Indo-Canada Relation: मोदी सरकार के अल्टीमेटम का असर, कनाडा ने अपने राजनयिकों को भेजा भारत से बाहर

Indo-Canada Relation: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के द्वारा कनाडाई संसद में दिए बयान के बाद भारत लगातार सख़्त नज़र आ रहा है। भारत के लगातार दवाब बनाने के बाद कनाडा ने अपने अधिकत्तर राजनयिकों को मलेशिया और सिंगापुर भेज दिया है। दरअसल, पिछले दिनों विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारत में कनाडा के ज्यादा राजनयिक है।

Indo-Canada Relation: साथ ही बागची ने राजनयिकों पर भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने का भी आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कनाडा के साथ चर्चा करेंगे। बता दें, खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कनाडा में लगभग 6 महीने पहले हो गई थी। प्रधानमंत्री ट्रूडो ने इस हत्या में भारतीय एजेंसीयो का हाथ बता दिया था। जिसके बाद भारत के ओर से लगातार सख़्ती की जा रही है।

Indo-Canada Relation: अमेरिकी मीडिया संस्थान द पॉलिटिक’ ने खबर दी कि गार्सेटी ने यह भी कहा था कि अमेरिका को भारतीय अधिकारियों के साथ अपने संपर्कों को अनिर्धारित अवधि के लिए कम करने की भी जरूरत है।  इस रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा, “अमेरिकी दूतावास इन खबरों को खारिज करता है. राजदूत गार्सेटी अमेरिका और भारत के लोगों और सरकारों के बीच साझेदारी को गहरा करने के लिए हर दिन कड़ी मेहनत कर रहे हैं.”

Indo-Canada Relation: उन्होंने आगे कहा,उनके निजी जुड़ाव और सार्वजनिक कार्यक्रम दिखाते हैं कि राजदूत गार्सेटी और भारत में अमेरिकी मिशन भारत के साथ हमारी अहम और रणनीतिक साझेदारी आगे बढ़ाने के लिए हर दिन काम कर रहे हैं.”

कनाडाई राजनयिकों को लेकर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

Indo-Canada Relation: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि परस्पर राजनयिक उपस्थिति पर पहुंचने के तौर-तरीकों पर चर्चा चल रही है और उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया कि भारत इस मुद्दे पर अपनी स्थिति की समीक्षा नहीं करेगा। ऐसी जानकारी है कि भारत में कनाडाई राजनयिकों की संख्या 62 है और नई दिल्ली चाहती है कि ओटावा इस संख्या में कम से कम 41 की कमी करे।

यह पूछे जाने पर कि क्या कनाडा ने निज्जर की हत्या से संबंधित कोई जानकारी या सबूत भारत के साथ साझा किया है, बागची ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर की हालिया टिप्पणियों का हवाला दिया था कि यदि कोई विशिष्ट या प्रासंगिक जानकारी नई दिल्ली के साथ साझा की जाती है, तो वह उस पर विचार करने के लिए तैयार है।

भारत के कहने पर कनाडा ने उठाया ये कदम

Indo-Canada Relation: सीटीवी न्यूज की यह रिपोर्ट तब आई है जब भारत ने इस हफ्ते की शुरुआत में कनाडा को अपने मिशनों से कई दर्जन राजनयिकों को वापस लेने के लिए कहा था. गुरुवार को ही एक साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत और कनाडा में दोनों देशों के राजनयिकों की संख्या समान होनी चाहिए।

अब यह कनाडा तय करे कि वो अपने किस राजनयिक को भारत में रखना चाहता है और किसे बुलाना चाहता है.बागची ने कहा, ‘जैसा कि हमने पहले कहा है, भारत में कनाडाई राजनयिकों की संख्या काफी ज्यादा है और वो हमारे घरेलू मामलों में हस्तक्षेप करते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए, हम उम्मीद करते हैं कि कनाडा के राजनयिक भारत में अपनी संख्या कम करेंगे और वापस चले जाएंगे।’

Written By: Poline Barnard

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।