JNU New Rules: विश्वविद्यालय में प्रशासन ने किए नए रूल लागू , परिसर में हिंसा और धरना करना पड़ेगा छात्रों को महंगा

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JNU New Rules: जेएनयू परिसर में अक्सर विरोध धरना, प्रदर्शन और हिंसा की घटनाएं होती रहती हैं। इसी कारण विश्वविद्यालय प्रशासन ने सख्ती से निपटने को लेकर जेएनयू एक्ट में संशोधन किया है और साथ प्रशासन ने जेएनयू परिसर में नए नियम लागू किए हैं। इस  वजह से JNU के छात्रछात्राएं काफी परेशान हैं। 

JNU New Rules: परिसर में धरना देने पर 20 हजार का जुर्माना, हिंसा पर छात्रों का होगा दाखिला रद्द

आपको बता दें कि विश्वविद्यालय के  नए नियमों के अनुसार, परिसर में धरना देने पर छात्रों पर 20,000 रुपये का जुर्माना और हिंसा करने पर उनका दाखिला रद्द किया जा सकता है या 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।

JNU New Rules: दस पन्नों के दस्तावेज में कहा गया है कि नियम विश्वविद्यालय के सभी छात्रों पर लागू होंगे, जिनमें अंशकालिक छात्र भी शामिल हैं, चाहे इन नियमों के शुरू होने से पहले या बाद में प्रवेश दिया गया हो।

 छात्र करेगा बबाल तो सीधे जाएगी पेरेंट्स को शिकायत

जेएनयू कैंपस में अब कोई भी बबाल किया तो उसकी शिकायत संबंधित छात्र के मातापिता को भेजी जाएगी। इसका मकसद छात्र की सभी जानकारियां पेरेंट्स को देना है, ताकि वे अपने बच्चे को समझाकर भेजे कि कैंपस में सिर्फ पढ़ाई करनी है।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन 17 अपराधों के लिए दंड सूचीबद्ध किए गए हैं, जिनमें रुकावट, जुआ में लिप्त होना, छात्रावास के कमरों पर अनधिकृत कब्जा, अपमानजनक और अपमानजनक भाषा का उपयोग और जालसाजी करना शामिल है। इनमें यदि कोई छात्र दोषी पाया जाता है तो उसकी शिकायतों की एक प्रति मातापिता को भेजी जाएगी।

 शिकायत निवारण समिति देखेगी छात्रों और शिक्षकों के मामले

JNU New Rules: चीफ प्रॉक्टर रजनीश मिश्रा ने बताया कि जेएनयू में पहले से नियमों का उल्लेख था। हालांकि नए नियम प्रॉक्टोरियल जांच के बाद तैयार किए गए हैं। हालांकि प्रॉक्टोरियल जांच के आधार पर पुराने नियमों में बदलाव किया गया है। नए नियमों में हिंसा और जबरदस्ती के सभी कृत्यों जैसे घेराव, धरनाप्रदर्शन या किसी भी भिन्नता के लिए दंड का प्रस्ताव किया है, जो सामान्य शैक्षणिक और प्रशासनिक कामकाज को बाधित करता है।

तीन फरवरी से लागू हो जाएंगे नियम

दस्तावेज के अनुसार, ये नियम तीन फरवरी को लागू हो जाएंगे।विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि छात्रों ने बीबीसी का विवादित वृत्तचित्र दिखाए जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था जिसके बाद नए नियम लागू करने का फैसला किया। नियम संबंधी दस्तावेज में कहा गया है कि इसे कार्यकारी परिषद ने मंजूरी दी हैऔर यह परिषद विश्वविद्यालय का निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय भी है।

तुगलकी फरमान वापिस होना चाहिए :एबीवीपी

JNU New Rules: एबीवीपी जेएनयू इकाई के सचिव विकास पटेल ने कहा, “इस नए अधिनायकवादी (‘तुगलकी’) आचार संहिता की कोई आवश्यकता नहीं है। पुरानी आचार संहिता पर्याप्त रूप से प्रभावी थी।विश्व विद्यालय प्रशासन ने सुरक्षा सुरक्षा और व्यवस्था में सुधार पर ध्यान केंद्रित करने की बजाय हितधारकों, विशेष रूप से छात्र समुदाय के साथ बिना किसी चर्चा के इस कठोर आचार संहिता को लागू कर दिया है। हम इसे वापस लेने की मांग करते हैं।
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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।