Gyanvapi ASI Survey: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकारी वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पहुंचे। परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण आज भी जारी है। आपको बता दें कि बीते शुक्रवार 4 अगस्त को मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोई भी ज्ञानवापी परिसर के ASI के सर्वे में शामिल नहीं हुआ था।
Gyanvapi ASI Survey: वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI सर्वे पर मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद ने कहा कि “हम ASI सर्वेक्षण से संतुष्ट हैं… कल तक हम भाग (सर्वेक्षण में) नहीं ले रहे थे लेकिन आज हम भाग ले रहे हैं और ASI टीम की सहायता कर रहे हैं।”
#WATCH हम ASI सर्वेक्षण से संतुष्ट हैं… कल तक हम भाग (सर्वेक्षण में) नहीं ले रहे थे लेकिन आज हम भाग ले रहे हैं और ASI टीम की सहायता कर रहे हैं: वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI सर्वे पर मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद pic.twitter.com/N1p3pX8RRl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 5, 2023
Gyanvapi ASI Survey: आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि “आप अयोध्या का फैसला देखे और सर्वे को होने दे।”
कोर्ट ने आगे कहा कि “वैज्ञानिक सर्वेक्षण की पूरी प्रक्रिया गैर-आक्रामक पद्धति से संपन्न की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने आगे फैसले में कहा कि “हम हाई कोर्ट के निर्देश को दोहराते हैं कि कोई खुदाई नहीं होगी।”
गौरतलब है कि गत शुक्रवार 4 अगस्त को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI सर्वे को रोकने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था। आपको बता दें कि याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वे करने की अनुमति दी गई है।
मुस्लिम पक्ष ने दी थी ये दलील
Gyanvapi ASI Survey: गौरतलब है कि गत 21 जुलाई को मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी का सर्वे कराए जाने के जिला अदालत के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। अंजुमन कमेटी ने ढांचे को नुकसान होने की बात कहकर सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी। मुस्लिन पक्ष की तरफ से अंजुमन कमेटी अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में जुट गया है।
Gyanvapi ASI Survey: आपको बता दें कि हिंदू पक्ष के वकीलों का कोर्ट में कहना था कि विवादित जगह पर पहले मंदिर था। साल 1669 में औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी। विवादित परिसर में आज भी हिंदू धर्म के प्रतीक चिन्ह मौजूद हैं और इस बात की और तस्दीक करने के लिए हिंदू पक्ष ने सर्वे करवाने के लिए कोर्ट में याचिका डाली थी। जिससे ये पता चल सकेगा कि ज्ञानवापी मंदिर को तोड़कर ही मस्जिद को बनवाया गया है। एडवोकेट कमीशन की रिपोर्ट में यह बात सामने भी आयी है।
ये भी पढ़ें…