India Slams OIC: सोमवार 17 मई को भारत ने जम्मू कश्मीर में परिसीमन को लेकर इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की अवांछित टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की। भारत ने अपने आधिकारिक बयान में OIC को नसीहत देते हुए कहा है कि किसी के भी बहकावे में आकर सांप्रदायिक एजेंडा न चलाए। भारत की यह सख्त प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब ओआइसी ने परिसीमन को लेकर नई दिल्ली की आलोचना की है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भारत की तरफ से OIC को लेकर आधिकारिक बयान देते हुए OIC की टिप्पणी को गैरजरूरी बताया। और साथ ही कहा कि उसको (OIC) को एक देश (पाकिस्तान) के बहकावे में आकर सांप्रदायिक एजेंडा नहीं चलाना चाहिए।
हालांकि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने बयान में पाकिस्तान का नाम न लेते हुए कहा है कि ‘हमें आश्चर्य है कि ओआइसी सचिवालय ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों को लेकर अवांछित टिप्पणियां की हैं।‘
भारत ने OIC की आलोचना पहली बार की हो ऐसा भी नहीं है। भारत पहले भी OIC की आलोचना करता रहा है। ये बात अलग है कि इस बार OIC की आलोचना करके OIC को सख्त संदेश दिया है कि वे भारत के आंतरिक मुद्दों पर टीका-टिप्पणी करता आया है। और इस बार तो OIC ने जम्मू कश्मीर के परिसीमन पर ही टिप्पणी कर दी जो भारत को इतनी अखरी की भारत ने दो टूक सलाह दे डाली की OIC को सांप्रदायिक एजेंडा चलाने से बचना चाहिए।
विदेश प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि जम्मू–कश्मीर भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा है और ये बात OIC को जितनी जल्दी हो सके समझ लेना चाहिए। बता दें कि जम्मू–कश्मीर पर टिप्पणियों के लिए भारत ओआइसी की आलोचना करता रहा है।
बता दें कि ओआइसी सचिवालय ने अपने बयान में जम्मू–कश्मीर की चुनावी सीमाओं के पुनर्सीमांकन के भारत के प्रयासों पर गहरी चिंता व्यक्त की थी। उसका कहना था कि यह राज्य के लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है।
OIC ने बयान में कहा था कि ‘जम्मू–कश्मीर विवाद पर लंबे समय से चली आ रही व सैद्धांतिक स्थिति और इस्लामिक शिखर सम्मेलन व ओआइसी के विदेश मंत्रियों की परिषद के प्रासंगिक निर्णयों का उल्लेख करते हुए महासचिवालय जम्मू–कश्मीर के लोगों के प्रति अपनी एकजुटता दोहराता है।‘
बता दें कि कुछ दिनों पहले जम्मू–कश्मीर परिसीमन आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश में परिसीमन के लिए तैयार की गई अपनी अंतिम रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने के बाद जारी कर दिया था। गौरतलब है कि जम्मू–कश्मीर परिसीमन आयोग ने फाइनल रिपोर्ट बनाने से पहले परिसीन आयोग के सदस्यों ने जम्मू व कश्मीर का दौरा कर राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक संगठनों के अलावा आम लोगों के सुझाव भी लिए थे।
रिपोर्ट जारी होने के साथ ही अब जम्मू–कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाने का रास्ता भी साफ हो गया है। हालांकि विधानसभा चुनावों की घोषणा चुनाव आयोग करेगा और अगर अधिकारिक सूत्रों पर भरोसा किया जाए तो इस साल के अंत तक यहां चुनाव करवाने की घोषणा हो सकती है।
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