UP News: यूपी के संभल से समाजवादी पार्टी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। अब उन्होंने पीएफआई पर बैन को लेकर एक बयान दिया है, जो काफी चर्चा में है। सपा सांसद से जब पीएफआई बैन पर सवाल किया गया तो वो अपने आपे से बाहर हो गए। उन्होंने कहा कि पीएफआई पर बैन लगा सकता हो तो आरएसएस पर क्यों नहीं लगा सकते।
जब पीएफआई बैन को लेकर सपा सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क से सवाल हुआ तो वो आरएसएस पर भड़क गए। उन्होंने कहा, ‘पीएफआई पर बैन हो सकता है तो आरएसएस पर क्यों नहीं?
UP News: उन्होंने ये भी कहा कि “आरएसएस मुसलमानों पर जुल्म और ज्यादती कर रही है। आरएसएस ने धर्म संसद बनाकर मुस्लिमों के कत्लेआम का एलान किया था। सरकार अगर बिना वजह के सियासी पार्टी पीएफआई पर बैन लगा सकती है, तो सरकार आरएसएस पर भी बैन लगाए।”
उन्होंने ये भी कहा कि “असल में एक खास मंशा के साथ देशभर में मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। PFI के खिलाफ बैन भी ऐसा ही एक झूठा प्रोपेगैंडा है।”
शफीकुर्रहमान के RSS पर दिए गए विवादित बयान पर कानपुर से बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘शफीकुर्रहमान को उन संगठनों के बारे में जानकारी नहीं है या उनका दृष्टिकोण संकुचित है। पीएफआई के लोग ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजे जाते हैं। पीएफआई विदेशों से पोषित संगठन है। उन्हें विदेशों से पैसा मिलता है। पीएफआई देश में केवल विध्वंस के काम के लिए जानी जाती है जबकि RSS लोगों को जोड़ने का काम करती है।”
उन्होंने ये भी कहा कि “कोई भी आपदा आने पर संघ के स्वयंसेवक अग्रणी भूमिका निभाते हैं। आपातकाल और गांधी जी हत्या के बाद कांग्रेस आरएसएस पर बैन लगा चुकी है तब भी स्वयंसेवक डिगे नहीं थे. आरएसएस हर वर्ग को साथ में लेकर चल रहा है।”
UP News: इससे पहले भी सांसद बर्क ने पीएफआई का समर्थन करते हुए बयान दिया था कि “पीएफआई पढ़े लिखों का संगठन है, पढ़े-लिखों की पार्टी है। मुसलमानों को रिप्रजेंट करती है। मुसलमानों पर होने वाली ज्यादती पर खड़ी होती है, इसलिए बैन कर दिया गया। हमने पीएफआई की कोई देश विरोधी गतिविधि नहीं देखी है जांच एजेंसियां किसी को भी इनवालव कर देती है।”
सपा सांसद यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा था कि “मुसलमानों संग जुल्म-ज्यादती करने वाली आरएसएस पर बैन क्यों नहीं लगाया जाता? आरएसएस ने मुसलमानों के खिलाफ फर्जी कार्रवाई और जुल्म किया है और हमारे रसूल के खिलाफ बोलने वाले के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?”
गौरतलब है कि टेरर लिंक के सबूत मिलने के बाद पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर भारत सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए मंगलवार (27 सितंबर) देर रात को इस आतंकी संगठन पर 5 साल तक के लिए बैन लगा दिया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, पीएफआई के अलावा 8 सहयोगी संगठनों को भी पांच साल के लिए बैन कर दिया गया है।
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