Foreign Minister: भारत ने म्यांमार को दिया साफ संदेश कहा- रणनीतिक हितों के मुताबिक लेगा फैसला

Foreign Minister

Foreign Minister: रविवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने म्यांमार के विदेश मंत्री यू थान स्वे के साथ मुलाकात की और इसमें द्विपक्षीय संबंधों के साथ ही कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संबंधों को लेकर विस्तार से चर्चा की। म्यांमार और भारत के विदेश मंत्री ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने रणनीतिक हितों के मुताबिक फैसला करेगे। आपको बता दे कि ये दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की पहली मुलाकात है।

बिम्सटेक देशों के विदेश मंत्रियों की भी बैठक

Foreign Minister: अमेरिका व पश्चिमी देशों का भारत पर दबाव रहता है। कि वह म्यांमार के सैनिक शासन को लेकर ज्यादा कड़ाई दिखाए लेकिन भारत सरकार के लिए अपने रणनीतिक हितों को देखते हुए ऐसा करना संभव नहीं है। यह मुलाकात भी यही बयां कर रही है कि भारत सरकार म्यांमार की मौजूदा सरकार के साथ अपने रिश्तों को पूरी तरह सामान्य बनाने की तरफ कदम बढ़ा रही है।भारत सरकार की तरफ से भी यह बताया जा रहा है। कि दोनों विदेश मंत्रियों के बीच भारत-म्यांमार-थाईलैंड के बीच सड़क मार्ग स्थापित करने के अलावा सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाली मानव व मादक दवाओं की तस्करी को रोकने जैसे अहम मुद्दों पर बात हुई है।

Foreign Minister:विदेश मंत्री एस.जयशंकर मेकांग गंगा सहयोग पर गठित समिति और बिम्सटेक देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए थाईलैंड में है। वहीं उनकी मुलाकात म्यांमार के विदेश मंत्री यू थान स्वे से हुई है। जयशंकर ने म्यांमार और थाईलैंड से जोड़ने वाली सड़क मार्ग के जुड़े हुए कामों को तेजी से करने का आग्रह भी किया। साथ ही म्यांमार में मानवीय स्थिति पर भी जयशंकर ने अपनी चिंताएं प्रकट की। म्यांमार की तरफ से उन्हें आश्वासन दिया गया कि वहां की सरकार आर्थिक विकास शांति व लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए पांच सूत्रीय फार्मूले पर काम कर रही है।

म्यांमार में भारत की नीति पर सख्ती जारी है

Foreign Minister:भारत में जो चार पूर्वोत्तर राज्यों के साथ म्यांमार के साथ 1,600 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है साथ ही बंगाल की खाड़ी में एक समुद्री सीमा भी साझा करता है म्यांमार राज्य की विफलता एक विदेश नीति दुविधा प्रस्तुत करती है जिसे हल करने के लिए वह सं थ व्यापार करना है जिसने 1990 के बाद से केवल पांच वर्षों के लिए म्यांमार पर शासन किया है चाय और लोकतंत्र समर्थक ताकतों के प्रति सहानुभूति के साथ।

म्यांमार की सेना कर चुकी है तख्तापलट

Foreign Minister: म्यांमार की सेना को सत्ता पर कब्ज़ा किए ठीक दो साल हो गए हैं। तख्तापलट 1 फरवरी, 2021 की भोर से पहले हुआ जिस दिन संसद के नए सदस्यों को पद की शपथ लेने के लिए उद्घाटन सत्र में मिलना था। आंग सान सू की के नेतृत्व वाली नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने भारी जीत हासिल की थी। सेना जिसने अपनी प्रॉक्सी पार्टी, यूनाइटेड सॉलिडेरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी के माध्यम से चुनाव लड़ा था। इससे नाराज अमेरिका व पश्चिमी देश म्यांमार पर लगातार दबाव बना रहे हैं कि वहां फिर से लोकतंत्र की स्थापना करे वही दूसरी तरफ चीन ने वहां की सेना को पूरा समर्थन देने की नीति अपना रखी है।

बिम्सटेक देशों के विदेश मंत्रियों की भी बैठक

Foreign Minister: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को बिम्सटेक क्षेत्र के देशों के अपने समकक्षों के साथ सार्थक चर्चा की जिसमें नेताओं ने प्रगति और समृद्धि को प्रोत्साहित करने के साझा उद्देश्यों को लेकर ‘‘लचीलेपन एवं समन्वय’’ को मजबूत बनाने पर चर्चा की।

क्या है बिम्सटेक?

Foreign Minister: बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्सटेक) एक क्षेत्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 06 जून 1997 को बैंकॉक घोषणा पर हस्ताक्षर के साथ की गई थी।

कौन-कौन हैं इसके मेंबर?

Foreign Minister: बिम्सटेक के सदस्य देश बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड हैं। बता दें, यह रिट्रीट बिम्सटेक एजेंडे को और गहरा करने और संगठन को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया जाता है।

नेपाल और बांग्लादेश के विदेश मंत्रियों से मिले जयशंकर, सहयोग बढ़ाने पर हुई चर्चा

Foreign Minister: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बिम्सटेक की बैठक में नेपाल और बांग्लादेश के विदेश मंत्रियों के साथ उनकी मुलाकात के दौरान क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई और नेतृत्व की तरफ से निर्धारित एजेंडे पर अमल के लिए मिलकर काम करने पर सहमति बनी। जयशंकर ने कहा, नेपाल के विदेश मंत्री नारायण प्रकाश सऊद और बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमेन के साथ बैठक सकारात्मक रही। हमने निर्धारित सहयोग के एजेंडे को मिलकर लागू करने पर सहमति जताई।

पीएम मोदी की तारीफ

Foreign Minister: गौरतलब है, इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने भारतीय समुदाय के लोगों से बात की थी। उन्होंने इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की तो वहीं अपने राजनयिक से राजनेता बनने के सफर के बारे में बताया। उन्होंने भारतीय पीएम की तारीफ करते हुए कहा था। कि उनमें एक खास बात यह है कि वो कई चीजों की नब्ज पकड़ लेते हैं और उसे नीतियों और कार्यक्रमों में बदल देते हैं।

Written By: Vineet Attri

ये भी पढ़े…

Honey Trap: महिला ने मुर्गे का झूठा खून लगाकर लगाया रेप केस, व्यवसायी से ऐंठे 3 करोड़!
IND Vs PAK: एशिया कप में भारत-पाकिस्तान की भिड़त 2 बार होगी? जानिए कैसे

By Keshav Malan

यह कलम दिल, दिमाग से नहीं सिर्फ भाव से लिखती है, इस 'भाव' का न कोई 'तोल' है न कोई 'मोल'