पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो 4 मई को होने वाली SCO समिट में शामिल होने के लिए भारत आ रहे हैं। पाक के विदेश मंत्रालय ने ये जानकारी दी है कि शंघाई सहयोग संगठन की समिट में शामिल होने वाले प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी द्वारा की जाएगी।यह समिट गोवा में होनी है जिसमें पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी शामिल होने के लिए आ रहे हैं।बिलावल अगर भारत आते हैं तो ऐसा किसी पाकिस्तान के विदेश मंत्री का 12 साल बाद भारत का दौरा होगा। इससे पहले 2011 में पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार भारत दौरे पर आई थी।
वर्ष 2014 में उस वक्त के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की भारत यात्रा के बाद ये किसी पाकिस्तानी नेता की पहली भारत यात्रा भी होगी। भारत में इस समिट को लेकर काफी तैयारियां चल रही है जबकि पाकिस्तान में इस सम्मेलन को लेकर बहुत बहस हो रही है। पाकिस्तान की विरोधी पार्टियां बिलावल भुट्टो की इस यात्रा को विफल करने के प्रयत्न में लगी हुई है। इसी बीच पाकिस्तान के पूर्व प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा चाहते हैं कि भारत के साथ रिश्ते और बेहतर हो जाए।उन्होंने पर्दे के पीछे से भारत के साथ संबंध अच्छे करने के लिए पहले भी योजना बनाई थी।
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की उनके पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो के साथ द्विपक्षीय बातचीत नहीं होगी। स्पष्ट है कि बिलावल आएंगे और एससीओ की मीटिंग में हिस्सा लेने की रस्म निभाकर लौट जाएंगे। भारत का कहना है कि आतंकवाद और बातचीत,दोनो साथ– साथ नहीं चल सकते हैं यदि पाकिस्तान को भारत के साथ संबंध अच्छे बनाने है तो उसे आतंक बाद से दूर रहना होगा।
SCO क्या है?
यह पश्चिमी देशों का सैन्य संगठन नाटो का समकक्ष माना जाता है। इसके सदस्य देश-चीन, भारत, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, तजाकिस्तान और उज़्बेकिस्तान। इसकी स्थापना 15 जून 2001 को चीन के शंघाई में हुई थी। इस संगठन का मूल लक्ष्य क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, जातीय अलगाव और धार्मिक कट्टरता जैसे मुद्दों को सुलझाना है।
Written By–Swati Singh