Mahakaal lok Coridor Inaugration: देश के प्रधानमंत्री मोदी हमेशा ही अपनी विराट छवि के साथ हिंदू सनातन संस्कृतियों और उनकी परंपराओं को आगे बढ़ाने वाले ब्रांड अम्बेडसर के तौर पर जनमानस का दिल जीतते आए हैं । देश को पीएम मोदी के रूप में ऐसे महानायक मिले हैं, जिनकी की छवि धार्मिक मंदिरों के जीर्णोद्धार करने वाले और सनातन परंपराओं को संजोकर आगे बढ़ाने वाले बड़े नेता के तौर पर उभर रही है।
खबर ये आ रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंदौर पहुंच गए हैं, जहां मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, मंत्री तुलसी राम सिलावट, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उनका स्वागत किया। आज वो कुछ ही देर में ‘महाकाल लोक’ का उदघाटन करेंगे। इस समय पीएम मोदी महाकाल की पूजा अर्चना कर रहे है।
PM Shri @narendramodi dedicates Shri Mahakal Lok in Ujjain, Madhya Pradesh. https://t.co/Xm8eZLO4DL
— BJP (@BJP4India) October 11, 2022
Mahakaal lok Coridor Inaugration: बात करें केदारनाथ मंदिर का कायाकल्प की या अयोध्या में निर्माणाधीन भव्यतम राम मंदिर की, सोमनाथ मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार हो या चार धाम को जोड़ने वाली परियोजना। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का दिव्य आगाज हो या फिर अब उज्जैन में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के शानदार कॉरिडोर का निर्माण…
एक के बाद एक वे जिस भव्य-दिव्य तरीके से आस्था के प्रतीकों का पुनरुद्धार कर रहे हैं, वैसा इतिहास में पहले कभी किसी ने नहीं किया। और एक बार फिर मोदी ने हिन्दुओ के लिए सनातनियो के उद्धार के लिए महाकाल कॉरिडोर का निर्माण करवा कर देशवासियों को एक और सौगात दी है मोदी इस बार राष्ट्र को ‘महाकाल लोक’ अर्पित करने जा रहे है जो इनका एक और ड्रीम प्रोजेक्ट बन जाएगा।
इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘महाकाल लोक’ राष्ट्र को अर्पित करेंगे। इससे पहले उन्होंने वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर देश को समर्पित किया था। तीन साल की महेनत के बाद उज्जैन मंदिर परिसर में बनकर तैयार हुआ महाकाल कॉरिडोर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
Mahakaal lok Coridor Inaugration: मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर लोक परियोजना का काम दो चरणों में किया जा रहा है। 856 करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना के पहले चरण का कार्य पूरा हो चुका है। करीब 200 संतों और 60 हजार आम लोगों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी इसका उद्घाटन करेंगे।
इसके बाद इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इस अवसर पर उज्जैन में बड़े आयोजन किए गए हैं। इसके तहत महाकालेश्वर मंदिर की तरफ जाने वाले 600 मीटर लंबे हरि फाटक पुल की रेलिंग को तेल के दीयों के साथ सजाया गया है और लोकार्पण के कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के लिए बड़े टीवी स्क्रीन भी लगाए गए हैं।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की बात करे तो ये 300 मीटर में बना है, जबकि महाकाल कॉरिडोर 900 मीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है। यानी कि महाकाल कॉरिडोर काशी से भी भव्य बनने जा रहा है। दो फेज़ में हो रहे निर्माण में यात्रियों के लिए दर्शनीय क्षेत्र और सुविधाएं विकसित करने पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
पहले फेज़ का नाम रुद्र सागर-1 दिया गया है। पूरा प्रोजेक्ट 750 करोड़ रुपये का है। इसके अलावा, द्वार पर टिकटिंग कियोस्क जैसी सुविधाएं रहेंगी। कॉरिडोर काफी आकर्षक बनाया गया है। इसमें भगवान शिव के 93 मूर्तियां लगाई गई हैं। महाकाल मंदिर के गलियारे में 108 स्तंभ बनाए गए हैं, जिस पर यह पूरा महाकाल मंदिर टिका है।
Mahakaal lok Coridor Inaugration: महाकाल लोक परियोजना के साथ तीर्थयात्रियों को विश्व स्तरीय आधुनिक सुविधाएँ दी जाएगी । इससे मंदिर परिसर का करीब सात गुना विस्तार होगा। इस क्षेत्र में भीड़भाड़ को कम करना और विरासत संरचनाओं के संरक्षण एवं बहाली पर विशेष बल देना परियोजना का मुख्य उद्देश्य है।
इससे मंदिर में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। मौजूदा वक्त में लगभग 1.5 करोड़ हर साल तीर्थ यात्री यहाँ आते हैं। इस परियोजना के बाद यह संख्या दोगुना होने की उम्मीद है।
इस मंदिर को चारों तरफ से खुला बनाया जा रहा है। इसके आसपास के भवन को हटाया जा रहा है, जिससे श्रद्धालु लोग दूर से मंदिर के दर्शन कर सकें। इसी के साथ रुद्रसागर के किनारे 2 नए द्वार विकसित किए जा रहे हैं। इसमें एक साथ 20 हजार यात्री एक साथ जा सकते हैं। 400 से ज्यादा वाहनों का पार्किंग क्षेत्र और धर्मशाला से यात्री सीधे नंदी द्वार में प्रवेश करेंगे।
Mahakaal lok Coridor Inaugration: कलेक्टर के अनुसार प्रोजेक्ट पूरा होने पर हर घंटे एक लाख श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। एक लाख लोगों की भीड़ होने पर भी श्रद्धालुओं को 45 से 60 मिनट में दर्शन हो जाएंगे। पूरे परिसर की चौबीसों घंटे निगरानी की जाएगी। यह निगरानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सर्विलांस कैमरों की मदद से इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा की जाएगी।
काशी विश्वनाथ मंदिर से तीन गुना बड़ा बन रहा महाकाल कॉरिडोर अपने आप में बेहद खास है। परिसर इतना विशाल है कि पूरे मंदिर परिसर में घूमने और सूक्ष्मता से दर्शन करने के लिए 5 से 6 घंटे का वक्त लगेगा।
इसी के साथ कई सुविधाएं यात्रियों के लिए की जा रही हैं। पूरे कॉरिडोर मे शिवगाथा नजर आएगी। यहां तक की कॉरिडोर की दुकानों में भारतीय कला और संस्कृति की झलक दिखेगी। इस भव्य कारिडोर का संचालन करने के लिए एक हजार लोगों को रोजगार देने की भी तैयारी की जा रही है।
इसके पहले भी पीएम मोदी ने लगभग 400 करोड़ की लागत से बन रहे इस काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की सौगात दी थी और ये कहना गलत नहीं होगा कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बनने से काशी विश्वनाथ मंदिर की भव्यता और दिव्यता में चार चांद लग गए।
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