में शामिल होंगे और लगभग 3,000 बच्चों द्वारा किये जाने वाले ‘मार्च-पास्ट’ को हरी झंडी दिखाई।
‘Veer Bal Diwas’ Live Update: पीएम मोदी ने कहा कि “शहीदी सप्ताह और वीर बाल दिवस हमारी सिख परंपरा के लिए भावों से भरा जरूर है लेकिन इससे आकाश जैसी अनंत प्रेरणा जुड़ी हैं। वीर बाल दिवस हमें याद दिलाएगा कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय आयु मायने नहीं रखती। यह याद दिलाएगा कि दस गुरुओं का योगदान क्या है?”
पीएम मोदी ने शहीदी दिवस पर कहा कि “यह अतीत हजारों वर्ष पुराना नहीं है। यह सब कुछ इसी देश की मिट्टी पर केवल 3 सदी पहले हुआ। एक ओर धार्मिक कट्टरता और उस कट्टरता में अंधी मुगल सल्तनत और एक ओर ज्ञान और तपस्या में तपे हुए हमारे गुरु, भारत के प्राचीन मानवीय मूल्यों को जीनें वाली परंपरा है।”
‘Veer Bal Diwas’ Live Update: उन्होंने ये भी कहा कि “एक ओर मजहबी उन्माद और दूसरी ओर सब में ईश्वर देखने वाली उदारता। इस सबके बीच एक ओर लाखों की फौज और दूसरी ओर अकेले होकर भी निडर वीर साहिबजादे। यह साहिबजादे न किसी से डरे और न ही झुके…”
‘Veer Bal Diwas’ Live Update: मोदी ने कहा “औरंगजेब के आतंक की ख़िलाफ़ भारत को बदलने के उसके मंसूबों के ख़िलाफ़ गुरु गोविंद सिंह जी पहाड़ की तरह खड़े थे। लेकिन जोरावर और फतेह सिंह साहब जैसे कम उम्र के बालकों से औरंगजेब की क्या दुश्मनी हो सकती थी? दो निर्दोष बालकों को दीवार में ज़िंदा चुनवाने जैसी दरिंदगी क्यों की गई?”
उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि “इसलिए की गई क्योंकि औरंगजेब और उसके लोग गुरु गोविंद सिंह के बच्चों का धर्म तलवार के दम पर बदलना चाहते थे।”
‘Veer Bal Diwas’ Live Update: पीएम मोदी ने कहा कि “हमें इतिहास के नाम पर वह गढ़े हुए नरेटिव बताए और पढ़ाए जाते रहे जिससे हमारे अंदर हीन भावना पैदा हो। लेकिन हमारी परंपराओं ने इन गौरव गाथाओं को जीवित रखा। अगर हमें भारत को भविष्य में सफलता के शिखरों तक लेकर जाना है तो हमें अतीत के संकुचित नजरियों से भी आज़ाद होना होगा।”
वहीं मध्य प्रदेश में भी ‘वीर बाल दिवस’ के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया जिसमे सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि “गुरू गोविंद सिंह जिन्होंने देश और पंथ की रक्षा की खातिर अपना बलिदान दिया और उनके साथ चारों साहबजादे शहीद हुए। इस शहादत को प्रणाम करने के लिए वीर बाल दिवस मनाने का फैसला किया गया। इनका बलिदान हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत है।”
गौरतलब है कि गुरु गोविंद सिंह द्वारा आनंदपुर का किला छोड़ने के बाद सरसा नदी पार करते समय सारा परिवार बिछड़ गया। दोनों छोटे साहिबज़ादे ज़ोरावर सिंह व फतेह सिंह अपनी दादी माता गूजरी जी के साथ अलग रास्ते चले गए। उनके ही एक सेवक के विश्वासघात के कारण सरहिंद के नवाब वज़ीर खान ने उन्हें बंदी बना लिया और बाद में जीवित ही दीवार में चिनवा दिया। इस दिन को यानि की 26 दिसंबर को शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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