Prayagraj: अतीक अहमद समेत 10 आरोपी हुए एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश, ‘उमेश पाल अपरहण’ मामले में जज ने अतीक समेत तीन आरोपियों को सुनाई उम्र कैद की सजा

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Prayagraj: सुप्रीम कोर्ट ने माफिया अतीक की याचिका को सुनने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने आपने आदेश में कहा है कि राहत पाने के लिए आपको हाईकोर्ट जाना होगा। प्रयागराज में उमेश पाल के आवास के बाहर सुरक्षा तैनात की गई है। अपहरण के एक मामले में प्रयागराज एमपी-एमएलए की कोर्ट आज फैसला सुनाएगी। माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ समेत मामले के सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा। खबर ये आ रही है कि अतीक और उनका भाई अशरफ अहमद का काफिला एमपी-एमएलए कोर्ट पहुंच गए है। अतीक अहमद,दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ केवल तीन आरोपियों को ‘उमेश पाल अपहरण’ मामले में जज डॅा दिनेश चंद्र शुक्ल ने दोषी ठहराते हुए अतीक समेत तीनो आरोपियो को उम्र कैद की सजा सुनाई गई।और बाकि बचे 7 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। 

 

प्रयागराज एमपी-एमएलए कोर्ट ने उमेश पाल अपहरण मामले में माफिया से नेता बने अतीक अहमद, दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ को दोषी करार दिया है। अतीक अहमद के भाई अशरफ सहित अन्य सभी 7 अभियुक्तों को अदालत ने बरी कर दिया है।

Prayagraj: इससे पहले माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को प्रयागराज की जिस कोर्ट में प्रस्तुत करना है, उस कोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई।

 

Prayagraj: जया पाल- अतीक अहमद को मिले फांसी

इससे पहले उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा कि “मैं कोर्ट से यही उम्मीद करती हूं कि उसको(अतीक अहमद) फांसी की सज़ा दिलाई जाए। जब तक जड़ खत्म नहीं होगी तब तक कुछ नहीं हो पाएगा। हम डर के साए में जी रहे हैं।”

उमेश पाल की मां शांती देवी ने कहा कि “मेरे बेटे ने बहुत संघर्ष किया है। जेल उसका(अतीक अहमद) घर है और वहां से वो कुछ भी करा सकता है। प्रशासन ने अभी तक जो भी कुछ किया है उससे हम संतुष्ट हैं। मेरी यही मांग है कि उसको फांसी की सज़ा हो।”

क्या है मामला?

बीएसपी विधायक राजू पाल मर्डर केस में मुख्य गवाह उमेश पाल अपहरण मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। इस केस में आरोप था कि 28 फरवरी 2006 को अतीक अहमद और अशरफ ने उमेश पाल का अपहरण कराया था। उमेश पाल को मारपीट करने के बाद परिवार समेत जान से मारने की धमकी देते हुए कोर्ट में जबरन हलफनामा दाखिल कराया गया। 2007 में मायावती की सरकार बनने के बाद उमेश पाल ने पांच जुलाई 2007 को अतीक और अशरफ समेत 5 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

अंसार बाबा की हो चुका है हत्या

बता दें कि कोर्ट में अतीक और अशरफ समेत 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। साल 2009 से मुकदमे का ट्रायल शुरू हुआ। अभियोजन यानी सरकारी पक्ष से कुल 8 गवाह पेश किए गए थे। इस केस के 11 आरोपियों में से अंसार बाबा नाम के आरोपी की मौत हो चुकी है। अतीक और अशरफ समेत कुल 10 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया है।

24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या

बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनरों की हत्या 24 फरवरी को उनके घर के पास की गई थी। इस मामले में अतीक अहमद गैंग पर हत्या कराने का आरोप लगा है।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।