Sanjay Singh: दिल्ली की शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने उनके सहयोगियों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जांच अधिकारियों ने अब आप प्रमुख के तीन करीबी सहयोगियों को तलब किया है और उन्हें जांच में भाग लेने के लिए कहा है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ईडी ने संजय सिंह के तीन सहयोगियों विवेक त्यागी, सोरश मिश्रा और कंवलबीर सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया है।
Sanjay Singh: बताया जा रहा है कि सोरौश मिश्रा आज एडमिन में नजर आ सकते हैं। ईडी ने आरोप लगाया है कि संजय सिंह के सहयोगी सोरौश को आप नेता से उनके आवास पर 200 करोड़ रुपये मिले थे।वहीं,संजय सिंह के पीए विजय त्यागी को अमित अरोड़ा के अरारियस हॉस्पिटैलिटी बिजनेस में हिस्सेदारी मिल गई।
ईडी ने बुधवार को आप नेता को किया गिरफ्तार
Sanjay Singh: बता दें कि ईडी ने बुधवार को करीब 11 घंटे तक चली छापेमारी के बाद आप नेता को गिरफ्तार किया था। वह गुरुवार को विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल की अदालत में पेश हुए और 10 दिन की रिमांड मांगी। पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने आप प्रतिनिधि को पांच दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेजने का आदेश दिया और ईडी की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक नवीन मट्टा ने कहा कि 3,000 करोड़ रुपये के सौदे को दो हिस्सों में बांटा गया था। उक्त राशि संजय सिंह के आवास पर अलग से भेंट की गयी। दिनेश अरोड़ा ने संजय सिंह से पता किया तो उन्होंने भी इसकी पुष्टि की। जांच से पता चला कि कुल 3 करोड़ रुपये में से 2 करोड़ रुपये नकद दिए गए।
वकील दिनेश अरोड़ा ने संजय पर लगाया आरोप
Sanjay Singh: संजय सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मोहित माथुर ने दलील दी कि सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा ने अपनी आजादी सुनिश्चित करने के लिए संजय सिंह को फंसाया। उनकी दलील है कि कोर्ट को दिनेश अरोड़ा के बदले रवैये पर गौर करना चाहिए। मार्च और अप्रैल में दिनेश अरोड़ा बयान देते हैं, लेकिन संजय सिंह का नाम नहीं आता। अचानक वह सरकारी गवाह बन जाता है और जमानत पर रिहा हो जाता है। उन्होंने ईडी पर सिंह को गिरफ्तार कर अपमानित करने का आरोप लगाया। मोहित माथुर ने दावा किया कि उन्होंने अरोड़ा पर इस मामले में संजय सिंह को दोषी ठहराने के लिए दबाव डाला।
हालांकि, ईडी के वकील शोएब हुसैन ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि यह तर्क पूरी तरह से निराधार है कि दिनेश अरोड़ा ने प्रलोभन के आधार पर अपना बयान दिया है। अमित और दिनेश अरोड़ा को शुरू में मेरा नाम याद नहीं था: संजय सिंह। सुनवाई के दौरान संजय सिंह ने कहा कि मैं कोई अनजान व्यक्ति नहीं हूं, अमित अरोड़ा और दिनेश अरोड़ा को मेरा नाम याद नहीं है।
उन्होंने पहले कभी अपने बयानों में मेरे नाम का जिक्र नहीं किया था, लेकिन अचानक पूरा बयान मेरे खिलाफ निर्देशित कर दिया गया।’ उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी से पहले उन्हें कोई नोटिस या आदेश नहीं मिला था। मैंने कहा कि आप न्यायपालिका के अध्यक्ष हैं, मेरे लिए अलग कानून नहीं हो सकता। अगर यह मेरी गलती है तो कोर्ट मुझे सजा दे ।’ संजय सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मोहित माथुर ने रिमांड याचिका खारिज कर दी। मामले में शामिल नहीं होने वाले व्यक्ति के लिए 10 दिन की प्री-ट्रायल हिरासत की आवश्यकता का प्रस्ताव करना बेतुका है। संजय सिंह का शराब की राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।
Written By: Poline Barnard
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