Dhananjay Singh: उत्तर प्रदेश के जौनपुर के बाहुबली पर दर्ज 43 केस, कैसे घटकर रह गए 10

Dhananjay Singh

Dhananjay Singh: बीते तीन दशक से उत्तर प्रदेश की सियासत में बाहुबली धनंजय सिंह को पहली बार किसी केस में सजा सुनाई गई है। नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर का अपहरण और रंगदारी वसूली के मामले में जौनपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने धनंजय सिंह और उसके साथी संतोष विक्रम सिंह को 7 साल की सजा और 50,000 का जुर्माना लगाया है। कभी उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर में मारे जाने की झूठी कहानी से बाहुबली बने धनंजय सिंह पर 43 मुकदमे दर्ज थे, लेकिन आज सिर्फ 10 मुकदमे लंबित हैं।

यह पहला मामला है जब धनंजय सिंह को 7 साल की सजा सुनाई गई है। अदालत के इस फैसले के साथ धनंजय सिंह के राजनीतिक सफर पर हाईकोर्ट से राहत मिलने तक विराम लग गया है। बात अगर धनंजय सिंह के अपराधिक इतिहास की करें तो मौजूदा समय में धनंजय सिंह पर 10 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से 8 केस तो जौनपुर में दर्ज हैं, बाकी एक मुकदमा दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने का है और एक मुकदमा लखनऊ के विभूति खंड थाने का है, जो मामूली धाराओं में है।

अब तक सिर्फ तीन मुकदमे में धनंजय सिंह पर चार्ज फ्रेम हो पाया है और गवाही चल रही है। बाकी 6 मुकदमों में पुलिस ने चार्जशीट जरूर दाखिल की है लेकिन अभी अदालत में चार्ज फ्रेम नहीं हो पाए हैं। नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंह को धमकाने का यह पहला मामला है, जिसमें धनंजय सिंह को सजा हुई है।

Dhananjay Singh: जौनपुर में गर्म है सियासी माहौल

उत्‍तर प्रदेश की जौनपुर लोकसभा सीट का चुनाव दिलचस्प हो गया है। धनंजय सिंह के जेल जाने के बाद सियासी माहौल गरम है। जौनपुर से पूर्व सांसद रहे धनंजय 2024 लोकसभा चुनाव में दावेदारी का प्‍लान बना चुके थे। सिंह को सात साल जेल की सजा हुई है। बीजेपी ने 2 मार्च को जारी लिस्ट में जौनपुर से कृपाशंकर सिंह को टिकट दिया है। वहीं कयास लग रहे हैं कि अब वह अपनी पत्नी श्रीकला रेड्डी को चुनाव मैदान में उतार सकते हैं, जो जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष भी हैं।

50 हजार का इनामी कैसे बना जौनपुर का लड़का

धनंजय सिंह जौनपुर के रहने वाले हैं। उनका जन्म 16 जुलाई 1975 को हुआ था। साल 1990 में हाईस्कूल में पढ़ाई के दौरान पहली बार उसका नाम हत्याकांड में आया। हालांकि आरोप साबित नहीं हो पाया। लेकिन धनंजय सिंह अपराध के रास्ते पर चल निकला था। साल 1992 में एक युवक की हत्या का आरोप लगा। उस वक्त धनंजय सिंह बोर्ड की परीक्षा दे रहा था। आखिरी के कुछ पेपर उसने पुलिस की हिरासत में दिए। उसके बाद वो लखनऊ विश्वविद्यालय में चला गया और छात्र राजनीति में सक्रिय हो गया। यहीं पर धनंजय की मुलाकात अभय सिंह से हुई। धीरे-धीरे धनंजय सिंह अपराध की दुनिया में धंसता चला गया। साल 1998 आते-आते उसके खिलाफ 12 मुकदमे दर्ज हो चुके थे। उसपर 50 हजार का इनाम भी रखा जा चुका था।

धनंजय सिंह ने की 3 शादी

बाहुबली धनंजय सिंह ने तीन शादी की है। साल 2006 में उसकी शादी मीनू सिंह से हुई थी। मीनू के पिता पटना में बैंक मैनेजर थे। लेकिन शादी के अभी एक साल के भीतर ही मीनू की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। परिवार के लोगों ने इसे खुदकुशी बताया। पहली पत्नी की मौत के बाद धनंजय सिंह ने साल 2009 में दूसरी शादी डॉ. जागृति सिंह से की। साल 2013 में धनंजय सिंह की पत्नी जागृति पर आरोप लगा कि उनकी पिटाई से नौकर की मौत हुई है। इस मामले में जागृति की गिरफ्तारी भी हुई। धीरे-धीरे धनंजय सिंह और जागृति सिंह में दूरियां बढ़ने लगी और साल 2017 में दोनों ने तलाक ले लिया।

इसी साल धनंजय सिंह ने तीसरी शादी की। उसने तेलंगाना के बिजनेसमैन की बेटी श्रीकला रेड्डी से फ्रांस के पेरिस में शादी की।श्रीकला रेड्डी का निप्पो बैट्री ग्रुप की मालिक के फैमिली से ताल्लुक है। श्रीकला के पिता जितेंद्र रेड्डी हुजूरनगर सीट से निर्दलीय विधायक रहे थे। जबकि उनकी मां गांव की सरपंच रह चुकी हैं। शादी के बाद साल 2021 में धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं। धनंजय सिंह का एक बेटा और एक बेटी हैं।

Written By: Swati Singh

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मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।