Mathura: सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि के पास अतिक्रमण हटाने के लिए रेलवे अधिकारियों द्वारा चलाए जा रहे डिमोलिशन ड्राइव पर 10 दिनों के लिए रोक लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने डिमोलिशन ड्राइव पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। साथ ही एक सप्ताह के बाद डिमोलिशन और पोस्ट केस के खिलाफ याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया है।आपको बता दें कि याकूब शाह ने बुलडोजर एक्शन के खिलाफ याचिका दायर की थी। जस्टिस अनिरुद्ध बोस, संजय कुमार और SVN भारती ने इस मामले में वहाँ के निवासियों को राहत प्रदान की है।
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांतो चंद्र सेन: प्रशासन ने 100 से भी अधिक घरों को कर दिया ध्वस्त
Mathura: वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांतो चंद्र सेन ने याकूब शाह की तरफ से पैरवी की। उन्होंने दलील देते हुए कहा कि “अगर डेमोलिशन ड्राइव यूं ही चलता रहा तो फिर उसे रोकने के लिए दायर हुई इस याचिका का कोई औचित्य ही नहीं रह जाएगा। उन्होंने आगे दावा करते हुए कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, तब उत्तर प्रदेश में सारी की सारी अदालतें बंद थीं। साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इसी का फायदा उठा कर प्रशासन ने 100 से भी अधिक घरों को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने आगे बताया कि इस क्षेत्र में 200 मकान हैं, जिनमें से मात्र 70-80 बचे हैं और अगर इसे तुरंत नहीं रोका तो याचिका बेकार हो जाएगी।”
मथुरा से वृन्दावन तक 21 किलोमीटर की छोटी रेल लाइन बनाने की योजना
Mathura: आपको बता दें कि रेलवें की भूमि पर अवैधरूप से पूरी बस्ती को ही बसा दिया गया था। 9 अगस्त को मथुरा की ‘नई बस्ती’ में ये डेमोलिशन ड्राइव शुरू हुआ था। रेलवे द्वारा इसे अवैध अतिक्रमण करार दिया गया था। मथुरा से वृन्दावन तक 21 किलोमीटर की छोटी रेल लाइन को बड़ी लाइन बनाया जाना है, ताकि ‘वन्दे भारत एक्सप्रेस’ जैसी ट्रेनों का परिचालन हो सके।
प्रशासन ने दिया था अवैध अतिक्रमण हटाने का समय
Mathura: लेकिन, वहां के निवासी हटने को तैयार नहीं है। उन्होंने अपने सामान को हटाने और खुद हटने के लिए 3 दिन का समय भी दिया गया था। उन्होंने अदालत का रुख किया। हालांकि, उत्तर प्रदेश में एक वकील की हत्या के कारण सारे वकील हड़ताल पर थे, इसलिए सुनवाई नहीं हो सकी। अंततः वहाँ के निवासी याकूब शाह ने याचिका दायर की। तुरंत सुनवाई की माँग पर मुख्य न्यायाधीश DY चंद्रचूड़ ने इस याचिका को 16 अगस्त को लिस्ट करने का आदेश दिया।
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