UCC: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समान नागरिक संहिता पर बयान के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बुलाई आपात बैठक। इस बैठक में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष सैफुल्लाह रहमानी, मौलाना अरशद मदनी, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने हिस्सा लिया। बताया यह जा रहा है कि यह मीटिंग करीब 3 घंटे तक चली थी। बैठक में बोर्ड के सदस्यों ने यह निर्णय लिया कि सुबह एक ड्राफ्ट तैयार करेंगे जिसे लॉ कमीशन को सौंपा जाएगा।
इस बैठक में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य लॉ कमीशन के अध्यक्ष से मिलने का समय मांगेंगे और इस ड्राफ्ट से जुड़े अहम मुद्दों को बताएंगे। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस ड्राफ्ट में शरीयत के कुछ अहम हिस्सों को जोड़ेगा। इस बैठक का अहम मुद्दा समान नागरिक संहिता पर चर्चा विचार करना था। समान नागरिक संहिता पर जब से पीएम मोदी ने अपना जोरदार भाषण दिया है। उसके बाद विपक्षी पार्टियों के कान खड़े हो गए हैं।
PM Modi has indicated that the UCC is coming very soon 🚨
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— Aman Dubey 🇮🇳 (@imAmanDubey) June 27, 2023
केन्द्र सरकार अलस मुद्दे से भटका रही है ध्यान
UCC: असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि। क्या समान नागरिक संहिता के नाम पर देश के बहुलवाद और विविधता को छीन लिया जाएगा। ओवैसी ने अपने बयान में यह साफ कर दिया कि एनडीए की सरकार ने तीन तलाक के विरुद्ध कानून को बनाया। लेकिन इस कानून का जमीनी स्तर पर कोई फर्क नहीं दिखा। उल्टा इस कानून के चलते महिलाओं का शोषण होने लगा।विपक्षी पार्टी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा बोला है कि सरकार असल मुद्दे जैसे कि मणिपुर हिंसा बेरोजगारी असल मुद्दे से जनता का ध्यान भटका रही है। सरकार हमेशा यूसीसी के नाम पर जनता का शोषण करती है।
सुप्रीम कोर्ट भी समान नागरिक संहिता कानून के पक्ष में
UCC: भोपाल में एक पार्टी कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता का पुरजोर स्वागत किया और कहां संविधान सभी नागरिकों के समान अधिकारों की बात करता है। विपक्षी पार्टी मुस्लिम समुदायों को यूसीसी के खिलाफ भड़का रही है। पीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी चाहती है कि देश में समान नागरिक संहिता कानून लागू हो। लेकिन विपक्षी पार्टी तुष्टिकरण और अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए मुस्लिम लोगों को भड़का रही है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि लोग आज भी तीन तलाक को समर्थन दे रहे हैं। तीन तलाक से मुस्लिम बेटियों को बहुत कुछ झेलना पड़ता है। इस से उनको को न्याय नहीं मिलती है। अगर यह इतना ही महत्वपूर्ण होता तो पाकिस्तान, जॉर्डन, कतर आदि देशों में खत्म क्यों होता।
Written By: Juhi Pandit
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