Delhi: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही ‘महागठबंध इंडिया’ में फूट पड़ती नजर आ रही है। मानसून सत्रे में ‘दिल्ली सर्विस बिल’ के पास होने के बाद ही राजनीतिक पंडित मानकर चल रहे थे कि कभी भी महागठबंधन टूट सकता है और आज ये उनकी सोच सही भी सबित हो रही है। जैसे ही कांग्रेस की नेता अलंका लांबा ने कांग्रेस के हाईकमान की मीटिंग के बाद तय हुए फैसले की जानकारी मीडिया को दी तभी महागठबंधन में फूट पड़ने की शुरूवात हो गई। वहीं आप की प्रवक्ता ने कहा कि “महागठबंधन में रहना समय की बर्बादी…”
कांग्रेस नेता अलका लांबा: 7 महीने और 7 सीटें(दिल्ली लोकसभा)
Delhi: कांग्रेस नेता अलका लांबा ने दिल्ली में 7 लोकसभा सीटो पर अकेल चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि “तीन घंटे तक चली बैठक में राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, के.सी. वेणुगोपाल और दीपक बाबरिया मौजूद थे। संगठन को मज़बूत करने, आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी करने पर बात हुई। 7 महीने और 7 सीटें(दिल्ली लोकसभा) हैं। सभी सीटों पर हर नेता को आज से अभी से निकलना है, संगठन की तरफ से जिसको जो भी ज़िम्मेदारी दी जा रही है, उसे हम निभाएंगे। मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाना है।”
AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़: INDIA गठबंधन में जाने का कोई मतलब
Delhi: कांग्रेस का दिल्ली में 7 लोकसभा सीटों पर अकेल चुनाव लड़ने के फैसले के बाद AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने जमकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “अगर वे (कांग्रेस) दिल्ली में गठबंधन नहीं करते, तो INDIA गठबंधन में जाने का कोई मतलब नहीं है, यह समय की बर्बादी है। हमारी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि INDIA गठबंधन की अगली बैठक में शामिल होना है या नहीं।”
#WATCH…अगर वे (कांग्रेस) दिल्ली में गठबंधन नहीं करते, तो INDIA गठबंधन में जाने का कोई मतलब नहीं है, यह समय की बर्बादी है। हमारी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि INDIA गठबंधन की अगली बैठक में शामिल होना है या नहीं: AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ pic.twitter.com/RRo7DuvhUN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 16, 2023
Delhi:सौरभ भारद्वाज ने दी सधी प्रतिक्रिया
Delhi: कांग्रेस द्वारा दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की खबरों पर AAP नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “ऐसी बातें आती रहेंगी। जब INDIA के घटक दल मिलकर बैठेंगे, जब सभी पार्टियों का शीर्ष नेतृत्व एक साथ बैठकर सीटों के बंटवारे पर चर्चा करेगा तब पता चलेगा कि किस पार्टी को कौन सी सीटें मिल रही हैं।”
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