Ground Report: उत्तर प्रदेश के जिला अलीगढ़ मुख्यालय से क़रीब 60 किलोमीटर दूर टप्पल का एक गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। आलम यह है, कि गांव में खारे पानी की समस्या और गांव का मुख्य रास्ता दशकों से जर्जर हालत में होने के कारण यहां लड़कों के लिए आने वाले रिश्ते उसे देखकर ही वापिस लौट जाते हैं। दिल्ली से करीब 140 किलोमीटर व उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब 500 किलोमीटर दूर करीब 550 की आबादी वाला गांव पिरोड़िया अलीगढ़ के ब्लॉक टप्पल का आखिरी गांव है, जो सालपुर ग्राम पंचायत का माजरा है।
मैं दिल्ली से 140 किलोमीटर का सफर तय कर गांव पिरोड़िया पहुंचने के 5 किलोमीटर पहले से ही बाइक के पहियों के नीचे से छिटकते हुए पत्थर, डगमगाती हुई गर्दन और बार-बार दबाई जा रहीं ब्रेक और निकाले-डाले जा रहे गियर रास्ते की हकीकत को बयां कर रहे थे।
Ground Report: बाइक लेकर जैसे ही मैंने गांव में प्रवेश किया तो माहौल सुनसान था। मेरे उल्टे हाथ की तरफ प्राथमिक विद्यालय था, जिसमें से हल्की सी बच्चों की आवाज आ रही थी। विद्यालय की तरफ देखा तो दरवाज़े पर कीचड़ थी। चारदीवारी टूटी पड़ी थी, मुख्य दरवाज़ा था ही नहीं। स्कूल परिसर में बड़ी-बड़ी घास व झाड़ियां थीं। कमरों में झांका तो 10-12 स्कूली बच्चे बिना ड्रेस खेल-कूद रहे थे और तीन मैडम अलग-अलग अपनी उधेड़-बुन में लगी थीं, वहीं स्कूल इंचार्ज विद्यालय से नदारद थीं, पूछने पर पता चला, कि वह छुट्टी पर हैं।
विद्यालय से बाहर निकला क्योंकि दिल्ली से गांव पिरोड़िया तक जाने का उद्देश्य लड़कों के रिश्ते लौट जाना, कई दशकों से गांव के मुख्य रास्ते का निर्माण न कराया जाना और गांव में जनप्रतिनिधियों का न पहुंचने जैसे तमाम सवाल जहन में थे। थोड़ा सा गली में आगे चला ही था, कि एक नीम के पेड़ के नीचे चारपाई पर बैठे एक बुजुर्ग व्यक्ति दिखे। उनके पास पहुंचा तो पता चला कि अवारा गोवंशों से बचाव के लिए अपने घरेलू पशुओं की निगरानी में बैठे हैं।
12 उपस्थित छात्रों को पढ़ाने के लिए 4 शिक्षक, बदहाल स्कूल की ईमारत व बंद पड़े सरकारी नल से आप अनुमान लगा सकते हैं कि यहाँ कि शिक्षा व्यवस्था कैसी होगी?
यह हाल जिला अलीगढ़ ब्लॉक टप्पल के गांव पिरोड़िया के प्राथमिक स्कूल का है साहब। देख लो @myogiadityanath सरकार @thisissanjubjp pic.twitter.com/PmAtMSGH01— Rohit Attri (@RohitAt78791727) March 6, 2023
Ground Report: पूछने पर काका अपना नाम सुखपाल सिंह बताते हैं, मैंने पूछा काका पानी पिलाओगे तो आवाज लगाई अंदर से एक बच्चा आया और पानी का लौटा में देकर चला गया पीने के बाद मैंने कहा, काका पानी तो आपके गांव का बहुत अच्छा और मीठा है। इतने में ही अपनी भाषा में बोले- ‘मेहनत की तो हर चीज मीठी होय..पानी चौंना मीठो होयगो..’
मैं बोला काका समझा नहीं, इतना कहते ही काका ने बिना रुके बोलना शुरू कर दिया.. “चार-चार दिन टैंकर के पानी को इंतजार करवे के बाद गि मीठो पानी नसीब होय.. या फिर मोटरसाईकिल, साईकिल, बैलगाड़ी ते 4 किलोमीटर दूर दूसरे गाम जाओ वहां ते भर के लाओ.. 25 साल ते सड़क टूटी परी है, पानी लावे में पसीना छूट जायें। हुई न मेहनत या लईयां मीठो पानी है..”
हम दोनों को बातें करते देख वहीं मौके पर एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति पहुंच गये पूछने पर नाम मनवीर बताया। हालचाल पूछा तो मायूसी भरी आवाज में मनवीर सिंह बोलते हैं, कि “हालचाल क्या भईया ऐसे गांव में रह रहे हैं, कि पानी खराब है बिल्कुल, तमाम कोशिश कर लई आजतक पानी की टंकी की व्यवस्था है ही न पाई.. गाम की टूटी सड़क और खारे पानी की वजह ते बालकन के बिहा और न है रहे रिश्ते वाये वापिस लौट जायें..”
Ground Report: मैंने फिर पूछा, आपकी समस्या को सुनने कोई तो जनप्रतिनिधि आता होगा? तो आगे बोले- “गाम में समस्या सुनवे तो दूर वोट मांगवेऊ न आमें, मोदी और योगी के नाम पे सब वोट डार दें। 25 वर्ष ते रास्ता खराब है, आजतक कोई न आयो।
इनसे बातकर गांव में थोड़ा आगे बढ़ता हूं, तो दिखता है एक सरकारी नलका खराब पड़ा ईंटों के ढेंर में दबा हुआ है, उसका हैंडल भी गायब है। आगे की तरफ नजर उठाई तो गिरारे(गली) में बैठी कुछ महिलायें आपस में बातें करने में लगीं हैं। ठहाके मारकर एक-दूसरी से ठिठोली करने में व्यस्त मग्न महिलाओं से आगे बढ़कर हालचाल जानने की कोशिश की।
कुसुम देवी नाम की महिला अपनी भाषा में बताती हैं- “सरकारी राशन लेवे के लईयां 4 किलोमीटर दूर पैदल चलके गाम सालपुर जानो परे। बाज़ार जावे के लईयां कोई वाहन की सुविधा नाय। बीमार हैं जायें तो डॉ. नाय गाम ते बाजार 10 किलोमीटर ते दूर हैं हर घर में मोटरसाईकिल व्यवस्था न होय तो पैदल जाओ.. पानी इतनो खराब है कोई न कोई बीमार होतो ही रहवे”
उनसे बात कर आगे निकलता हूं, तो घूमकर वहीं विद्यालय पर पहुंच जाता हूं, क्योंकि 550 की आबादी का यह छोटा सा गांव है, जो कि सालपुर ग्राम पंचायत में आता है। सालपुर ग्राम पंचायत में 12 गांव आते हैं।
Ground Report: स्कूल की जर्जर हालत को लेकर बात हुईं, तो खंड शिक्षा अधिकारी माज्जुदीन अंसारी ने बताया, कि स्कूल की जर्जर हालत को सुधारने का कार्य ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सचिव के अधीन आता है। वहीं स्कूल इंचार्ज की अनुपस्थिति की जाँच कराई जायेगी। ग्राम प्रधान कालीचरण करौटिया के मुताबिक़ स्कूल का प्रस्ताव भेजा चुका है, जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा।