गुलामी की कहानी: औरंगजेब ने कृष्ण जन्मभूमि को तोड़कर बनाया मेहराब, हिंदू स्कूलों और मंदिरों को करा दिया था ध्वस्त पढ़िए पूरी रिपोर्ट

औरंगजेब

गुलामी की कहानी: इतिहास में सभी धर्म के राजाओं के लिए मंदिर गिराना एक तरह से पावर दिखाने का माध्यम होता था। इतिहासकार राम पुनियानी ने कहा है, कि औरंगजेब को हिंदू विरोधी माने जाने की 2 वजह थीं। पहली वजह-वह इस्लाम धर्म को मानने वाला कट्टर सुन्नी था। दूसरी वजह-वह मौलानाओं के प्रभाव में फैसला लेता था। औरंगजेब भारतीय लोगों की नजर में सबसे क्रूर और कट्टर मुगल शासक के तौर पर इसलिए चर्चा में रहता है, कि काशी विश्वनाथ मंदिर को उसने तुड़वाया था। मुस्लिम धर्म को नहीं मानने वाले लोगों से जजिया टैक्स वसूलता था और सिख गुरु तेग बहादुर की हत्या उसने कराई थी।

कब गिराये थे औरंगजेब ने हिंदुओं के मंदिर?

मुगल साम्राज्य के छठे बादशाह औरंगजेब ने 9 अप्रैल 1669 को हिंदुओं के मंदिरों को गिराने का आदेश दिया था। ये आदेश उसके शासन वाले सभी 21 सूबों में लागू हुए। यहां हिंदुओं की धार्मिक प्रथाओं और त्योहारों को मनाने पर भी रोक लगा दी गई।

गुलामी की कहानी: औरंगजेब के इस आदेश का जिक्र उनके दरबार से जुड़े लेखक साकी मुस्तैद खान ने अपनी किताब ‘मआसिर-ए-आलमगीरी’ के चैप्टर 12 में किया है। 1965 में प्रकाशित वाराणसी गजेटियर के पेज नंबर- 57 पर भी इस आदेश का जिक्र है। इतिहासकार मानते हैं कि इसी आदेश के बाद सोमनाथ, काशी विश्वनाथ समेत दर्जनों मंदिरों को गिराया गया।

कश्मीरी हिंदुओं को कराया था इस्लाम कबूल

गुलामी की कहानी: कश्मीर में हिंदुओं के इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर करने के आरोप पर पुनियानी ने नारायण कौल के ‘कश्मीर का इतिहास’ किताब के हवाले से कहा कि ऐसा करने के पीछे न तो औरंगजेब और न ही उसका गवर्नर सैफ खान था। सैफ खान की मौत के बाद उसके बेटे नए गवर्नर इफ्तिखार खान ने कश्मीरी हिंदुओं को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया था।

मंदिरों को तुड़वाकर औरंगजेब ने बनाईं मस्जिद?

‘औरंगजेब का इतिहास’ किताब के पेज न-289 पर जदुनाथ सरकार लिखते हैं, कि 17वीं सदी के अंत में औरंगजेब ने गुजरात प्रांत के गवर्नर को पत्र लिखकर कहा था कि, सोमनाथ मंदिर को ध्वस्त करके वहां मूर्ति पूजा बंद करा दी गई थी। फिलहाल वहां की क्या स्थिति है, इसकी जानकारी नहीं है। अगर एक बार फिर से वहां मूर्ति पूजा होने लगी है तो मंदिर को इस तरह से बर्बाद कर दिया जाए कि इमारत का कोई निशान तक नहीं रहे। पूजा करने वाले लोगों को भी वहां से भगा दिया जाए।

2 सितंबर 1669 को औरंगजेब के आदेश के बाद सैकड़ों सैनिकों ने काशी विश्वनाथ मंदिर पर हमला कर दिया। मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया। इसका जिक्र जदुनाथ सरकार ने ‘हिस्ट्री ऑफ औरंगजेब’ किताब के पेज नं-282 पर किया है।

गुलामी की कहानी: इसी तरह से 1693 में वडनगर के हथेश्वर मंदिर, उदयपुर में झीलों के किनारे बने 3 मंदिर, 7 अप्रैल 1670 को उज्जैन के आसपास के मंदिर, सवाई माधोपुर में मलारना मंदिर समेत दर्जनों बड़े मंदिरों को तोड़ने के दावे अलग-अलग किताबों में किए गए हैं। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर की ऊपरी दो मंजिलों को तोड़कर उसके ऊपर मेहराब बना दिया गया था ताकि औरंगजेब वहां नमाज पढ़ सके।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर की ऊपरी मंजिलों को तोड़कर बना मेहराब
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर की ऊपरी मंजिलों को तोड़कर बना मेहराब

मंदिर तुड़वाने की क्या थी वजह?

गुलामी की कहानी: इतिहासकार इरफान हबीब का कहना है, कि इसमें कोई दो राय नहीं कि औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़ने के आदेश जारी किए थे। उस वक्त के राजा-महाराजा मंदिर और मठ बनवाते थे। ऐसे में जब कोई दूसरा राजा उस साम्राज्य को जीतता था तो वह सबसे पहले उस साम्राज्य के प्रतीक को खत्म करना चाहता था। अकेला औरंगजेब नहीं, बल्कि कई दूसरे राजाओं ने भी ऐसा किया। मंदिर गिराने वालों में हिंदू राजा भी थे।

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।