COP 28: सीओपी28 समिट में अपने संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन को गंभीर समस्या बताया और साथ ही कहा कि कार्बन उत्सर्जन में 45 फीसद की कमी लाने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने भारत की मेजबानी में अगला सम्मेलन आयोजित कराने का प्रस्ताव भी रखा।भारत ने अपनी जी 20 अध्यक्षता में वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर की भावना के साथ क्लाइमेट के विषय को निरंतर महत्व दिया है।
COP 28: उन्होंने आगे कहा कि “सस्टेनेबल भविष्य के लिए हमने मिलकर ग्रीन डेवेलपमेंट पैक्ट पर सहमति बनाई। हमने सतत विकास के लिए जीवनशैली के सिद्धांत बनाए, हमने वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा को 3% करने पर प्रतिबद्धता जताई।”
COP 28: पीएम मोदी ने कहा, “मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं कि मेरे द्वारा उठाए गए क्लाइमेट जस्टिस, क्लाइमेट फाइनेंस और ग्रीन क्रेडिट जैसे विषयों को आपने निरंतर समर्थन दिया है। हम सभी के प्रयासों से यह विश्वास बढ़ा है कि विश्व कल्याण के लिए सबके हितों की रक्षा आवश्यक है, सबकी भागीदारी आवश्यक है।”
COP 28: पीेएम मोदी ने कहा, “आज भारत ने दुनिया के सामने इकोलॉजी और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। भारत में दुनिया की 17% आबादी रहती है, इसके बावजूद वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में इसका योगदान 4% से कम है। भारत दुनिया की उन कुछ अर्थव्यवस्थाओं में से एक है जो NDC लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर है।”
#WATCH दुबई, संयुक्त अरब अमीरात | HoS/HoG के लिए COP28 उच्च-स्तरीय खंड के उद्घाटन पर PM मोदी ने कहा, “आज भारत ने दुनिया के सामने इकोलॉजी और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। भारत में दुनिया की 17% आबादी रहती है, इसके बावजूद वैश्विक कार्बन उत्सर्जन… pic.twitter.com/lqNlzdvVGU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 1, 2023
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