Fatima Bibi: सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज फातिमा बीबी ने केरल के प्राइवेट अस्पताल में ली आखिरी सांस, 96 वर्ष की उम्र में हुआ निधन

Fatima Bibi: सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज और तमिलनाडु की पूर्व राज्यपाल न्यायमूर्ति फातिमा बीवी का आज सुबह निधन हो गया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार केरल के एक प्राइवेट अस्पताल में उन्होंने 96 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली है।

फातिमा बीवी का करियर

Fatima Bibi: 30 अप्रैल, 1927 को केरल के पथानामथिट्टा में जन्मी फातिमा बीबी ने अपनी स्कूली शिक्षा वहीं के कैथोलिक हाई स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने तिरुवनंतपुरम यूनिवर्सिटी कॉलेज से विज्ञान स्नातक की डिग्री पूरी की। उन्होंने तिरुवनंतपुरम के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 14 नवंबर 1950 को एक वकील के रूप में नामांकित फातिमा बीवी ने केरल की निचली अदालतों में अपना कानूनी करियर शुरू किया और न्यायपालिका में महत्वपूर्ण पदों पर रहीं।

मुंशी से शुरुआत करते हुए, उन्होंने प्रधान न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला और सत्र न्यायाधीश, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के न्यायिक सदस्य और हाई कोर्ट के जज के रूप में कार्य किया। 1989 में केरल हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवानिवृत्त होने के बाद, उन्हें 1989 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। इससे वह सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज बन गईं। 1992 में उन्होंने इस काम से संन्यास ले लिया।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने जताया शोक

Fatima Bibi: केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने न्यायमूर्ति फातिमा बीवी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने उच्चतम न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश और तमिलनाडु की राज्यपाल के रूप में अपनी छाप छोड़ी।

वह किसी भी उच्च न्यायपालिका में नियुक्त होने वाली पहली मुस्लिम महिला न्यायाधीश भी थीं। साथ ही एशिया में एक राष्ट्र के सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश का खिताब भी उन्हीं के नाम है। फातिमा बीवी साल 1989 में सुप्रीम कोर्ट की महिला न्यायाधीश बनी थीं, जो पहली भारतीय महिला थीं।

महिलाओं के लिए रही आदर्श

Fatima Bibi: न्यायाधीश फातिमा बीवी ने अपने लंबे और शानदार करियर के दौरान देशभर में महिलाओं के लिए एक आदर्श और नजीर के रूप में काम किया है। फातिमा बीवी का नाम ज्यूडिशरी ही नहीं बल्कि देश के इतिहास में भी स्वर्ण अक्षरों में अंकित हैं।

मंत्री वीना ने कहा कि न्यायमूर्ति फातिमा ने उच्चतम न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश और तमिलनाडु की राज्यपाल के रूप में अपनी छाप छोड़ी है। जॉर्ज ने एक बयान में कहा कि वह एक बहादुर महिला थीं, जिनके नाम कई रिकॉर्ड थे। वह एक ऐसी शख्सियत थीं, जिन्होंने अपने जीवन से दिखाया कि इच्छाशक्ति और उद्देश्य की भावना से किसी भी विपरीत परिस्थिति को पार किया जा सकता है।

Written By: Vineet Attri 

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।