Yasin malik: कश्मीर में आजादी की वकालत करने वाले यासीन मलिक को कोर्ट ने 2 मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई है, साथ ही 10 लाख का जुर्माना भी लगाया है। यासीन मलिक का भारत विरोधी गतिविधियों में हमेशा से हाथ रहा है। भारत की संसद पर हमला करने वाले अफजल गुरू को फांसी के बाद पाकिस्तान में हुई शोक सभा में यासीन मलिक ने फांसी का विरोध किया था। कश्मीर से भगाए गये हिंदुओं व किए गये कत्लेआमों में भी यासीन मलिक का हाथ रहा है।
यासीन को मिली सजा कैसे हो सकती है कम?
यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा मिली है, लेकिन कुछ विशेषधिकार राज्य सरकारों व राज्यपाल को प्राप्त होते हैं। जिसके तहत राज्य सरकार चाहे तो किसी भी मुजरिम की सजा की समीक्षा कर सकती है और मुजरिम के अच्छे चाल-चलन और व्यवहार के आधार पर सजा कम की जा सकती है।
यासीन मलिक पर कितने मुकदमे, क्या- क्या मिली सजा?
प्रतिबंधित जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को आज 2 मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। मलिक को कुल 9 मामलों में सजा सुनाई गई है, इनमें से एक मामले में सबसे कम 5 साल की सजा का ऐलान किया गया है तो वहीं दो मामलों में सबसे ज्यादा उम्रकैद की सजा मिली है, ये सभी सजा एक साथ चलेंगी कोर्ट ने मलिक पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
NIA ने कोर्ट में क्या बोला था?
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने कोर्ट में सबूत पेश करते हुए कहा था कि लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने पाकिस्तान की आईएसआई के समर्थन से नागरिकों और सुरक्षाबलों पर हमला करके घाटी में बड़े पैमाने पर हिंसा को अंजाम दिया था। कोर्ट ने पहले ही मलिक को दोषी ठहरा दिया था. अदालत ने माना कि मलिक ने’आजादी’ के नाम जम्मू कश्मीर में आतंकवादी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के मकसद से दुनिया भर में एक नेटवर्क स्थापित कर लिया था. NIA ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में 30 मई 2017 को केस दर्ज किया था।
Yasin malik: आपको बता दें कि यासीन मलिक तिहाड़ जेल के बैरक न.7 में अपने जीवन के बचे दिनों को पूरा करेगा तो वहीं मलिक को मिली उम्रकैद से भारत के साथ ही पाकिस्तान तक कुछ लोगों के तिलमिलाहट हो रही है, तो इधर मलिक को मिली सजा के बाद भारत में लोगों द्वारा मिठाई बांटकर जश्न भी मनाया जा रहा है।