Amit Shah: केंद्रीय गृहमंत्री ने J&K आरक्षण और पुनर्गठन संशोधन विधेयक किया पेश, जाने क्या है खासियत

Amit Shah

Amit Shah: मंगलवार 5 दिसंबर को संसद सत्र का दूसरा दिन है। आज केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर से संबंधित दो अहम बिल पेश किए। इन बिलों की सीधा प्रभाव जो पढ़ेगा वो कश्मीरी पंडितों के साथ ही पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) पर पड़ने वाला है। जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पेश किया।

कश्मीरी पंडितों के लिए 2 और पाक अधिकृत कश्मीर के विस्थापितों के लिए 1 सीट

Amit Shah: बिल की खासियत ये है कि इस बिल का असर कश्मीर से विस्थापित कश्मीरी पंडितों पर पड़ने वाला है। ये बिल अगर कानून बन जाता है तो  जम्मू-कश्मीर में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए 2 और पाक अधिकृत कश्मीर के विस्थापितों के लिए 1 सीट आरक्षित करने का प्रावधान है।

Amit Shah: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 के मुताबिक, कश्मीरी प्रवासियों को नॉमिनेट करने की व्यवस्था की गई है। विधेयक में कहा गया है कि उपराज्यपाल कश्मीरी प्रवासी समुदाय से अधिकतम दो सदस्यों को विधानसभा में नामांकित कर सकते हैं। इनमें से एक सदस्य महिला होनी चाहिए। प्रवासियों को ऐसे व्यक्तियों के रूप में परिभाषित किया गया है जो 1 नवंबर, 1989 के बाद कश्मीर घाटी या जम्मू और कश्मीर राज्य के किसी अन्य हिस्से से चले गए और राहत आयुक्त विभाग में पंजीकृत हैं।

अमित शाह: एक देश में दो प्रधानमंत्री, दो संविधान और दो झंडे कैसे हो सकते हैं?

Amit Shah: लोकसभा में जम्मूकश्मीर विधेयकों पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाहएक देश में दो प्रधानमंत्री, दो संविधान और दो झंडे कैसे हो सकते हैं? जिन्होंने ऐसा किया, उन्होंने गलत किया। पीएम मोदी ने इसे ठीक किया। हम 1950 से कह रहे हैं किएक प्रधान, एक निशान, एक विधानहोना चाहिए।देश में एक प्रधानमंत्री, एक झंडा और एक संविधान) और हमने यह कर दिखाया।

Union Home Minister Amit Shah during discussion on J&K bills in Lok Sabha

“How can a country have two PMs, two constitutions and two flags? Those who did this, they did wrong. PM Modi corrected it. We have been saying since 1950 that there should be ‘Ek Pradhan, Ek Nishan, Ek… pic.twitter.com/oyKUtrMlju

Amit Shah: जम्मू और कश्मीर आरक्षण अधिनियम अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के सदस्यों को राज्य सरकार के पदों पर नियुक्ति और पेशेवर संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण प्रदान करता है।

शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने किया बिल का समर्थन

जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल पर बोलते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि हम इसका समर्थन करते हैं।बता दें कि 4 दिसंबर से शुरू हुआ और सत्र का समापन 22 दिसंबर को होगा। इस दौरान 15 बैठक आयोजित की जायेगी। जहां जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल समेत तमाम विषय पर चर्चा और बिल पेश किये जाएंगे। चार राज्यों में परिणाम सामने आने के बाद संसद का पहला सत्र है। कांग्रेस की तीन राज्यों मे करारी हार का असर संसद में भी देखने को मिल रहा है।

Written By- Vineet Attri.

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।