Uniform Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर लगातार देश में बहस चल रही है। जहां भाजपा UCC का समर्थन कर रही है तो वहीं कुछ मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे है। UCC का विरोध करने वाले मुस्लिम संगठनों में जमीयत उलेमा शामिल है। जमीयत के चीफ अरशद मदनी UCC के विरोध मे बयान सामने आया है।
अरशद मदनी: मुस्लिमों से सड़कों पर न उतरने की अपील
Uniform Civil Code: मदनी का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है “जिसमें वो UCC को हिन्दू–मुस्लिम के बीच दरार डालने वाला कदम बताया हैं। इस दौरान उन्होंने UCC के विरोध का भी ऐलान किया है। हालांकि, मदनी ने मुस्लिमों से सड़कों पर न उतरने की भी अपील की है। मदनी का कहना है कि फिरकापरस्त ताकतें मुस्लिमों के 1300 साल पुराने कायदों और कानूनों को बदलने की साजिश रच रहीं हैं।”
अरशद मदनी:मुस्लिमों को पर्सनल लॉ के मुताबिक जीवन बिताने की दी नसीहत
Uniform Civil Code: इस बयान में उन्होंने आगे कहा है कि “1300 सालों से खासतौर पर भारत के मुस्लिमों को पर्सनल लॉ के मुताबिक जीवन बिताने की नसीहत दी है। और साथ ही उन्होंने आगे कहा कि वो पुराने कानून को ही बरकरार रखना चाहते हैं। UCC को उन्होंने फिरकापरस्त लोगों द्वारा शुरू किया गया राजनैतिक मसला बताया। साथ ही इसे वास्तविकता से परे बताया।”
अरशद मदनी:असल में देश के हिन्दू–मुस्लिम वोटों को आपस में बांटना है मकसद
Uniform Civil Code: मदनी ने आगे कहा कि “UCC लागू करने की सोच रखने वाले असल में देश के हिन्दू–मुस्लिम वोटों को आपस में बाँटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मंशा सिर्फ यही है कि देश को ये दिखाया जा सके कि आज़ादी के बाद अब तक मुसलामानों के खिलाफ जो कोई नहीं कर सका तो अब कर दिया गया। मदनी के मुताबिक जितना ही विरोध किया जाएगा उतना ही हिन्दू–मुस्लिम में दूरी बनेगी और साम्प्रदायिक ताकतों की सफलता उतनी ही पक्की हो जाएगी। यूनिफॉर्म सिविल कोड को मदनी ने मुस्लिमों की पर्सनल आजादी खत्म करने की साजिश बताया।”
लोकतंत्र को कमजोर करने और विभाजनकारी राजनीति करने के आरोप सामने आते हैं क्योंकि #Modi सरकार का #UniformCivilCode पर जोर देना चिंता पैदा करता है। आलोचकों का तर्क है कि यह #Muslims को लक्षित करके और हिंदू-मुस्लिम विभाजन को बढ़ावा देकर चुनावी लाभ चाहते हैं।
मौलाना अरशद मदनी pic.twitter.com/iSq7ZyUxcN— Parkash Kumar Bheel प्रकाश कुमार भील (@DalitOfficial) June 19, 2023
अरशद मदनी: चौहान साहब कि रिपोर्ट को बनाया आधार
Uniform Civil Code: मदनी ने अपने बयान के समर्थन में किसी चौहान साहब कि रिपोर्ट का जिक्र करते हुए दावा किया है। मदनी ने रिपोर्ट को आधार बनाते हुए बताया कि उस रिपोर्ट में यूनिफॉर्म सिविल कोड को भारत में एक गैरजरुरी चीज करार दिया गया है।
क्या है यूनियन सिविल कोड?
Uniform Civil Code: आपको बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब एक देश, एक कानून यानी देश में रहने वाले सभी नागरिकों (हर धर्म, जाति, लिंग के लोग) के लिए एक कानून होना। अगर सिविल कोड लागू होता है तो विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे तमाम विषयों में नागरिकों के लिए एक से कानून होंगे…
Uniform Civil Code: गौरतलब है लॉ कमीशन ने फिर से ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ पर कंसल्टेशन (परामर्श) प्रक्रिया शुरू कर दी है। आयोग ने बुधवार (14 जून) को देश के लोगों से राॅय मांगी। 22वें विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता के बारे में मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के विचारों को जानने के लिए फिर से निर्णय लिया।
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