गोवा के वास्को से एक ऐसी खबर आई कि जिसने भी सुनी वो सन्न रह गया। आपको बता दें कि शनिवार 11 सितंबर को गोवा में कुछ ऐसा हुआ कि सनातनी सोच रखने वाले लोगों को जोर का झटका जोर से ही लगा। प्रिंसिपल जो कि पूरे स्कूल के लिए जिम्मेदार होता है। एक स्कूल की पहचान उस स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों से होती है और उससे भी ज्यादा उस स्कूल में पढ़ाने वाले शित्रकों के साथ ही उस स्कूल के प्रधानाचार्य से भी होती है। प्रधानाचार्या ने ही कुछ ऐसा किया जो कि बहुत शर्मनाक है। वो अपने साथ स्कूल के छात्रों को गोवा एक वर्कशाॅप के बहाने से ले गए थे। जहां पर उन्होंने छात्रों पर दबाव डालकर उनको बाध्य किया कि वो नमाज पढ़ें और साथ ही कुछ आस्लामी क्रियाकलापों को अंजाम दिया।
आप को बता दें कि इस घटना के संबंध में हिंदू संगठनों का दावा है कि मस्जिद में हुए कार्यक्रम के पीछे प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) से जुड़ा एक संगठन था। जब इस घटना का पता चला तब कहीं जाकर शिक्षा विभाग की नींद टूटी और उसने आनन-फानन निजी स्कूल के खिलाफ कार्यवाही करते हुए स्कूल प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।
डबोलिन स्थित नूर मस्जिद का मामला
गौरतलब है कि सोमवार (11 सितंबर 2023) को केशव स्मृति हायर सेकेंडरी नाम के प्राइवेट स्कूल के प्रिंसिपल शंकर गांवकर के खिलाफ विश्व हिन्दू परिषद (VHP) ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। इसमें बताया गया है कि शनिवार (9 सितंबर) को शंकर गांवकर स्कूल के छात्रों को अपने साथ डबोलिन स्थित नूर मस्जिद में ले गया था। ताने में दर्ज शिकायत में VHP ने बताया कि मस्जिद में जो कार्यक्रम आयोजित करवाया गया था उसके पीछे जो संगठन था उसका संबंध PFI से बताया जा रहा है।
वीएचपी के नेताओं के मुताबिक आरोप है कि इस कार्यक्रम में छात्रों से न सिर्फ नमाज पढ़वाई गई, बल्कि छात्राओं पर हिजाब पहनने का भी दबाव दिया गया। हालांकि, छात्राओं ने इससे इनकार कर दिया। बताया ये भी जा रहा है कि मस्जिद में हुए कार्यक्रम में कई मौलानाओं ने भाषण दिए थे।
‘मस्जिद ओपन फॉर ऑल’ के तहत हुआ था कार्यक्रम
प्रधानाचार्य अपने साथ कुल 22 छात्र, छात्राओं को साथ ले गए थे। मस्जिद में हुए इस आयोजन में केशव स्मृति स्कूल के अलावा एक सरकारी स्कूल के भी छात्रों की मौजूदगी का भी दावा किया गया है। कार्यक्रम का नाम ‘मस्जिद ओपन फॉर ऑल’ (मस्जिद सबके लिए खुली है) दिया गया था। हिन्दू संगठनों ने प्रिंसिपल शंकर गांवकर पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का गंभीर आरोप लगाया। जिसके बाद स्कूल के प्रबंधक अध्यक्ष पांडुरंग कोरगानोकर के मुताबिक प्रिंसिपल को उनके पद से सस्पेंड कर दिया गया है।
प्रिंसिपल शंकर गांवकर ने भी दी सफाई
वहीं इसके बाद स्कूल के प्रबंधक ने हिन्दू संगठनों से माफ़ी भी माँगी है और कहा है कि स्कूल की मानसिकता गलत नहीं थी। हालांकि, खुद पर लगे गंभीर आरोपों पर निलंबित प्रिंसिपल शंकर गांवकर की सफाई भी आ गई है। शंकर गांवकर ने बताया कि सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम को अंजाम दिया था।
जमात–ए–इस्लामी हिंद के अध्यक्ष आसिफ हुसैन किसी भी छात्र से नही की कोई जबरदस्ती
बता दें कि इस कार्यक्रम का आयोजन PFI का सहयोगी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसआईओ) से जुड़ी जमात–ए–इस्लामी हिंद ने अंजाम दिया था। इस संगठन के गोवा अध्यक्ष आसिफ हुसैन ने बतया कि “नूर मस्जिद में हुए उनके आयोजन में छात्र अपनी खुद की मर्जी से आते हैं। आसिफ के मुताबिक छात्रों को मस्जिद का वह हिस्सा दिखाया गया जहाँ नमाज़ होती है। बच्चों को मिठाइयाँ देने की बात मानते हुए आसिफ ने कहा कि किसी को जबरन इस्लामी कायदे पालन करवाने के आरोप निराधार हैं।”
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