Hathras Case: हाथरस के बहुचर्चित बिटिया हत्या कांड में एससीएसटी कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मामले में तीम आरोपियों को बरी करते हुए घटना के मुख्य आरोपी संदीप ठाकुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही संदीप पर 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी घोषित किया गया है। कोर्ट के फैसले पर एक तरफ बरी हुए आरोपियों के परिजनों ने खुशी जताई है वहीं दूसरी ओर पीड़ित परिवार फैसले पर असंतुष्टि जताते हुए मामले को हाईकोर्ट ले जाने की बात कही है।
हाथरस कांड में गुरुवार(02 मार्च, 2023) को ढाई साल बाद SC-ST कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 4 आरोपियों में से एक आरोपी संदीप ठाकुर को दोषी माना है। जबकि 3 आरोपी लवकुश सिंह, रामू सिंह और रवि सिंह को बरी कर दिया है। अदालत ने संदीप को गैर इरादतन हत्या ( धारा-304) और SC/ST एक्ट में दोषी माना है। चौंकाने वाली बात यह कि 4 आरोपियों में से किसी पर भी गैंगरेप का आरोप सिद्ध नहीं हुआ है।
#हाथरस: बहुचर्चित कांड के मुख्य आरोपी संदीप ठाकुर को एससी/एसटी कोर्ट ने दोषी मानते हुए सुनाई आजीवन कारावास और 50 हज़ार के अर्थदण्ड की सजा। तीन आरोपियों को कोर्ट ने किया बरी। आरोपी संदीप को कोर्ट ने धारा 304, sc/st एक्ट में माना दोषी। मामले में संदीप, रामू, लवकुश और रवि थे आरोपी। pic.twitter.com/5SGNWv3EaB
— Khabar India ख़बर इंडिया (@_KhabarIndia) March 2, 2023
गौरतलव है कि हाथरस जिले के चंदप्पा थाना क्षेत्र के गांव बूलगढ़ी में 14 सितंबर 2020 को अनुसूचित जाति की एक युवती पर हमला हुआ था। युवती के भाई ने गांव के ही संदीप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में युवती ने अपने बयान देते हुए गांव के ही रवि सिंह, रामू सिंह और लवकुश सिंह पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
युवती का इलाज एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलिज में चला। इसके बाद 28 सितंबर को युवती को अलीगढ़ से दिल्ली रेफर किया गया। 29 को इलाज के दौरान युवती ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
गांव बूलगढ़ी में लगा था नेताओं का जमाबड़ा
Hathras Case: युवती की मौत के बाद यह मामला इतना गरमा गया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, भीम आर्मी चीफ के चंद्रशेखर आजाद समेत देशभर के नेता और संगठनों से जुड़े लोग गांव बूलगढ़ी पहुंचे थे। इतना ही नहीं पुलिस द्वारा परिजनों की बिना अनुमति के देर रात में युवती के शव का अंतिम संस्कार करने पर शासन, प्रशासन की देशभर में काफी किरकिरी भी हुई थी।
दंर रात अंतिम संस्कार के विरोध में जगह-जगह हुए विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने एसपी और सीओ सहित पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था और इसके बाद 11 अक्टूबर को मामले की जांच CBI को सौंप दी थी। CBI ने इस मामले में 104 लोगों को गवाह बनाया। इनमें से 35 लोगों की गवाही हुई थी।
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