HD Dev Gowda: पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देव गौड़ा के नेतृत्व वाले जनता दल ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल होने का फैसला किया। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले जेडीएस के इस फैसले को कर्नाटक की राजनीति में अहम माना जा रहा है क्योंकि देव गौड़ा परिवार की यह पार्टी दक्षिण के इस राज्य में तीसरी बड़ी ताकत है। राज्य में कांग्रेस की सरकार है जबकि भाजपा विपक्ष में है।
HD Dev Gowda: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के बीच हुई एक बैठक के बाद भाजपा नेताओं ने बताया कि जेडीएस ने एनडीए में शामिल होने का फैसला किया है। यह बैठक शाह के आवास पर हुई। नड्डा ने एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमारे वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी से मुलाकात की। मुझे खुशी है कि जेडीएस ने एनडीए का हिस्सा बनने का फैसला किया है।
पिछले चुनावों में कैसा रहा जेडीएस का प्रदर्शन
HD Dev Gowda: असल में इस बार के जो विधानसभा चुनाव हुए थे, उसमें किंगमेकर का सपने देख रही जेडीएस को मात्र 19 सीटें मिली थीं, वहीं उसका वोट शेयर भी 13 फीसदी के करीब रह गया था। दूसरी तरफ कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत हासिल करते हुए 135 सीटें जीत डाली थीं, वहीं बीजेपी का आंकड़ा 66 पर सिमट गया था।उस बदली ही स्थिति के बाद ही बीजेपी को दक्षिण में और वहां भी कर्नाटक में एक भरोसेमंद सहयोगी की तलाश थी। माना जा रहा है कि जेडीएस के आने से पार्टी को कुछ सियासी फायदा तो हो ही सकता है।
बीजेपी और जेडीएस के साथ आने से दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक में सामाजिक और राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदल सकते हैं। कर्नाटक की आबादी में करीब 17 फीसदी भागीदारी वाला लिंगायत समुदाय बीजेपी का कोर वोटर माना जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी लिंगायत समुदाय से ही आते हैं। लिंगायत के बाद करीब 15 फीसदी आबादी वाला वोक्कालिगा समुदाय दूसरा सबसे प्रभावशाली समाज है।
वोक्कालिगा परंपरागत रूप से जेडीएस का वोटर माना जाता है। जेडीएस के अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा खुद भी वोक्कालिगा समुदाय से ही आते हैं। दो पार्टियों के साथ आने से राज्य में एनडीए का वोट बेस करीब 32 फीसदी हो जाएगा। ऐसे में सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों के लिहाज से कर्नाटक में एनडीए की जमीन को मजबूती मिल सकती है।
Written By: Swati Singh
ये भी पढ़ें..