Loksabha Election 2024 के पहले कांग्रेस नेतओं का पार्टी से पलायन जारी है। गुरूवार 4 अप्रैल को सुबह दो बड़े नेताओं ने कांग्रेस पार्टी का हाथ छोड़ दिया। पहला बड़ा नाम गौरव वल्लभ का था। कांग्रेस पार्टी से अपने इस्तीफे पर गौरव वल्लभ ने कहा है कि मैंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर मेरे दिल की सारी भावनाएं उसमें व्यक्त कर दीं हैं। वहीं कांग्रेस का दामन छोड़ने वाले दूसरे बड़े नेता का नाम संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) है हालांकि, पार्टी का कहना है कि अनुशासनहीनता की वजह से निरुपम को कांग्रेस से निष्कासित किया जा रहा है, वहीं प्रेस वार्ता के दौरान संजय निरुपम ने अपनी बात रखते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है।
वहीं वल्लभ बीते कई महीनों से पार्टी की ओर से टेलीविजन कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे थे और लंबे समय से उनकी कोई प्रेस वार्ता भी नहीं हुई थी। बल्लभ का दावा था कि, “कांग्रेस जमीन से पूरी तरह कट चुकी है और वह नए भारत की आकांक्षा को नहीं समझ पा रही है जिसके कारण पार्टी न तो सत्ता में आ पा रही है और न ही मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा पा रही है। वल्लभ का यह भी कहना है कि, पार्टी ने अयोध्या में राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम से दूर रहने का जो रुख अपनाया उससे वह क्षुब्ध भी हुए।”
गौरव वल्लभ का यह भी कहना था कि, “जब मैंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी तो तब मेरा मानना था कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है। यहां पर युवा और बौद्धिक लोगों के आइडिया की कद्र होती है, लेकिन बीते कुछ सालों में मुझे यह महसूस हुआ कि, पार्टी का मौजूदा स्वरूप नये आइडिया वाले युवाओं के साथ खुद को एडजस्ट नहीं कर पाती है। इन सब बातों को लक्ष्य करते हुए आज गौरव वल्लभ ने कांग्रेस का त्याग कर BJP के खेमें में शामिल हो गए हैं।”
आपको बता दें कि एक दिन पहिले ही बॉक्सर विजेंद्र के बीजेपी में शामिल होने से कांग्रेस को एक बड़े खाते का सामना करना पड़ा था, ये झटके का असर अब पूरा हुआ नही के कांग्रेस को अगले दिन एक नए झटके का सामना करना पड़ा।
उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने इस्तीफे को शेयर करते हुए कहा, “कांग्रेस पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसमें मैं ख़ुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा, मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता। इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहा हूं।”
उन्होंने आगे लिखा कि “बड़े नेताओं और ज़मीनी कार्यकर्ताओं के बीच की दूरी पाटना बेहद कठिन है जो कि राजनैतिक रूप से जरूरी है। जब तक एक कार्यकर्ता अपने नेता को डायरेक्ट सुझाव नहीं दे सकता तब तक किसी भी प्रकार का सकारात्मक परिवर्तन संभव नहीं है।”
कांग्रेस पार्टी से अपने निष्कासन पर संजय निरुपम ने कहा, “पहले कांग्रेस पार्टी में एक पावर सेंटर हुआ करता था… लेकिन इस समय कांग्रेस पार्टी में पांच पावर सेंटर है और पांचों की अपनी लॉबी है जो आपस में टकराती रहती है… इन पांचों सेंटर में सबसे पहले सोनिया गांधी हैं, दूसरे सेंटर में राहुल गांधी, तीसरे में प्रियंका गांधी, चौथे में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और आखिरी में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल जी हैं… यह सब अपने प्रकार से राजनीति कर रहे हैं…”
कांग्रेस पार्टी से अपने निष्कासन पर संजय निरुपम ने कहा, “मैंने कल एक घोषणा की और लगभग बजे मल्लिकार्जुन खरगे जी को अपना इस्तीफा भेज दिया… कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से बिखरी हुई पार्टी है और पार्टी के नेताओं ने भी कहा है कि इसकी विचारधारा दिशाहीन है…”
Written By- Poline Barnard.
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