Kanhaiya Lal Murder Case: दिल्ली की जामा मस्जिद की शाही इमाम सय्यैद अहमद बुखारी ने उदयपुर घटना की निंदा करते हुए कहा कि “उदयपुर में क्रूर हत्या ने मानवता को झकझोर दिया है… यह न केवल कायरता का कार्य है, बल्कि गैर-इस्लामिक, अवैध और अमानवीय भी है।”
इससे पहले जमीयत उलेमा–ए–हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने उदयपुर में की गई निर्मम हत्या की निंदा की और साथ ही जमीयत उलेमा–ए– हिंद के प्रेस सचिव द्वारा भेजे गये एक बयान में उन्होंने कहा, जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया उसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता, यह देश के कानून और हमारे धर्म के खिलाफ है।
उन्होंने कहा, हमारे देश में कानून की व्यवस्था है, किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। इसके साथ ही मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने देश के सभी नागरिकों से और खासकर मसलमानों से अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने और देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाने की अपील की है।
लेकिन सवाल ये उठता है कि जब नुपुर शर्मा ने मोहम्मद साहब पर विवादित बयान दिया था तब सारे इसलामिक देशों ने साउदी अरब से लेकर कतर तक और पाकिस्तान से लेकर इरान तक सभी इस्लामिक देशों ने नुपुर शर्मा के बयान की निंदा की थी। साउदी अरब और कतर ने तो बकायदा भारत के राजदूत को बुलाकर विरोध दर्ज करवाया था और कतर ने तो हद ही पार कर दी थी उसने भारत से माँफी तक माँगने तक के लिए कह दिया था।
अब उदयपुर की घटना पर ये ही कतर और अपने आप को मुस्लिम देशों का रहनुमा कहने वाले पाकिस्तान के मूँह में दही ही जम गई लगता तो कुछ ऐसा ही है। या फिर इन सब इस्लामिक देशों को साँप सूंघ गया हैं।
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और पूर्व पीएम इमरान खान ने नुपुर शर्मा के विवादित बयान पर घड़ियालू आँसू बहाए थे। इस्लामिक देशों को भड़काने की कोशिश की थी और अब उदयपुर में हुए कन्हैया लाल हत्याकांड पर ऐसे चुप्पी साध ली है जैसे इनको साँप सूंघ गया हो।
आप को याद होगा कि AIMIM के विधायक जलील ने तो लोगों को भड़काते हुए कहा कि नूपुर शर्मा को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। हालांकि AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन औवैसी ने जलील के विवादित बयान से किनारा कर लिया था। लेकिन, सवाल ये ही उठता है कि जब जलील जैसे राजनेता ही मुसलमानों को उकसाएंगे तो उदयपुर जैसी घटना कैसे रूक पाएंगी।
आप को बता दें कि उदयपुर की घटना को लेकर डीजीपी ठाकुर ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि अब तक की जांच में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। उनको देखकर वो भी हतप्रभ हेै कि दोनो आरोपियों का संबंध आतंकी गुट से है और साथ ही उन्होंने ये भी खुलासा किया कि वो दो बार पाकिस्तान भी जा चुके है। जब भी भारत में कोई आतंकी घटना होती है उसमें पाकिस्तान का कोई न कोई संबंध निकलता ही हैं और इससे ये साबित होता है कि पाकिस्तान आतंकियों के लिए पहले भी पनाहगाह था और अब भी आतंकियों के लिए सबसे सुरक्षित देश बना हुआ है।
गौरतलब है कि उदयपुर में मंगलवार 28 जून को दर्जी कन्हैया की गला काटकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। रियास और गौस ने दुकान में घुसकर धारदार हथियार से दर्जी का गला काट दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उसकी हत्या केवल इसलिए कर दी गई क्योंकि उसने नुपूर शर्मा के बायन का समर्थन किया था।
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