Supreme Court: दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, रैपिड रेल परियोजना फंड नहीं देने पर जताई नाराज़गी

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली सरकार के फंड न देने पर नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए धन उपलब्ध कराने में दिल्ली सरकार द्वारा हिलाहवाली के लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। अदालत ने दिल्ली सरकार द्वारा अपने हिस्से का फंड नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताई।

Supreme Court: शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि अगर दिल्ली सरकार ने एक हफ्ते में इस परियोजना के लिए अपने हिस्से का पैसा जारी नहीं किया तो दिल्ली सरकार के विज्ञापन फंड को रैपिड रेल परियोजना के लिए दे दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि आपका 3 साल का विज्ञापन बजट 1100 करोड़ है और इसके लिए पैसे नहीं हैं।

Supreme Court: इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार के विज्ञापन पर तीन सालों का बजट 1100 करोड़ रुपए है और इस साल का बजट 550 करोड़ है, लेकिन सरकार इस जनहित परियोजना के बकाया 415 करोड़ रुपए नहीं दे रही है। इस परियोजना में संबंधित राज्य सरकारों को भी अपनी हिस्सेदारी चुकानी है।

Supreme Court: कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि एक हफ्ते में 415 करोड़ रुपए ट्रांसफर करे। कोर्ट ने कहा कि हमारे आदेश को ध्यान में रखें और एक हफ्ते में बकाया चुकाएं। कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 28 नवंबर को करेगा।

कोर्ट ने विज्ञापन बजट का किया जिक्र

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने दी चेतावनी दी थी कि या तो भुगतान करें या फिर अदालत उसके फंड तो अटैच करने के आदेश जारी करेगी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की फटकार और चेतावनी के बाद दिल्ली सरकार दो महीने के भीतर 415 करोड़ का बकाया देने को राजी हो गई थी, लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया गया।

जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने यहां तक कहा था कि अगर सरकार पिछले तीन वर्षों में विज्ञापन के लिए ₹1,100 करोड़ आवंटित कर सकती है तो वह बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भी फंड आवंटित कर सकती हैं ।पीठ ने राज्य सरकार को दो महीने के भीतर परियोजना के लिए बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परियोजना के लिए अपने हिस्से के फंड में देरी को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी।इसके बाद उसने दिल्ली सरकार को पिछले तीन वित्तीय वर्षों में विज्ञापनों पर अपने खर्च का विस्तृत ब्यौरा पेश करने का निर्देश दिया था। ऐसा तब हुआ जब दिल्ली सरकार ने कहा कि उसके पास इस परियोजना के लिए धन नहीं है। आज जब मामला सुनवाई के लिए आया था तो दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि धन आवंटित किया जाएगा।

क्या है RRTS प्रोजेक्ट?

Supreme Court: RRTS प्रोजेक्ट के जरिए दिल्ली को राजस्थान और हरियाणा से जोड़ा जाना है। इसके तहत हाई स्पीड कम्प्यूटर बेस्ड रेलवे सर्विस दी जाएगी। रैपिड रीजनल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के जरिए नॉन-पीक टाइम में माल ढुलाई की प्लानिंग है। रैपिड रेल RAPIDX 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेगी।

जब RAPIDX में भीड़ कम रहेगी, तब उसे कार्गो पहुंचाने में यूज किया जाएगा। यह मेट्रो सर्विस से अलग होगी। मेट्रो में स्पीड कम और स्टॉपेज ज्यादा होते हैं। RRTS में स्पीड ज्यादा और स्टॉपेज कम होंगे। इससे NCR में ट्रैफिक और पॉल्यूशन में भी कमी आएगी।

Written By: Swati Singh 

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।