Uttarakhand: उत्तरकाशी टनल में 10 दिन से फंसे 41 मजदूर, पीएम मोदी ने CM धामी से की बात

Uttarakhand: सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने को लेकर रेस्क्यू अभियान 24 घंटे संचालित हो रहा है।उत्तरकाशी के टनल में फंसे मजदूरों का रेस्क्यू ऑपरेशन आज जारी है। बता दें मजदूरों को टनल से बहार निकालने के लिए 6 प्लान पर एक साथ काम किया जा रहा है।

Uttarakhand: रेस्क्यू टीम ने उन तक पहुंचाए गए एंडोस्कोपी प्लेकसी कैमरे से सभी से बातचीत हुई है। इसका वीडियो और फोटो भी जारी कर दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी को जल्द सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। श्रमिकों और परिजनों को धैर्य बनाये रखने की जरूरत है। केंद्र और राज्य सरकार युद्धस्तर पर रेस्क्यू कर रही है।

पीएम मोदी ने हादसे का लिया अपडेट

Uttarakhand: उत्तरकाशी टनल हादसे में जारी रेस्क्यू ऑपरेशन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नजर बनाए हुए हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि पीएम मोदी ने फिर से फोन पर जानकारी ली। पीएम ने कहा है कि केंद्र सरकार रेस्क्यू के लिए जरूरी सभी मशीनों और उपकरणों को उपलब्ध करा रही है और इसके साथ केंद्र और राज्य की एजेंसियां एक साथ मिलकर मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लेंगे।

उन्होंने ये भी कहा है कि फंसे श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है। बता दें अब तक प्रधानमंत्री तीन बार मुख्यमंत्री से स्थिति की जानकारी ले चुके हैं। इसके साथ ही पीएमओ की टीम भी मौके का निरीक्षण कर चुकी है और लगातार स्थिति पर नज़र बनाये हुए है.

सीएम पुष्कर धामी ने पीएम मोदी को दी जानकारी

Uttarakhand: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी एजेंसियां, इंजीनियर, तकनीशियन और विशेषज्ञ इस पर काम कर रहे हैं। उनकी कड़ी मेहनत से अब छह इंच की पाइपलाइन के माध्यम से भोजन भेजा जा रहा है। यह निश्चित रूप से हमारे लिए उत्साहजनक है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि बचाव अभियान जल्द से जल्द समाप्त होगा और हमारे सभी श्रमिक सुरक्षित बाहर आएंगे। प्रधानमंत्री हर दिन जानकारी ले रहे हैं और हमें हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। मैंने आज प्रधानमंत्री को सारी जानकारी दे दी है।

क्या बोले मजदूरों के परिजन?

Uttarakhand: सिल्कयारा सुरंग में फंसे एक श्रमिक के परिवार के एक सदस्य का कहना है कि हमें उम्मीद है, लेकिन जब मैं उनसे बात करूंगी तो मैं संतुष्ट हो जाऊंगी। फंसे हुए श्रमिकों की पहली तस्वीरें आज सुबह सामने आईं जब एक एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरा उन तक पहुंचा।

इस बीच, मलबे को आर-पार भेदकर डाली गयी छह इंच व्यास वाली पाइपलाइन के जरिए सोमवार रात को श्रमिकों तक खिचड़ी भेजी गयी खिचड़ी को चौड़े मुंह वाली प्लास्टिक की बोतलों में पैक कर श्रमिकों तक पहुंचाया गया।

सुरंग में चलाए जा रहे बचाव अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि इस पाइपलाइन से दलिया, खिचड़ी, कटे हुए सेब और केले भेजे जा सकते हैं। बचाव अभियान में जुटे सुरक्षा कर्मचारी निपू कुमार ने कहा कि संचार स्थापित करने के लिए पाइप लाइन में एक वॉकी-टॉकी और दो चार्जर भी भेजे गए हैं।

सुरंग के धंसने से फंसे 41 मजदूर

Uttarakhand: बता दें कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग धंसने के बाद से करीब 41 मजदूर उसमें फंसे हुए हैं। इन मजदूरों को पिछले 10 दिनों से रेस्क्यू करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं मिली है। एक तरफ जहां 41 मजदूरों जीवन और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ उन्हें रेस्क्यू करने के कई प्रयास असफल हो चुके हैं।

एक खबर के मुताबिक टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए दिल्ली से लाई गई ऑगर मशीन ने 17 नवंबर को काम करना बंद कर दिया। इसके बाद इंदौर से एक नई मशीन मंगाई गई जिसे अब सुरंग के भीतर 200 मीटर अंदर तक ले जाया जा रहा है। अब मलबे में सामने के बजाय ऊपर से ड्रिलिंग किया जाएगा, ताकि मलबे को आसानी से हटाया जा सके।

Written By: Poline Barnard

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।