America: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग से अपनी पार्टी के गठबंधन का बचाव किया है। उन्होंने मुस्लिम लीग को पूरी तरह सेक्युलर बताया है। जिसमें कुछ भी नॉन सेक्युलर नहीं है। उन्होंने अमेरिका में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये बात कही कि उनसे केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के साथ कांग्रेस के गठबंधन को लेकर सवाल किया गया था। राहुल गांधी के इस बयान को बीजेपी ने लपक लिया है और सवाल कर रही है कि जो पार्टी मजहब के आधार पर देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार है। वह सेक्युलर कैसे हो सकती है?
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग और केरल वाली मुस्लिम लीग एक ही हैं या इनमें कोई अंतर है? दिलचस्प बात तो ये है कि राहुल गांधी ने जिस आईयूएमएल को सेक्युलर बताया है पंडित नेहरू उसके गठन के खिलाफ थे वह नहीं चाहते थे कि आजादी के बाद भारत में मुस्लिम लीग जैसी कोई पार्टी बने।
बीजेपी ने राहुल को घेरा:
इस मुद्दे पर बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”जिन्ना की मुस्लिम लीग जो पार्टी धार्मिक आधार पर भारत के बंटवारे के लिए जिम्मेदार थी। वह राहुल के मुताबिक सेक्युलर पार्टी है वायनाड में स्वीकार्यता बनाए रखने के लिए यह उनकी मजबूरी है.” दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी अमेठी के साथ साथ वायनाड से चुनाव के मैदान में उतरे थे। अमेठी में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। जबकि वायनाड से जीतकर वे संसद पहुंचे थे। हालांकि, राहुल को इसी साल मार्च में सूरत कोर्ट ने मानहानि के मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
राहुल के किस बयान पर मचा बवाल?
इस बीच भाजपा पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि क्या तुम अनपढ़ हो भाई? क्या तुम केरल की मुस्लिम लीग और जिन्ना की मुस्लिम लीग के बीच अंतर नहीं जानते? जिन्ना की मुस्लिम लीग वह है जिसके साथ तुम्हारे पूर्वजों ने गठबंधन किया था। दूसरी वाली मुस्लिम लीग वो जिसके साथ भाजपा ने गठबंधन किया था।
1957 को छोड़ हर लोकसभा चुनाव में IUML के रहे कम से कम 2 सांसद
अब बात इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की आजादी के बाद भारत में ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की जगह इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने ली। इसे चुनाव आयोग से स्टेट पार्टी का दर्जा प्राप्त है। आईयूएमएल की मुख्य मौजूदगी केरल में है लेकिन तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी इसकी मौजूदगी है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग भले ही राष्ट्रीय स्तर पर कोई बड़ी राजनीतिक ताकत नहीं बनी लेकिन आजादी के बाद सिर्फ एक लोकसभा चुनाव को छोड़कर हर चुनाव में उसके 2 या उससे ज्यादा सांसद रहे हैं। फिलहाल लोकसभा में उसके 4 सांसद हैं।
1952 के पहले लोकसभा चुनाव में उसके 2 सांसद जीते थे हालांकि, 1957 के दूसरे लोकसभा चुनाव में उसका कोई उम्मीदवार नहीं जीत सकता। उसके बाद से हर लोकसभा चुनाव में उसके कम से कम 2 सांसद जीते 1967 के चौथे लोकसभा चुनाव में उसके 3 और 2019 में उसके 4 सांसद जीते थे। कांग्रेस ने केरल में 2019 का लोकसभा चुनाव आईयूएमएल के साथ गठबंधन करके लड़ा और वहीं वायनाड से संसदीय सीट राहुल गांधी जीते थे। हालांकि मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी से जुड़े मानहानि केस में सजा के बाद उनकी संसद की सदस्यता खत्म हो गई है।
Written By: Vineet Attri
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