सुप्रीम कोर्ट से SBI को मिला बड़ा झटका, CJI बोले- “ये बेहद गंभीर मामला”

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने SBI के उस आवेदन को खारिज कर दिया है। जिसमें चुनाव आयोग को चुनावी बांड का विवरण जमा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने SBI से 12 मार्च को कामकाजी समय समाप्त होने तक चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करने को कहा है।

इसके अलावा न्यायालय ने ईसीआई को उन बांडों का विवरण प्रकाशित करने का निर्देश दिया है, जो ईसी द्वारा 15 मार्च की शाम 5 बजे सीलबंद कवर में एससी के साथ दायर किए गए थे। एसबीआई ने राजनीतिक दलों द्वारा नकदी में बदले गए चुनावी बांड के विवरण का खुलासाकरने के लिए शीर्ष अदालत से 30 जून तक की मोहलत मांगी थी।

Supreme Court: कोर्ट ने SBI को लगाई फटकार

भारतीय स्टेट बैंक की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा है कि 26 दिन में आपने क्या किया। ये बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने कहा है कि एसबीआई को सिर्फ सीलबंद कवर खोलना है, विवरण एकत्र करना है और चुनाव आयोग को जानकारी देनी है। पिछले 26 दिनों में आपने क्या कदम उठाए? आपका आवेदन उस पर चुप है।

5 सदस्यीय संविधान पीठ कर चुकी है रद्द

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ अपने आदेश में कहा, “एसबीआई के आवेदन से संकेत मिलता है कि मांगी गई जानकारी आसानी से उपलब्ध है। इस प्रकार 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करने की उसी अर्जी खारिज की जाती है।

एसबीआई को 12 मार्च 2024 के कामकाजी समय के आखिरी तक विवरण का खुलासा करने का निर्देश दिया जाता है।” शीर्ष अदालत की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 15 फरवरी को अपने फैसले में राजनीतिक दलों को चंदा देने की इस योजना (चुनावी बांड) को अपारदर्शी और असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द कर दिया था।

क्या बोली जया ठाकुर?

याचिकाकर्ता जया ठाकुर का कहना है, “सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझा और बैंक (एसबीआई) को कल तक सभी दस्तावेज जमा करने का सख्त आदेश जारी किया। मुझे लगता है कि यह एक बेहतरीन फैसला है, मैं इसका स्वागत करती हूं।”

क्या बोले वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे?

SBI की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बैंक को चुनाव आयोग को चुनावी बांड का विवरण जमा करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है। साल्वे का कहना है कि SBI की समस्या यह है कि पूरी प्रक्रिया को उलटना पड़ेगा। एसओपी ने सुनिश्चित किया था कि कोर बैंकिंग सिस्टम और बांड नंबर में खरीदार का कोई नाम नहीं हो।

Written By: Vineet Attri

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।